संसद के मानसून सत्र का मंगलवार को नौवां दिन है। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के 8 सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठा। इसके अलावा, कृषि बिलों के विरोध में कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने राज्यसभा के बाद लोकसभा की कार्यवाही का भी बायकॉट किया।
राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता और कृषि बिल से जुड़ी चिताएं दूर नहीं होतीं, तब तक संसद सत्र का बायकॉट जारी रखेंगे। इस बीच, कृषि से जुड़ा तीसरा एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल राज्यसभा में पास हो गया।
प्रह्लाद जोशी ने कहा- एक सदन की घटना पर दूसरे सदन में चर्चा नहीं हो सकती
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कहा, ‘कांग्रेस के दांत खाने के और हैं, दिखाने के और। वे सदन में एक बात कहते हैं और सदन के बाहर दूसरी बात कहते हैं। जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, वे किसान नहीं हैं। ये लोग कांग्रेस से जुड़े हैं। देश यह बात जानता है। यह बदलाव किसानों की मदद करेगा। उनकी आय बढ़ेगी।’
लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘एक सदन में क्या होता है, इसकी चर्चा दूसरे सदन में कभी नहीं हो सकती। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब इस पर चर्चा की जा रही है। उपसभापति की पिटाई करने की हद तक ये लोग गए, पर मैं इसकी चर्चा नहीं करना चाहता।’
दरअसल, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि राज्यसभा और लोकसभा जुड़वा भाई जैसे हैं… अगर एक परेशान है तो दूसरा चिंतित होगा ही। हमारे मुद्दे कृषि बिल से जुड़े हैं। हम चाहते हैं कि इन्हें वापस लिया जाए। अगर तोमरजी इसे वापस ले लें तो हमें सत्र को आगे चलाने में कोई समस्या नहीं है।
विपक्ष की 4 मांगें-
- सरकार ऐसा बिल लाए जिससे कोई प्राइवेट खरीदार MSP से नीचे किसानों की उपज नहीं खरीद सके।
- स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों के आधार पर MSP तय की जाए।
- एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां किसानों की उपज MSP से नीचे नहीं खरीदें।
- 8 सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए।

वेंकैया नायडू की अपील- सदन में चर्चा जारी रखें
- राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को विपक्ष के बायकॉट पर कहा, “बायकॉट के फैसले पर फिर से विचार करें और सदन में चर्चा जारी रखें। सांसदों के व्यवहार की वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। हम किसी सदस्य के खिलाफ नहीं हैं। सांसदों के निलंबन से मैं भी खुश नहीं हूं।”
- केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि निलंबित सांसद अपने व्यवहार पर माफी मांग लें तो निलंबन वापस लेने पर विचार किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि सदन में इस तरह के हंगामे का कांग्रेस भी विरोध करेगी।
- एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा, ‘वह सांसदों के निलंबन के खिलाफ चल रहे आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। इनके समर्थन में एक दिन का उपवास करेंगे।’
- 8 निलंबित सांसदों ने आज सुबह 11 बजे अपना धरना खत्म कर दिया। वे संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने सोमवार दोपहर से धरने पर बैठे थे। (निलंबित सांसदों ने रात भर धरना दिया- पूरी खबर यहां पढ़ें)
इन तीन विधेयकों का हो रहा विरोध, तीनों लोकसभा और राज्यसभा में पास
- फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल।
- फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज बिल।
- एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल।
कृषि बिलों पर हंगामे के बीच सरकार ने रबी की फसलों का MSP बढ़ाया
कृषि बिलों के विरोध के बीच केंद्र ने पहली बार समय से पहले सितंबर में ही रबी की 6 फसलों का MSP 6% तक बढ़ा दिया है। गेहूं का MSP 50 रुपए बढ़ाकर 1975 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को बताया कि यह फैसला कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने लिया है। (सरकार ने रबी की 6 फसलों पर MSP बढ़ाया- पूरी खबर यहां पढ़ें)
विपक्ष की 18 पार्टियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा
दूसरी ओर कांग्रेस समेत 18 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कृषि बिलों पर साइन नहीं करने की अपील की। उधर, देश में कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसान संगठनों ने 25 सितंबर को किसान कर्फ्यू की बात कही है। राजस्थान के किसान इसमें शामिल होने पर 23 सितंबर को फैसला करेंगे। हालांकि, राज्य में सोमवार को सभी 247 कृषि मंडियां बंद रखी गईं।
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