सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ किसी को अनाप शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप आगे से ऐसा कोई बयान देंगे तो हम स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर पर टिप्पणी के मामले में राहुल को जारी समन रद्द करने से इनकार करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। मानहानि का यह मामला 17 नवंबर, 2022 का है। जब महाराष्ट्र के अकोला जिले में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक रैली में राहुल ने सावरकर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद 2023 में एडवोकेट नृपेंद्र पांडे ने राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। राहुल ने सावरकर को अंग्रेजों का नौकर कहा था 2023 में भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने सावरकर पर निशान साधा था। उन्होंने अकोला में मीडिया के सामने एक चिट्ठी दिखाई थी। राहुल ने कहा था कि यह चिट्ठी सावरकर ने अंग्रेजों को लिखी थी। इसमें उन्होंने खुद को अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कही थी। साथ ही डरकर माफी भी मांगी थी। गांधी-नेहरू ने ऐसा नहीं किया, इसलिए वे सालों तक जेल में रहे। गांधी, नेहरू और पटेल सालों जेल में रहे और कोई चिट्ठी नहीं साइन की। सावरकर जी ने इस कागज पर साइन किया, उसका कारण डर था। अगर डरते नहीं तो कभी साइन नहीं करते। सावरकर जी ने जब साइन किया तो हिंदुस्तान के गांधी, पटेल को धोखा दिया था। उन लोगों से भी कहा कि गांधी और पटेल भी साइन कर दें।’ ये खबर भी पढ़ें… गांधी की हत्या के बाद जब सावरकर पर हमलावर थी भीड़, लाठी लेकर डटी रही थीं पत्नी यमुनाबाई वीर सावरकर जब अंडमान की सेलुलर जेल में थे, तब यमुनाबाई ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभाली। यमुनाबाई का साहस तब देखने को मिला, जब महात्मा गांधी की हत्या के बाद भीड़ ने सावरकर को मारने के लिए उनके घर को घेर लिया। यमुनाबाई खुद लाठी लेकर भीड़ के सामने खड़ी हो गईं। सावरकर गांधी की हत्या में आरोपी थे जिन्हें बाद में आरोप मुक्त कर दिया गया। पूरी खबर पढ़ें