मोबाइल के स्मार्ट यूज़र बनने के लिए एक मजबूत पासकोड बनाएं, सेफ और मेडिकल एप्स की मदद से आप रह सकती हैं सुरक्षित और सेहतमंद

महिलाओं को स्मार्ट फोन संभालने में अक्सर कम आंका जाता है। वे नई तकनीक सीखने में कम दिलचस्पी लेती हैं, जिसकी वजह से अधिकतर कामों के लिए बच्चों या घर के अन्य सदस्यों पर निर्भर रहती हैं। यहां हम ऐसी जानकारियां साझा कर रहे हैं, जिनसे आप बन जाएंगी स्मार्ट यूज़र।

मज़बूत पासकोड

स्मार्टफोन को सुरक्षित करने के लिए पहला क़दम एक मज़बूत पासकोड रखना है। एक मज़बूत पासकोड का अर्थ यह नहीं है कि आपके निक नेम या जन्मतिथि का उपयोग किया जाए। आपको पासकोड मज़बूत करने के लिए अल्फाबेट्स, न्यूमेरिक्स, स्पेशल कैरेक्टर जैसे @ #% & * शामिल करने होंगे।

इस तरह के पासकोड को हैक करना मुश्किल होता है। अब बॉयोमेट्रिक लॉक से सुरक्षा कई गुना बढ़ गई है, तो जब भी आप किसी के साथ हैं तो हमेशा बॉयोमेट्रिक लॉक का प्रयोग करें जिससे सामने वाले को आपके पासकोड के बारे पता नहीं चलेगा।

एप लॉक

यदि आपको स्मार्टफोन में आइकॉन और एप्स को संभालकर रखने के बारे में नहीं पता तो आप एप लॉक की सुविधा का प्रयोग कर सकती हैं। एप लॉक एप्लिकेशंस प्ले स्टोर और ios में मिल जाएगा जहां आप अपने एप्स को और सुरक्षित कर सकती हैं।

जैसे गैलरी एप्स में एप लॉक डालने पर कोई भी फोटो, वीडियो नहीं देख सकेगा। वॉट्सएप में भी आप एप लॉक लगा सकती हैं। जहां लॉक लगाना है उस पर लॉक एप्लिकेशन का प्रयोग करें।

इंस्टॉल सेफ़ एप्स

गूगल ने एक विभाग बनाया है जो प्ले स्टोर में जोड़े जाने वाले एप्स की जांच के लिए समर्पित है। यह विभाग उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने से पहले अधिकांश हानिकारक एप हटा देता है।

हालांकि, कई अन्य स्रोत हैं जहां से कोई भी एंड्रॉइड के लिए एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकता है लेकिन वहां एप सुरक्षित है या नहीं इसकी कोई जांच नहीं होती। इसलिए जब भी आप कोई एप्लिकेशन इनस्टॉल करें तो हमेशा प्ले स्टोर से डाउनलोड करें, किसी अन्य प्लेटफॉर्म का उपयोग न करें।

सुरक्षा एप्स

कई एप्लिकेशन हैं जो हमारी सुरक्षा के उद्देश्य से बनाए गए हैं। Avast, Bitdefender, McAfee, Norton, Kaspersky, Trend Micro इत्यादि। हर सुरक्षा एप का सर्विस देने का अपना तरीक़ा है, जैसे कोई शुरू में नि:शुल्क सेवा देता है और कोई शुरू में ही भुगतान के लिए कहता है।

इन सुरक्षा एप्स में ऑटोमैटिक स्कैन, मैलवेयर डिटेक्शन, डेटा चोरी से रोकने जैसी सुविधाएं मिलती हैं। इनमें, कॉल ब्लॉकिंग, रिमोट लॉक, प्राइवेसी स्कैनर, इत्यादि भी रहते हैं। ये एप मोबाइल के सुरक्षा कवच का काम करते हैं।

ऐसे चुनें सही डॉक्टर

दो तरह से डॉक्टर चुन सकते हैं। आपका कोई पारिवारिक डॉक्टर है या जिस डॉक्टर से हमेशा जांच कराते हैं उनसे वीडियो कॉल के ज़रिए सलाह ले सकते हैं। दूसरा विकल्प है, किसी मेडिकल एप की मदद से ज़रूरत के मुताबिक़ डॉक्टर चुन सकते हैं। पर इनमें सही डॉक्टर कैसे चुनना है ये भी जान लीजिए…

– टेलीमेडिसिन के लिए ऐसा एप चुनें जो सुरक्षित और जाना-माना हो। ऐसे कई मोबाइल एप्स मौजूद हैं जो टेलीमेडिसिन की सेवा देते हैं। पर चुनना वही है जो सुरक्षित और भरोसेमंद हो।

– स्वास्थ्य समस्या के मुताबिक़ चिकित्सक या विशेषज्ञ चुनने के लिए उसकी योग्यता और विशेषज्ञता पर ख़ास ध्यान दें। पूरी जानकारी और नियम-शर्तें ठीक से पढ़ें। गोपनीयता और अनुपालन की गारंटी हो, ये भी ध्यान रखें ताकि परामर्श और रिकॉर्ड सुरक्षित रह सकें।

– इसके अलावा लोगों के फीडबैक और रेटिंग के आधार पर भी सही चिकित्सक चुन सकते हैं। इसके लिए किसी परिचित की मदद भी ले सकते हैं।

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