राज्यपाल ने गहलोत से पूछा- क्या विधायकों का राजभवन में धरना गलत ट्रेंड नहीं?, राजभवन ने कहा- सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने का कारण नहीं बताया

राजभवन में विधायकों को लेकर धरना देने की घटना पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या विधायकों को लेकर राजभवन का घेराव करना गलत ट्रेंड की शुरुआत नहीं है? दरअसल, यह बात शुक्रवार दोपहर शुरू हुई थी। जब गहलोत विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए। यहां विधायकों ने नारेबाजी की और धरना दिया।

राज्यपाल कलराज मिश्र विधायकों से मिलने आए और कहा कि इतने शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा का सत्र बुलाना संभव नहीं। उन्होंने गहलोत और वरिष्ठ विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद विधायक शाम को अपने होटल लौट गए। उधर, गहलोत ने भी अपने आवास पर कैबिनेट की मीटिंग बुला ली।

बताया जा रहा है कि राज्यपाल कोरोना के चलते विधानसभा सत्र नहीं बुलाना चाहते हैं। इस पर राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अगर सत्र ना बुलाने की वजह कोरोनावायरस है, तो हम 200 विधायकों का कोरोना टेस्ट करवाने को तैयार हैं।

विधानसभा सत्र की मांग पर राजभवन का जवाब

23 जुलाई को राज्य सरकार ने शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा सत्र बुलाने का मांग पत्र हमें सौंपा। कानूनी जानकार इस पर विचार कर रहे थे। इस पेपर पर ना तो यह तारीख बताई गई थी कि सत्र किस तारीख को बुलाया जाना है और ना ही इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। शॉर्ट नोटिस पर सत्र बुलाने का कोई कारण या एजेंडा भी नहीं बताया गया। जबकि, सामान्य प्रक्रिया के तहत सत्र बुलाए जाने के लिए 21 दिन का नोटिस जरूरी होता है।

उम्मीद है राज्यपाल दबाव में नहीं आएंगे- गहलोत
शुक्रवार दोपहर को राजभवन पहुंचने से पहले गहलोत ने कहा था कि विधानसभा सत्र बुलाने पर राज्यपाल अपनी अंतर-आत्मा से फैसला करें। वरना राजभवन को घेरने के लिए अगर जनता आ गई, तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।

उन्होंने कहा- हमें उम्मीद थी कि रात को आदेश जारी कर देंगे। अब तक इंतजार किया, लेकिन जवाब नहीं आया है। यह बात समझ से परे है, क्योंकि गवर्नर साहब को मानना ही पड़ता है। अनुरोध को रोकने का कोई कारण नहीं है। ऊपर से दबाव के चलते तो वे ऐसा नहीं कर रहे हैं?

शाम को भी गहलोत बोले कि उन्हें उम्मीद है राज्यपाल दबाव में नहीं आएंगे और अपना कर्तव्य निभाएंगे। राजस्थान में उल्टी गंगा बह रही है। यहां सत्ता पक्ष सत्र की मांग कर रहा है, लेकिन उसकी मंजूरी ना दिए जाना समझ से परे है।

गहलोत ने कहा- सोमवार को सत्र बुलाना चाहते हैं

  • मुख्यमंत्री ने कहा- राजस्थान में परंपरा नहीं रही है सरकार गिराने की। हमने टेलीफोन से भी राज्यपाल से बात की। हम सोमवार से सत्र बुलाना चाहते हैं। पूरा देश देखेगा। प्रदेश देखेगा कि किस तरह का दबाव पड़ रहा है। किन कारणों से सत्र नहीं बुला रहे हैं। मैं बार-बार कह रहा हूं कि मेरे पास बहुमत है। हमारे कुछ लोगों को बीजेपी के लोगों ने बंधक बनाकर रखा है, वे हमारे साथी हैं। वे रो रहे हैं। टेलीफोन कर रहे हैं कि हमें यहां से छुड़ाओ।
  • उन्होंने कहा- यह पूरा खेल है। साजिश है। कर्नाटक, मध्यप्रदेश के बाद वे राजस्थान में यही करना चाहते हैं। जनता हमारे साथ है। इनकम टैक्स, ईडी के सीबीआई के छापे डाले जा रहे हैं। ऐसे नंगा नाच कभी देखा नहीं है देश के अंदर।

चिट्‌ठी लिखकर दिया राज्यपाल कलराज मिश्र ने जवाब

  • दिनभर के घटनाक्रम और गहलोत के बयान पर कलराज मिश्र ने शुक्रवार को सीएम को चिट्‌ठी लिखी। उन्होंने कहा- इससे पहले कि मैं विशेषज्ञों से इस मामले पर चर्चा कर पाता आपने पब्लिकली कह दिया कि राजभवन घेरा जाता है तो आपकी जिम्मेदारी नहीं होगी। अगर आप और आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं तो राज्य की कानून-व्यस्था का क्या होगा?
  • राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाएगा। मैंने कभी भी किसी भी मुख्यमंत्री से ऐसा बयान नहीं सुना है। क्या राजभवन में विधायकों का प्रदर्शन गलत ट्रेंड की शुरुआत नहीं है?

अपडेट्स

  • एंटी करप्शन ब्यूरो ने कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह और भंवर लाल शर्मा को हॉर्स ट्रेडिंग मामले में नोटिस भेजा।
  • राजभवन में धरना दे रहे गहलोत समर्थक विधायकों से मिले राज्यपाल। शाम को धरना खत्म कर लौटे विधायक।
  • मुख्यमंत्री गहलोत ने फेयर मोंट होटल में विधायक दल की बैठक। इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, अभी तक ट्रायल हुआ है। अब फाइनल होगा। उधर, राजस्थान के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि प्रजातंत्र जीतेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगे।
  • भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने कहा कि राजभवन को जनता घेर लेगी। ऐसा बयान उन्हें नहीं देना चाहिए। वे यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा साजिश कर रही है। मेरा कहना है कि गहलोत को मौजूदा स्थिति का कानूनी दायरे में रहकर मुकाबला करना चाहिए।’
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