लॉकडाउन की वजह से मोरटाेरियम की सुविधा लेने वाले 34% नौकरीपेशा लोगों ने भविष्य में नौकरी जाने या वेतन कम हो जाने के डर की वजह से इसे अपनाया था, उनकी आय में कोई कमी नहीं हुई थी। वहीं, मोरटोरियम का फायदा लेने वाले 40% लोग इसी महीने से ईएमआई देने में सक्षम हैं। पैसाबाजार कॉम के एक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन ग्राहकों ने मोराटोरियम लिया था, उनमें से एक बड़े वर्ग की आय प्रभावित नहीं हुई और उनके पास पुनर्भुगतान क्षमता है। 23% लोगों ने कहा कि उन्होंने मोराटोरियम का लाभ उठाया है, लेकिन यह भी बताया कि इस अवधि में उनकी आय में कोई कमी नहीं आई। ऐसा करने में नौकरीपेशा लोगों की संख्या 34% है।
70 % ने कहा- लोन रिस्ट्रक्चर प्लान के लिए करेंगे आवेदन
सर्वे में एक लाख रु. या इससे अधिक के लोन वाले 35 शहरों के 8500 उपभोक्ताओं (उम्र 24-57 वर्ष) ने भाग लिया। आधे से अधिक ग्राहकों ने कहा- वे लोन रिस्ट्रक्चर प्लान के लिए अपने बैंक/ लोन संस्थान से संपर्क करना चाहेंगे। 70% ने कहा कि वे लोन रिस्ट्रक्चर प्लान के लिए आवेदन करेंगे।
86% स्वरोजगार करने वालों को आय में नुकसान हुआ
स्व-रोजगार ग्राहकों में से 86% ने प्रतिबंध के कारण आय में नुकसान की सूचना दी। 25% की आय शून्य हो गई थी। नौकरीपेशा ग्राहकों पर कम लेकिन फिर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। 56% नौकरीपेशा उपभोक्ताओं ने कहा कि महामारी और प्रतिबंधों के कारण उनका वेतन प्रभावित हुआ है।
चेन्नई में सबसे कम, दिल्ली मुंबई में ज्यादा असर
दिल्ली-एनसीआर व मुंबई में लोगों की आय और पुनर्भुगतान क्षमता सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। चेन्नई सबसे कम प्रभावित था। चेन्नई से सर्वे में भाग लेने वाले 48% से अधिक उपभोक्ताओं ने कहा- उन पर स्वास्थ्य संकट और लॉकडाउन के कारण कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है।