बॉलीवुड में चल रही इनसाइडर-आउटसाइडर डिबेट पर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के आ जाने से आउटसाइडर्स के पास अपना टैलेंट साबित करने के अब पहले से ज्यादा मौके हैं।
जर्नलिस्ट फाय डिसूजा से बातचीत में अनुराग ने इस बात का जिक्र भी किया कि अनिल कपूर की फैमिली से कनेक्शन रखने के बावजूद रणवीर सिंह को अपने करियर के शुरुआती दौर में अच्छी-खासी स्ट्रगल करनी पड़ी थी।
दरअसल, अनिल कपूर की पत्नी सुनीता कपूर और रणवीर के पिता जगजीत सिंह भवनानी कजिन हैं। इस नाते वे अनिल कपूर के भी रिश्तेदार हैं।
अनुराग ने कहा, रणवीर ने शैतान के लिए ऑडिशन दिया था लेकिन वो रिजेक्ट हो गए थे। मैं उन्हें बॉम्बे वेलवेट में कास्ट करना चाहता था लेकिन इसमें बहुत मुश्किलें आईं। फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे स्टूडियो ने मेरी बात पर यकीन नहीं किया और कहा कि अगर मैं रणवीर के साथ फिल्म बनाता हूं तो वो मुझे पैसा नहीं देंगे। तो मेरे पास अपने प्रोडक्शन हाउस से ही दो कहानियां हैं कि रणवीर को रिजेक्ट कर दिया गया था, लेकिन अब वह स्टार हैं।
रणबीर कपूर के साथ बनाई फिल्म
रणवीर सिंह को ना ले पाने के बाद अनुराग ने रणबीर कपूर को लेकर 2015 में बॉम्बे वेलवेट बनाई जिसमें अनुष्का शर्मा ने भी मुख्य भूमिका निभाई थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी और क्रिटिक्स ने भी इसकी जमकर आलोचना की थी।
नेपोटिज्म डिबेट से पॉइंटलेस
अनुराग ने इस इंटरव्यू में बॉलीवुड में चल रही नेपोटिज्म डिबेट पर बात की। उन्होंने कहा, नेपोटिज्म की डिबेट वर्ष 2000 के आसपास ठीक थी। इस वक्त ओटीटी प्लेटफॉर्म आने के बाद यह डिबेट निराधार है। ओटीटी पर कई मौके हैं और आउटसाइडर्स आ रहे हैं। एक वक्त था जब मैंने और कंगना ने नेपोटिज्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। जब क्वीन बन रही थी तो उस फिल्म पर कितने लोगों ने फिल्म पर भरोसा जताया था? किसी ने नहीं। हमने फिल्म बनाई और जंग जीती। इस इंडस्ट्री में भी बाकी बिजनेस की तरह पहले अपने लोगों को सपोर्ट किया जाता था।