आज अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन है। 492 साल बाद अयोध्या में रामलला फिर विराजेंगे। पूरा देश इस समय राममय हो रहा है। भगवान राम का इतना महत्व सनातन परंपरा में क्यों है, इसके कई प्रमाण ग्रंथों में है। बुधकौशिक ऋषि द्वारा रचे गए रामरक्षा स्तोत्र और वेद व्यास के विष्णु सहस्रनाम में स्पष्ट लिखा है कि राम नाम के दो अक्षरों का जाप भगवान विष्णु के एक हजार नामों के बराबर है।
ग्रंथों में लिखा गया है कि माता पार्वती ने जब भगवान शिव से पूछा कि भगवान विष्णु के सहस्रनामों का जाप किस उपाय से किया जा सकता है तो भगवान शिव ने कहा कि सिर्फ राम नाम का जाप ही भगवान विष्णु के हजार नामों के बराबर है। मैं स्वयं दिन-रात इसी को मन ही मन जपता हूं। राम नाम की महिमा और अयोध्या के वैभव को प्रमाणित करते ग्रंथों के कुछ उदाहरण यहां दिए जा रहे हैं।