गुड़गांव में लॉकडाउन के दौरान बिना एनओसी अवैध कालोनियों और हुडा एक्ट सेक्शन-7 के तहत आने वाली कृषि भूमि पर रजिस्ट्री करने के मामले में गत शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने एक तहसीलदार समेत पांच नायब तहसीलदारों को सस्पेंड करने की कार्रवाई केवल खानापूर्ति मानी जा रही है। इस मामले में शिकायत करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव ने सरकार की कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में डीआरओ ने गलत रिपोर्ट भेजकर दो नायब तहसीलदारों पर गलत कार्रवाई करवाई है। जबकि सांठगांठ कर गड़बड़ करने वाले अधिकारियों का बचाव किया है। सरकार मामले को कमजोर कर रही है।
लॉकडाउन के दौरान सोहना, बादशाहपुर, कादीपुर, हरसरू व गुड़गांव तहसीलों में कार्यरत तहसीलदारों ने सरकार के सभी आदेशों के ताक पर रखकर अवैध कालोनियों की व हुडा के सेक्शन -7 के तहत आनें वाली कृषि भूमि की डीटीपी द्वारा जारी की जाने वाली एनओसी के बिना ही 1200 रजिस्ट्री कर दी थी। इस मामले में अधिकार ग्रुप के आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव ने गत 10 जून को डीसी गुड़गांव को पत्र लिखकर शिकायत की थी और सीएम विंडो पर भी शिकायत दी थी। रमेश द्वारा डीआरओ ऑफिस से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी सूचना के जवाब में बताया गया कि 20 अप्रैल 2020 से चार मई 2020 तक गुड़गांव तहसील में दो रजिस्ट्री जो कि चौमा गांव की है की गई थी। 4 मई के बाद भी गुड़गांव तहसील में 900 मीटर के दायरे में आने वाले प्लॉटों की कई रजिस्ट्री की गई। जबकि चौमा गांव में रजिस्ट्री पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है। सीएम विंडो पर दी शिकायत के बाद सरकार ने गत 22 जुलाई से 17 अगस्त तक सभी तहसील कार्यालयों में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई।
रजिस्ट्री घोटाले की कार्रवाई पर इस तरह उठे सवाल
इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव ने आरोप लगाया है कि गुड़गांव तहसील में 900 मीटर के दायरे में अवैध फ्लैटों की भी रजिस्ट्रियां की गई हैं। लेकिन अधिकारियों से सांठगांठ के कारण यहां के तहसीलदार ने कार्रवाई को रुकवा दिया। वहीं एक नायब तहसीलदार को डीआरओ ने गलत रिपोर्ट भेज कर सस्पेंड करा दिया। इसमें नायब तहसीलदार जगदीश को कादीपुर तहसील का कार्यभार 6 जुलाई 2020 को दिया गया, लेकिन गलत रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज नायब तहसीलदार जगदीश को एक जुलाई 2020 से कादीपुर तहसील में कार्यरत दिखा दिया।
गलत रिपोर्ट के कारण नायब तहसीलदार जगदीश के सस्पेंशन के आदेश जारी कर दिए। रिपोर्ट के अनुसार वजीराबाद के नायब तहसीलदार जय प्रकाश ने केवल दो रजिस्ट्री गैर मुमकिन मकान की थी, जिस पर सेक्शन 7 के तहत रोक नहीं है। ये सब हेराफेरी इसलिए की गई है जिससे कि निर्दोष अधिकारी कोर्ट में याचिका दायर कर अपने ऊपर होने वाली कार्यवाई को रुकवा सके। इसी तरह सोहना के नायब तहसीलदार दलबीर सिंह की तो गत 4 फरवरी 2020 को ही कोर्ट में भ्रष्टाचार का दोषी साबित होने पर शिवाजीनगर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था। ऐसे में सरकार की यह कार्रवाई सवालों के घेरे में है।
इनपर गिरी गाज | गत शुक्रवार को फाइनेंशियल कमिशनर रेवेन्यू विजय वर्धन ने रूल-7 में चार्जशीट करने की कार्रवाई करते हुए सोहना के तहसीलदार बंसीलाल व नायब तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल, बादशाहपुर के नायब तहसीलदार हरि कृष्ण, वजीराबाद के नायब तहसीलदार जय प्रकाश, गुड़गांव के नायब तहसीलदार देश राज कांबोज व मानेसर के नायब तहसीलदार जगदीश को तुरंत प्रभाव से किया सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए।