यूक्रेन जंग रोकने के लिए रूस-अमेरिका पहले अपने रिश्ते सुधारेंगे:सऊदी अरब में 4 घंटे बैठक में 6 मुद्दों पर सहमति, इसमें यूक्रेन को ही नहीं बुलाया

यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए यूक्रेन के बिना रूस और अमेरिका के बीच पहले दौर की बैठक शुक्रवार शाम को खत्म हो गई। बैठक सऊदी अरब के रियाद में हुई थी। 4:30 घंटे चली इस बैठक में रूस-अमेरिका ने सबसे पहले अपने आपसी रिश्ते सुधारने की पहल की। इसके तहत रूस और अमेरिका ने अपने-अपने दूतावासों को चालू करने का फैसला लिया। यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद दोनों देशों ने दूतावास से स्टाफ को निकाल दिया था। करीब तीन साल से दूतावास निष्क्रिय पड़े थे। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन की जमीन नहीं लौटाएगा। बैठक में रूस-अमेरिका इन बातों पर सहमत हुए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने की बैठक अमेरिकी दल
विदेश मंत्री- मार्क रुबियो
NSA- माइक वाल्ट्ज
मिडिल ईस्ट के विशेष दूत- स्टीव विटकॉफ रूसी दल
विदेश मंत्री- सर्गेई लावरोव
पुतिन के विदेश नीति सलाहकार- यूरी उशाकोव
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष चीफ- दिमित्री रिबोलोवलेव जेलेंस्की ने सऊदी अरब यात्रा टाली यूक्रेन जंग रोकने इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को नहीं बुलाया गया था। मंगलवार को बैठक खत्म होने के बाद खबर आई थी कि बुधवार को जेलेंस्की अपनी पत्नी के साथ सऊदी अरब के दौरे पर पहुंच रहे हैं। इस दौरान उनका रूस या अमेरिका के किसी अधिकारी से मिलने का प्लान नहीं था। हालांकि, देर रात जेलेंस्की ने सऊदी जाने का प्लान कैंसिल कर दिया। रूस बोला- जरूरत पड़ी तो पुतिन जेलेंस्की से बात करने को तैयार इससे पहले, बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि अगर जरूरी हुआ तो राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बातचीत के लिए तैयार हैं। हालांकि, सवाल ये है कि क्या जेलेंस्की सही मायनों में यूक्रेन के राष्ट्रपति हैं? क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि रूस, यूक्रेन के यूरोपियन यूनियन में शामिल होने के खिलाफ नहीं है। रूस इस संगठन को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा नहीं मानता है। यह यूक्रेन को तय करना है कि वह यूरोपियन यूनियन में शामिल होना चाहता है या नहीं। इस संगठन का हिस्सा बनना किसी भी देश का ‘संप्रभु’ अधिकार है। लेकिन NATO जैसे रक्षा संगठनों के मामले में हमारे विचार अलग हैं। मैक्रों ने जंग पर ट्रम्प और जेलेंस्की से बात की फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को यूक्रेन जंग के मसले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ​​​​​से बात की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए मैक्रों ने लिखा- यूरोपीय नेताओं को एक साथ लाने के बाद, मैंने राष्ट्रपति ट्रम्प और फिर राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की। हम यूक्रेन में स्थायी शांति चाहते हैं। इसे हासिल करने के लिए, रूस को अपनी आक्रामकता समाप्त करनी होगी, और इसके साथ ही यूक्रेन के लिए विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित करनी होगी। नहीं तो सीजफायर मिंस्क समझौतों की तरह ही नाकाम हो सकता है। यूक्रेन में सेना भेजने काे तैयार ब्रिटिश पीएम ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर जंग के बीच यूक्रेन में सेना भेजने के लिए तैयार हैं। स्टार्मर ने सोमवार को कहा कि वह शांति समझौते के तहत यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी के देने के लिए सेना भेजने को तैयार हैं। डेली टेलीग्राफ से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, मैं यह बात हल्के में नहीं कह रहा हूं। मैं इसे गहराई समझता हूं कि, इसमें ब्रिटिश सैनिकों के लिए खतरे की आशंका भी है। स्टार्मर का ये बयान सोमवार को पेरिस में यूरोपीय नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले आया। सऊदी अरब में ही क्यों हो रही पीस डील? इस पीस डील में सऊदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) देश का नेतृत्व करेंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा सऊदी वो जगह है जो अमेरिका और रूस दोनों के बीस बातचीत के लिए सही है। CNN के मुताबिक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तेल पर निर्भर सऊदी की इकोनॉमी और इसके कट्टरपंथी इस्लामिक इतिहास को बदलने के मिशन पर हैं, जिससे सऊदी दुनिया भर में सॉफ्ट पावर बनकर उभरे। फिलहाल वो इस मिशन में कामयाब होते दिख रहे हैं। सऊदी में विदेश मामलों के जानकार अली शिहाबी के मुताबिक क्राउन प्रिंस के पुतिन और ट्रम्प दोनों से अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं। इस पीस डील में उनके होने में राष्ट्रपति ट्रम्प की बड़ी भूमिका है। दरअसल, ट्रम्प हमेशा से ही क्राउन प्रिंस का समर्थन करते आए हैं। 2018 में जब सऊदी एजेंट्स ने पत्रकार जमाल खगोशी की हत्या कर दी थी और क्राउन प्रिंस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरस्कार झेलना पड़ा था, तब भी ट्रम्प ने उनका समर्थन किया था। 2017 में जब ट्रम्प पहली बार राष्ट्रपति चुने गए तब अपने पहले विदेश दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे थे। साल 2020 में जब वो चुनाव हार गए तब भी सऊदी अरब ने ट्रम्प के साथ बिजनेस करना जारी रखा। सऊदी अरब ने ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर के फर्म में दो अरब डॉलर निवेश किया और किंगडम में ट्रम्प टावर बनाने की भी घोषणा की थी। क्राउन प्रिंस के संबंध रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ भी काफी बेहतर हैं। पुतिन ने भी खगोशी की हत्या के बाद क्राउन प्रिंस का साथ दिया था। यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद सऊदी अरब पर पश्चिमी देशों ने काफी दबाव डाला कि वो रूस को अलग-थलग करने और रूसी तेल की वैश्विक सप्लाई पर नियंत्रण करने में उनका साथ दे। लेकिन सऊदी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। जब 2022 में अमेरिका के तत्कालीन बाइडेन प्रशासन ने उन्हें तेल उत्पादन बढ़ाने को कहा तब भी उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था। —————————————- यूक्रेन जंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. ट्रम्प ने पुतिन-जेलेंस्की से बात की:बोले- जंग रोकने के लिए जल्द चर्चा होगी; अमेरिका ने कहा- यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 11 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर जंग खत्म करने को लेकर बातचीत की। ट्रम्प की पुतिन से लगभग डेढ़ घंटे बातचीत हुई। दोनों नेता एक-दूसरे के देशों का दौरा करने पर सहमत हुए। पूरी खबर यहां पढ़ें…