मॉस्को (रूस) के एक दंपति एंड्री वख्रुशेव और उनकी पत्नी विक्टोरिया ने अपने घर के पीछे पिरामिड की नकल बनवाई है। हालांकियह मिस्र के पिरामिड जितना बड़ा नहीं है।
इसे इस तरह बनाया गया है ताकि यह असली पिरामिड ही लगे। कोई भीव्यक्ति एनर्जेटिक होने के लिए कुछ शुल्क अदा कर इस पिरामिड में रात गुजार सकता है। कपल काकहना है कि आकार के अंतर के अलावा दोनों संरचनाएं समान हैं।
असली से 19 गुना छोटा
सेंट पीटर्सबर्ग से 12 किलोमीटर दूर स्थित इस्तिन्का नामक गांव के इस दंपति ने अपने घर के पीछे की जगह पर गीजा के महान पिरामिड की तरह प्रतिकृति बनवाई है। यह पिरामिड असली पिरामिड से 19 गुना छोटा है। यह जमीन से 9 मीटर ऊपर और 9 मीटर गहरी माप वाला है जोलगभग 400 टन कांक्रीट ब्लॉक कोमिलाकर बनाया गया है।
कपल का कहना है कि उन्होंने पिरामिड के डिजाइन समझने के लिए कई वर्ष अध्ययन किया है। यहां तक कि असली पिरामिड की पूरी जानकारी लेने के लिए कई बार वहां का दौरा भी किया है।

कोई गलती मंजूर नहीं
एंड्री ने बताया कि उन्हें इसके निर्माण में एक सेंटीमीटर तक की त्रुटि मंजूर नहीं थी। निर्माण में सही स्तर, सटीक आकार और काम में परफेक्शन से कोई समझौता नहीं किया गया है। स्वयं के पिरामिड को सही आकार देने के लिए इस दंपति ने एक महीना तो अच्छा कॉन्ट्रेक्टर ढूंढने में ही लगा दिया।
इस दौरानकोई निर्माणकर्ता ऐसा नहीं मिला, जो हूबहू नकल बना सके। अंत में एक ऐसा कॉन्ट्रेक्टर मिला, जिसने इस प्रोजेक्ट में अपनी रुचि दिखाई।
संक्रमण से बचाव
एंड्री ने बताया कि जब उनका पिरामिड बन रहा था, तब कुछ श्रमिकों को चोट लगी, लेकिन पिरामिड के भीतर काम करते रहने से वे जल्द ठीक हो गए। यहां तक कि इसे बनाने वाला कोई भी व्यक्ति बीमार नहीं पड़ा।
इनका दावा है कि उनके पिरामिड लोगों की इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं। कोरोना संक्रमण से भी बचा सकते हैं।
चिकित्सा लाभ
जो भी व्यक्ति पिरामिड की चिकित्सा और शक्तियों का लाभ उठाना चाहता है, वह बुकिंग करा सकता है। यहां लोग ध्यान करने और ऊर्जा बढ़ाने आते हैं। यहांएक रात गुजारने के लिए कम से कम 50 डॉलर (3,500 रुपए) चुकाने होंगे।