राजधानी में 14 लाख रुपए के बराबर के 13802 घंटे प्रतिदिन की होगी बचत, 921 टन प्रतिवर्ष कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन भी रूकेगा

शास्त्री पार्क चौराहे और सीलमपुर चौक पर जाम से निजात दिलाने के लिए बनाए गए दो फ्लाईओवर जनता के लिए अगस्त अंत तक शुरू हो जाएंगे। दोनों फ्लाईओवर के शुरू होने से लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की स्टडी के अनुसार करीब 2.5 किलो मीटर की दूरी तय करने में जनता का 4.2 मिनट का समय बचेगा। स्टडी के अनुसार इस प्रोजेक्ट की कीमत चार साल में ही निकल जाएगी।

बता दें शास्त्री पार्क चौराहे पर बने फ्लाईओवर पर दो लूप का निर्माण अभी चल रहा है। इन दोनों लूप को फ्लाईओवर से जोड़ने के बाद अक्टूबर तक प्रोजेक्ट पूरा होगा। अब दोनों लूप को जोड़ने का काम शुरू करने के लिए फ्लाईओवर के नीचे के ट्रैफिक को बंद कर ऊपर से निकाला जाएगा। इसके बाद लूप को जोड़ने का काम शुरू होगा।

यह है प्रोजेक्ट: शास्त्री पार्क से सीलमपुर तक 6 लेन का टू-वे फ्लाईओवर बनाया गया है। इसकी लंबाई 700 मीटर है। इस पर दो लूप भी है। एक लूप से खजूरी से आना वाला ट्रैफिक फ्लाईओवर पर चला जाएगा। जहां से कश्मीरी गेट जाना आसान हो जाएगा। वहीं, गांधी नगर की तरफ से आने वालों को शाहदरा जाना आसाना हो जाएगा। वहीं, दूसरी लूप से शाहदरा की तरफ जाया जा सकेगा। इसके अलावा सीलमपुर चौक पर बने दो लेन के 1200 मीटर के वन वे फ्लाईओवर को टू-वे बनाया गया है।

जनता के 13802 घंटे की होगी प्रतिदिन बचत: पीडब्ल्यूडी ने वर्ष 2019 की शास्त्री पार्क से सीलमपुर से निकलने वाले वाहनों को लेकर की स्टडी के अनुसार जनता के करीब 13802 घंटे की प्रतिदिन बचत होगी। जोकि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय के अनुसार करीब 14 लाख रुपए के बराबर है। वहीं, इस गणना के अनुसार सालाना करीब 51.96 करोड़ रुपए की कीमत के समय की बचत होगी।

2625 लीटर प्रतिदिन फ्यूल की होगी बचत : स्टडी में पेट्रोल और डीजल के वाहनोंं के फ्यूल की अलग-अलग गणना की है। इसके अनुसार रोड से प्रतिघंटे 4,191 वाहन निकलने को आधार मानकर फ्यूल की बचत का अनुमान लगाया गया है। स्टूडी के अनुसार प्रोजेक्ट के शुरू होने से एक दिन में करीब 2625 लीटर प्रतिदिन फ्यूल की बचत होगी। जिससे प्रतिदिन 3 लाख 15 हजार और प्रति वर्ष 11 करोड़ 49 लाख रुपए के फ्यूल की बचत का अनुमान है।

921 टन प्रतिवर्ष कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन होगा काम: स्टूडी के अनुसार फ्लाईओवर की शुरुआत होने से प्रति घंटे 0.11 टन कार्बन डाई ऑक्साइड (सीओ-2)का उत्सर्जन कम होगा। वहीं, साल में करीब 921 टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन कम होगा। इससे दिल्ली में प्रदूषण में भी कमी आएगी। स्टडी के अनुसार एक साल में एक पेड़ 21.99 किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड अवशोषित करता है।

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