राजपक्षे भाइयों की पार्टी भारी बहुमत की ओर, देश की सबसे पुरानी पार्टी यूएनपी चौथे स्थान पर; नतीजों की आधिकारिक घोषणा कल

श्रीलंका के आम चुनावों में राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) भारी बहुमत से जीत हासिल करती दिख रही है। अभी रुझान सामने आ रहे हैं। ऑफिशियल रिजल्ट शुक्रवार सुबह घोषित किए जाएंगे। देश के दक्षिणी हिस्से में एसएलपीपी ने करीब 60% वोट हासिल किए हैं। यहां बहुसंख्यक सिंहली समुदाय है। इसे एसएलपीपी का वोट बैंक माना जाता है।

उत्तर में तमिल अल्पसंख्यकों का दबदबा है। यहां पर जाफना के पोलिंग डिवीजन में एसएलपीपी की सहयोगी एलम पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (ईपीडीपी) ने तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) को हराया है। जबकि, जाफना जिले के ही दूसरे डिवीजन में ईपीडीपी को हार मिली है।
गुरुवार को जैसे ही काउंटिंग शुरू हुई एसएलपीपी फाउंडर बासिल राजपक्षे ने कहा- हम सरकार बनाने जा रहे हैं। बासिल राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और पीएम महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई हैं।

सजित प्रेमदासा की पार्टी टक्कर में
एसएलपीपी को टक्कर सजित प्रेमदासा की एसजेबी पार्टी से मिल रही है। यह देश की सबसे पुरानी पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) से अलग होकर बनी है। मार्क्सवादी जनतंत्र विमुक्ति पेरमुना (जेवीपी) ने यूएनपी से बेहतर प्रदर्शन किया है। अब तक के रुझानों में यूएनपी चौथे स्थान पर दिख रही है।

बहुमत के लिए 113 सीटें जरूरी
श्रीलंका में बुधवार को चुनाव हुए थे। गुरुवार को काउंटिंग शुरू हुई। शुक्रवार सुबह आधिकारिक तौर पर परिणाम घोषित किए जाएंगे। कुल 225 सीटें हैं। बहुमत के लिए 113 सीटें चाहिए। राजपक्षे भाइयों का गठबंधन 150 से ज्यादा सीटें जीतना चाहता है, ताकि संवैधानिक बदलाव कर राष्ट्रपति की शक्तियां बढ़ाईं जा सकें।

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राजपक्षे भाइयों का गठबंधन 150 से ज्यादा सीटें जीतना चाहता है, ताकि संवैधानिक बदलाव कर राष्ट्रपति की शक्तियां बढ़ाई जा सके। फोटो में बाईं तरफ प्रधानमंत्री महिंदा और दाईं तरफ राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे। (फाइल)