म्यूचुअल फंड के एसआईपी में आप करते हैं निवेश तो जानिए उसके नियम, किस तरह से आपको यह करना चाहिए

अगर आप म्यूचुअल फंड के एसआईपी में निवेश करते हैं तो आपको इस निवेश का नियम समझना होगा। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि निवेशक कभी -कभी घबराकर पैसा निकाल लेता है, जिसका खामियाजा उसे भुगतना होता है। किसी भी मिडिल क्वारटाइल इक्विटी म्यूचुअल फंड को लें और पहले की किसी भी 10 साल की एसआईपी अवधि को लें, आपको पता चलेगा कि उनका वार्षिक रिटर्न अन्य सभी असेट क्लास को काफी पीछे छोड़ देता है।

एसआईपी शुरू करने वाले सभी निवेशक रिटर्न हासिल नहीं कर पाते हैं। यदि आप एक निवेशक हैं जो सफल एसआईपी निवेश करना चाहते हैं तो ये तीन सुनहरे नियम आपकी मदद कर सकते हैं।

नियम 1: ठीक से समझिये कि कैसे काम करते हैं

कई निवेशक जो रिकरिंग डिपॉजिट और पीएफ जैसी फिक्स्ड रिटर्न असेट्स से एसआईपी में जाते हैं, वे वास्तव में ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें ठीक से जानकारी नहीं होती है। 5-10 साल की अवधि में 12-14% से लेकर पिछले रिटर्न से आकर्षित होकर वे यह मान लेते हैं कि ये रिटर्न वास्तव में ऐसे ही नहीं रहने वाले हैं। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जिनमें एसआईपी रिटर्न पहले दो या तीन वर्षों के लिए नकारात्मक रहा है और सप्ताह या महीनों बाद वार्षिक आधार पर यह रिटर्न्स 10 प्रतिशत से ज्यादा हो गया।

अनुशासन और धैर्य है जरूरी

एसआईपी के जादू को केवल धैर्य और अनुशासन के माध्यम से महसूस किया जा सकता है। यदि कम रिटर्न आपको निराश करते हैं, या आप लगातार वार्षिक वृद्धि की उम्मीद के साथ एसआईपी के माध्यम से निवेश कर रहे हैं, तो आप इसकी पूरी क्षमता का एहसास कभी नहीं कर पाएंगे। इसलिए ध्यान रखें कि अपनी एसआईपी की यात्रा के समय आपको बहुत कुछ सेट करना होता है।

नियम 2: बंद-शुरू-बंद मत करो

अक्सर देखा गया है कि निवेशक इक्विटी बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर एसआईपी को कभी बंद करते हैं और कभी शुरू करते हैं। आपको यह जानना महत्वपूर्ण है कि निवेशक आम तौर पर बाजार के साइकिल (चक्र) पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। तेजी का चक्र निवेशकों में गजब का उत्साह भर देता है। ज्यादातर निवेशक जब बाजार तेजी में होता है तब एसआईपी शुरू करते हैं। क्योंकि जो इस तेजी में प्रदर्शन रहा है, उन्हें अच्छा लगता है। पर जब मंदी का चक्र आता है तो ज्यादातर निवेशकों के दिल में निराशा और डर पैदा हो जाता है। वे एसआईपी रोक देते हैं।

लंबी अवधि के लिए सही आदत बनाएं

इस तरह की आदतों से निवेशक लंबी अवधि में असेट का निर्माण नहीं कर पाते हैं। क्योंकि सबसे बड़ा लाभ, रुपए की औसत लागत ऐसे समय में अर्जित नहीं होती है। वास्तव में, एसआईपी को कभी रोकना और कभी शुरू करना बहुत ही घातक सिद्ध होता है। इससे लंबी अवधि में आपको नुकसान होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझें कि आपको अपनी भावनाओं पर काबू पाना होगा। एसआईपी को कभी रोकना और फिर शुरू करना केवल एक बुरा रिटर्न ही दे सकता है।

नियम 3: अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखें

उतार चढ़ाव वाले ग्रोथ असेट्स में सिस्टैमैटिक निवेश सबसे अच्छा काम तब करते हैं जब उनके लक्ष्य स्पष्ट होते हैं। दिलचस्प बात यह है कि हमने देखा है कि 3681 रुपए प्रति महीने जैसे रैंडम नंबर वाले एसआईपी लंबे समय तक जारी रहते हैं जबकि राउंड फिगर वाले एसआईपी जैसे कि 4000 रुपए वाले कम अनुशासित होते हैं।

राउंड फीगर वाली एसआईपी बिना सोचे समझे की जाती है

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रैंडम राशि की एसआईपी का चुनाव काफी सोच विचार कर, अपने सेवानिवृत्ति या अपने बच्चे की शिक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता है। राउंड फिगर वाली एसआईपी कभी भी शुरू कर दी जाती है। उत्तम रिजल्ट के लिए अपने एसआईपी को शुरू करने से पहले एक वित्तीय योजना का खाका तैयार करें। उसकी प्रगति को ट्रैक करते रहें।

मासिक लक्ष्य वाली एसआईपी आवश्यक

30 साल में 5 करोड़ के साथ रिटायर होना चाहते हैं तो आपको 14,306 रुपए मासिक निवेश करना चाहिए। 15 साल में बच्चे के ग्रेजुएशन खर्च के लिए 50 लाख की जरूरत के लिए 10,008 रुपए मासिक निवेश करें। 7 साल में 1 करोड़ रुपए के फ्लैट पर 20% डाउन पेमेंट के लिए मासिक 15,305 रुपए निवेश करें। (यह अनुमान प्रति वर्ष 12% के सीएजीआर रिटर्न को मानते हुए किया गया है)

म्यूचुअल फंड से मिलने वाले रिटर्न की गारंटी नहीं होती है। निवेश करने से पहले जोखिमों को सावधानीपूर्वक समझें। ऐसा करने से आप जोखिम से बचे रहेंगे और एक बेहतर निवेश बनाया जा सकेगा। यह आपके निवेश पोर्टफोलियो को फायदा पहुंचा सकता है।

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म्यूचुअल फंड से मिलने वाले रिटर्न की गारंटी नहीं होती है। निवेश करने से पहले जोखिमों को सावधानीपूर्वक समझें। ऐसा करने से आप जोखिम से बचे रहेंगे और एक बेहतर निवेश बनाया जा सकेगा