मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ।
रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ।। रामचरितमानस की इस चौपाई में तुलसीदास जी ने लिखा है कि रामलला का जब जन्म हुआ, तब सूर्य देव अयोध्या पहुंचे। यहां ऐसा मोहित हुए कि 1 महीने अयोध्या में रहे। इस दौरान अयोध्या में रात नहीं हुई। इसलिए भगवान राम के जन्म पर सूर्य तिलक का विशेष महत्व है। राम सूर्यवंशी थे, यानी सूर्य उनके कुल देवता थे। आज रामनवमी पर दूसरी बार रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया। ऊपर वीडियो पर क्लिक करके समझिए कि रामलला का सूर्य तिलक कैसे होता है।
रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ।। रामचरितमानस की इस चौपाई में तुलसीदास जी ने लिखा है कि रामलला का जब जन्म हुआ, तब सूर्य देव अयोध्या पहुंचे। यहां ऐसा मोहित हुए कि 1 महीने अयोध्या में रहे। इस दौरान अयोध्या में रात नहीं हुई। इसलिए भगवान राम के जन्म पर सूर्य तिलक का विशेष महत्व है। राम सूर्यवंशी थे, यानी सूर्य उनके कुल देवता थे। आज रामनवमी पर दूसरी बार रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया। ऊपर वीडियो पर क्लिक करके समझिए कि रामलला का सूर्य तिलक कैसे होता है।