मौत से एक रात पहले उदास थीं दिव्या भारती:4 अप्रैल को गुड्डी मारुति की पार्टी में बार-बार कह रही थीं- ‘आउटडोर नहीं जाना’

हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री दिव्या भारती की जिंदगी जितनी चमकदार थी, उतनी ही रहस्यमयी भी रही। उनके निधन के सालों बाद भी उनका नाम आते ही लोगों की आंखें नम हो जाती हैं। कुछ दिन पहले एक्ट्रेस गुड्डी मारुति ने दिव्या को याद करते हुए उनके साथ बिताए लम्हों को शेयर किए थे। दिव्या बहुत जिंदादिल और बिंदास
सिद्धार्थ कन्नन को दिए गए इंटरव्यू में गुड्डी मारुति ने कहा था कि दिव्या भारती एक जिंदादिल और बिंदास लड़की थीं। गुड्डी मारुति ने कहा, “एक इंसान के तौर पर वो बहुत अच्छी लड़की थी, लेकिन शायद वो थोड़ी सी उलझन में थी। मुझे नहीं पता, मुझे उसका बचपन या उसकी उम्र का कोई खास पता नहीं है, लेकिन कुछ तो था जो उसे अंदर से परेशान करता था। वो जिंदगी ऐसे जीती थी जैसे बस आज का दिन ही है बिंदास, बेपरवाह, लेकिन फिर भी, वो एक बहुत अच्छी लड़की थी।” गुड्डी मारुति कहा था, “जब ‘शोला और शबनम’ बन रही थी, उस वक्त वो साजिद नाडियाडवाला के साथ थी। गोविंदा, दिव्या, साजिद, डेविड और हम सब 4 अप्रैल को मेरे बर्थडे पर वांग चू में पार्टी कर रहे थे। बाहर से तो सब ठीक लग रहा था, लेकिन अंदर से मुझे लगा कि वो (दिव्या) बहुत उदास है। वो बार-बार कह रही थी कि मुझे आउटडोर शूटिंग पर नहीं जाना, लेकिन साजिद ने कहा कि प्रोड्यूसर को कमिटमेंट है तो जाना ही पड़ेगा। अगले दिन ‘दुलारा’ की शूटिंग थी।” फ्लाइट में रतन जैन ने खबर दी
गुड्डी मारुति ने आगे ये भी बताया, “5 अप्रैल की रात को सब कुछ हुआ। 6 अप्रैल की सुबह मेरी कुल्लू-मनाली की फ्लाइट थी। फ्लाइट में रतन जैन (फिल्म प्रोड्यूसर) मिले। उन्होंने कहा कि दिव्या… सुना? अब नहीं रही।’ मैं हैरान रह गई। मैंने कहा कि क्या कह रहे हैं आप? उन्होंने बताया कि पिछली रात सब कुछ हुआ। फिर जब दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी तो मैंने घर फोन किया और अपने पति (जो उस समय दोस्त थे) से कहा कि कुछ अजीब सा हुआ है, देखो क्या पता चलता है। फिर उन्होंने जाकर कूपर हॉस्पिटल में देखा… सब कुछ बहुत दुखद था।” पांचवें माले की बाउंड्री के बाहर बैठी थी
गुड्डी मारुति ने यह भी बताया, “एक दिन की बात है, नेचुरल आइसक्रीम शॉप के पास एक पांच मंजिला इमारत थी। रात को मैंने ऊपर देखा तो दिव्या पांचवें माले की पैराबिट (बाउंड्री) के बाहर बैठी थी, उसके पैर नीचे लटक रहे थे। मैंने ऊपर देखा और चौंक गई और कहा कि दिव्या, ये क्या कर रही हो, अंदर आओ’ लेकिन वो बोली कि कुछ नहीं होता। दिव्या को ऊंचाई से डर नहीं लगता था।” उन्होंने ये भी कहा, “जब उसकी मौत हुई तब भी शायद वो यही कर रही थी, किसी खिड़की से बाहर निकली और संतुलन बिगड़ गया। लोग कहते हैं कि शायद उस वक्त वो ‘हाई’ थी और उसने बस इतना कहा कि मैं देख रही थी साजिद आ रहा है या नहीं। जिस खिड़की में ग्रिल नहीं थी, वहीं से नीचे उतरी और संतुलन बिगड़ गया। बहुत दुखद था। क्या जिंदगी थी, क्या सुंदर लड़की थी, कितनी अच्छी एक्ट्रेस थी, और कितनी जिंदादिल इंसान थी।” गुड्डी मारुति ने ये भी बताया कि दिव्या भारती ने उन्होंने मजाक में एक अंगूठी दे दी थी। गुड्डी मारुति ने कहा, “एक दिन उसने मुझे अपनी एक हरे रंग की एमरल्ड जैसी अंगूठी दी और बोली, ‘पहन लीजिए, आपकी शादी जल्दी हो जायेगी।’ मैं उस वक्त शादीशुदा नहीं थी। उसने मस्ती में दी थी, लेकिन दिल से चाहती थी कि मेरी भी शादी हो जाए।”