मलयालम एक्टर पृथ्वीराज सुकुमारन ने साल 2019 में डायरेक्शन में डेब्यू किया था। उन्होंने अपनी पहली ही डायरेक्टोरियल फिल्म ‘लूसिफर’ से सफलता का स्वाद चखा। इस ट्रियोलॉजी की दूसरी फिल्म ‘L2 एम्पुरन‘ पांच भाषाओं में रिलीज को तैयार है। बड़े प्रोडक्शन हाउस, बिग बजट और बड़े स्टार वाली ये फिल्म 27 मार्च को रिलीज होगी। हाल ही में कोच्चि में फिल्म का टीजर रिलीज किया गया। इस खास मौके पर पृथ्वीराज सुकुमारन ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। सवाल- ‘लूसिफर’ के ब्लॉकबस्टर होने के बाद दर्शकों की उम्मीद काफी बढ़ गई है। ‘L2 एम्पुरन’ क्या उस उम्मीद पर खरी उतरेगी? जवाब- मैं जानता हूं कि लोगों को इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं। लेकिन सच ये है कि इस फिल्म को बनाते समय मैंने इन बातों का उतना लोड नहीं लिया। ‘L2’ इसलिए नहीं बनी कि पार्ट-1 सफल रही। इस फ्रेंचाइजी के तीन पार्ट पहले से ही तय थे। लेकिन हम हमेशा से जानते थे कि अगर पार्ट-1 सफल नहीं हुआ तो पार्ट-2 कभी नहीं बनता। लेकिन शुक्र है कि ‘लूसिफर’ मलयालम इंडस्ट्री की आइकॉनिक फिल्म बनी। ‘लूसिफर’ की कहानी केरल की राजनीति पर आधारित थी लेकिन पार्ट-2 की कहानी नेशनल लेवल पर है। इस फिल्म की 33 फीसदी कहानी हिंदी में है। पार्ट-1 में भी मेरा किरदार सिर्फ हिंदी में बात करता था। मेरी कोशिश रही है कि फिल्म के हर वर्जन में हिंदी वाला पार्ट वैसा ही रहे। इस वजह से हम इसे उत्तर भारत में अच्छे से रिलीज करना चाहते हैं। हमें यकीन है कि अगर किसी ने पार्ट-1 नहीं भी देखी है तो उसे ये फिल्म समझ आ जाएगी। ये फिल्म अपनी कहानी खुद कहने वाली है। सवाल- ‘L2’ के टीजर को तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़, हिंदी हर भाषाओं में दर्शकों का प्यार मिल रहा है। क्या ये सही मायनों में पैन इंडिया फिल्म है? जवाब- मैंने जब 2016-17 में ये आइडिया सुना था, मुझे उसी समय पता था कि इस पर बहुत बढ़िया मेनस्ट्रीम फिल्म बनेगी। ये वो फिल्म होगी, जिसके लिए ऑडियंस थिएटर पहुंचेगी। हॉल में लोग तालियां बजाएंगे और खूब एंजॉय करेंगे। मुझे इस तरह की फिल्में पसंद हैं। मैं मनमोहन देसाई सर का बहुत बड़ा फैन हूं। मुझे सलीम-जावेद की फिल्में पसंद हैं। मैं अभी भी अमिताभ बच्चन की क्लासिकल फिल्मों को दोबारा देखता हूं। मुझे ‘KGF’, ‘बाहुबली’, ‘पुष्पा’ जैसी फिल्में पसंद हैं। मुझे ‘उड़ान’, ‘कुम्बलंगी नाइट्स’, ‘मंजुमल बॉयज’ भी अच्छी लगती हैं। इस फिल्म को बड़ा बनाना और ग्लोबल लेवल पर ले जाना सब कुछ नेचुरल तरीके से ही हुआ। हमने ऐसा नहीं सोचा कि पार्ट-1 हिट हो गया तो चलो दूसरे पार्ट को वैसा प्लान करते हैं। इसमें खूब पैसे लगाते हैं। चाहे पार्ट-1 हो या पार्ट-2 मैं एक चीज को लेकर बहुत सख्त था कि फिल्म की शूटिंग रियल लोकेशन पर हो। मैं नहीं चाहता था कि ये फिल्म क्रोमा पर बने। कंप्यूटर जेनरेटेड इमेजरी (CGI) पर मेरा यकीन नहीं है। मेरी कोशिश रही है कि फिल्म रियल लग सके। शायद आपको टीजर देखकर समझ भी आ रहा होगा। सवाल- मोहनलाल जैसे सुपरस्टार को डायरेक्ट करने का अनुभव कैसा रहा? जवाब- मैं बतौर डायरेक्टर अपनी फिल्म और विषय को लेकर काफी निष्पक्ष हूं। जब मैं डायरेक्ट करता हूं उस वक्त मेरे सामने एक्टर मोहनलाल होते हैं। मैं जानता हूं कि वो कितने बड़े सुपरस्टार हैं। मुझे उनका स्टारडम भी पता है। मैं भी स्टार मोहनलाल का फैन हूं। लेकिन मोहनलाल के साथ काम करना बहुत आसान है। एक्टर के तौर पर वो अद्भुत हैं। वो बहुत ज्यादा प्रोफेशनल भी हैं। शूट के पहले दिन उन्होंने सेट पर आते ही मुझसे पूछा कि तुम मुझसे क्या करवाना चाहते हो? वो चाहते थे कि डायरेक्टर उन्हें बताए। वो डायरेक्टर को सुनना चाहते थे। सवाल- फैंस को यह भी लगता है कि जब आप खुद इतने बड़े स्टार हैं फिर ‘लूसिफर’ का रोल आपने क्यों नहीं निभाया? जवाब- मैं जिस तरह से इस किरदार को देखता हूं, मेरी नजर में ‘लूसिफर’ सिर्फ मोहनलाल सर हो सकते हैं। शायद कोई और स्टार इस रोल को अलग तरीके से निभाता और वो भी इतना ही बढ़िया करता। लेकिन मेरे दिमाग में सिर्फ मोहनलाल सर थे। सवाल- लाइका प्रोडक्शन ने पैन इंडिया बड़ी और सुपरहिट फिल्में दी हैं। उनके साथ अपने मेगा बजट प्रोजेक्ट के बारे में बताइए। जवाब- लाइका प्रोडक्शन ने मुझसे पहली बार एक फिल्म डायरेक्ट करने के लिए संपर्क किया था, जिसमें रजनीकांत सर लीड होते। मेरे जैसे नए फिल्ममेकर के लिए ये बहुत बड़ा मौका था। मैं उस ऑफर के लिए एक्साइटेड भी था। लेकिन अफसोस की मेरे पास रजनी सर के लिए कोई बढ़िया सब्जेक्ट नहीं था। ऐसे में मैं रजनी सर को पिच नहीं कर सकता था। हालांकि, मेरे पास एक आइडिया था, जो मैंने सुबास्करण सर (लाइका प्रोडक्शन फाउंडर) के साथ शेयर किया। उन्हें वो पसंद भी आया। लेकिन उस वक्त मैं फिल्म ‘गोट लाइफ’ की शूटिंग में बिजी था इसलिए आइडिया पर काम नहीं कर सका। शायद कभी मौका मिलेगा तो मैं रजनी सर को आइडिया पिच करूंगा। एक और प्रोजेक्ट है, जिसमें मैं बतौर एक्टर लाइका के लिए काम कर रहा हूं। इस पर बहुत लंबे समय से काम चल रहा है। जब वो चाहेंगे मैं इसका अनाउसमेंट करूंगा। सवाल- ‘लूसिफर’ के तेलुगु रीमेक में चिरंजीवी के साथ सलमान खान भी दिखे। क्या L3 के रीमेक में भी वो कैमियो करेंगे? जवाब- हमें L3 की स्टोरी पता है लेकिन अभी आइडिएशन प्रोसेस में ही है। मुझे लगता है कि जब तक ‘L2’ रिलीज नहीं हो जाती, तब तक तीसरे पार्ट पर काम करने का कोई मतलब नहीं बनता है। वैसे भी मैं स्टार्स को नहीं सब्जेक्ट को डायरेक्ट करता हूं। उसके बाद मैं स्टार्स के पीछे जाता हूं जो उस फिल्म या रोल के लिए सूटेबल हों। मेरी अगली फिल्म में कौन होगा ये फिल्म के सब्जेक्ट पर निर्भर करता है। मैं इस तरह का फिल्ममेकर नहीं हूं जो ये सोचता हो कि मुझे इस स्टार के साथ काम करना है। मेरा काम सबसे पहले पेपर पर होता है। सवाल- कोविड के बाद से OTT के जरिए हिंदी पट्टी में मलयालम फिल्मों को एक्सपोजर मिला है। क्या इसका फायदा ‘L2’ को मिलेगा? जवाब- मैं इस बात से बहुत खुश हूं। ये सिर्फ एक या दो मलयालम, तमिल, तेलुगु या कन्नड़ फिल्म की बात नहीं है। अभी के समय में कंटेंट आसानी से उपलब्ध है। कोई भी कहीं से भी इन्हें देख सकता है। मुझे लगता है कि कल को कोई बढ़िया असामी फिल्म रिलीज हो, उसकी चर्चा हो और वो किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर होगी तो लोग देखेंगे। ऑडियंस अब अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों को देखने के लिए सहज हो चुकी है। जैसा कि आपने कहा कि ‘आवेशम’, ‘मार्को’ जैसी कई और फिल्में हिंदी पट्टी में हिट रही तो इनका फायदा ‘L2’ और आने वाली बाकी फिल्मों को भी जरूर मिलेगा। ‘पुष्पा’,’केजीएफ’ ‘सालार’ जैसी फिल्में अब सिर्फ तेलुगु इंडस्ट्री की फिल्म नहीं रही हैं, ये हर किसी के लिए है। सवाल- हिंदी प्रोजेक्ट को लेकर आप काफी सेलेक्टिव हैं। आने वाले समय में हिंदी पट्टी के फैंस आपको किस तरह के प्रोजेक्ट में देखेंगे। जवाब- मैंने दो हिंदी फिल्मों को हां कहा है। जब मेकर्स इनकी घोषणा करेंगे तब आपको पता चलेगा। मैंने अभी एक हिंदी फिल्म की शूटिंग खत्म की है। वो प्रोजेक्ट पोस्ट प्रोडक्शन में है और जल्द ही रिलीज होगी। इसकी घोषणा भी सही समय आने पर मेकर्स और स्टूडियो की तरफ से होगी। सवाल- बॉलीवुड में ‘मी टू’ आंदोलन चला। हाल ही में मलयालम इंडस्ट्री से भी खबरें आईं। बतौर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर सेट पर सब सही हो आप कैसे श्योर करते हो? जवाब- मुझे खुशी है कि अब इस तरह के मुद्दे बाहर आ रहे हैं। मलयालम इंडस्ट्री में कुछ नियम बनाए गए हैं, जिसे फॉलो किया जाएगा। हर सेट पर एक इंटरनल कंप्लेंट कमिटी होगी। कोई एक खास व्यक्ति उसे लीड करेगा। कमिटी में तीन-चार और लोग होंगे। किसी भी तरह की शिकायत पर कमिटी तुरंत एक्शन लेगी और ऑथराइज्ड अपर बॉडी को रिपोर्ट करेगी। मैं सिर्फ अपनी फिल्मों की गारंटी ले सकता हूं। आप देखेंगे कि वहां पर एक सेट रूल होगा।