संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूनजीए) के वर्चुअल सेशन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को अपना भाषण दिया। उन्होंने कहा- चीन दुनिया का सबसे बड़ा विकासशील देश है। हम शांति बनाए रखने में यकीन करते हैं, अपना दबदबा, विस्तार या प्रभाव कायम नहीं करते। हमारा किसी भी देश के साथ न तो हॉट और न ही कोल्ड वॉर करने का कोई इरादा है। हम हमेशा दूसरे देशों से बातचीत करने अपने मतभेदों को कम करने और विवादों को निपटाना जारी रखेंगे।
जिनपिंग ने यूएनजीए में शामिल दुनिया भर के नेताओं से कोरोना के खिलाफ लड़ाई पर राजनीति न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर चीन वैक्सीन तैयार करेगा तो दुनिया भर के लोग इसे इस्तेमाल कर सकेंगे। इस वैक्सीन को ग्लोबल पब्लिक गुड की कैटेगरी में रखा जाएगा।
दुनिया भर को दी जाएगी चीन में तैयार होने वाली वैक्सीन
उन्होंने कहा कि चीन में तैयार होने वाली वैक्सीन को सबसे पहले विकासशील देशों में पहुंचाने को प्राथमिकता दी जाएगी। दुनिया को इस महामारी से लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को अगुआई करने की जिम्मेदारी देनी चाहिए।
हमें इस वैश्विक संकट से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए। इसके खिलाफ लड़ाई में हमें साइंस गाइडलाइन्स के मुताबिक काम करना चाहिए। यह दुनिया पर आने वाला आखिरी संकट नहीं है, ऐसे में हमें समझदारी दिखाते हुए साथ आना चाहिए।
चीन पेरिस क्लाइमेट समझौते का पालन करेगा
जिनपिंग ने कहा कि चीन पेरिस क्लाइमेट समझौते का पालन करेगा। पर्यावरण को बचाने के लिए यह और ज्यादा कड़े नियमों को अपनाएगा। हमने 2030 तक कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने का लक्ष्य तय किया है। 2060 तक हम चीन में कार्बन न्यूट्रिलिटी लाने के लिए काम कर रहे हैं।
तुर्की ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया
तुर्की के राष्ट्रपति रेजेप तैयप एर्दोआन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर से कश्मीर का मामला उठाया। उन्होंने इसे ज्वलंत मुद्दा बताया। उन्होंने पिछले साल कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की आलोचना की और कहा कि इसके बाद यह समस्या और ज्यादा गंभीर हो गई है।
दक्षिण एशिया की स्थिरता और शांति के लिए कश्मीर का मामला बेहद महत्वपूर्ण है। हम संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत बातचीत के जरिए इस मुद्दे को हल करने के पक्ष में हैं।