कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सवाल उठाए हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र की 118 सीटों पर 72 लाख मतदाता 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जोड़े गए, जिनमें से 102 पर भाजपा ने जीत दर्ज की। इससे साफ है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है।’ वहीं पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- भाजपा सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है। हम लड़ाई लड़ते रहेंगे। चुनावी प्रक्रिया में लोगों का विश्वास धीरे-धीरे कम हो रहा है और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। यह सरकार चुनाव नियमों में बदलाव करके क्या छिपाने की कोशिश कर रही है, जिसे साझा करने का आदेश अदालत ने दिया है। खड़गे ने कहा- कभी वोटर्स का नाम सूची से काटा जाता है, कभी उनको वोट डालने से रोका जाता है, कभी वोटर लिस्ट में अचानक वोटर्स बढ़ जाते हैं, कभी वोट डालने के लास्ट टाइम में वोट पर्सेंट अप्रत्याशित तरीके से बढ़ जाता है। ये कुछ सवाल हैं, जिनका संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। भाजपा का आरोप- कांग्रेस के पोस्टर में भारत का गलत नक्शा
BJP के IT सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर गलत नक्शे की तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि कांग्रेस ने अपने सभी होर्डिंग्स पर भारत का बिगड़ा हुआ नक्शा लगाया है, साथ ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सहित अन्य की तस्वीरें भी लगाई हैं, जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। भाजपा सांसद बोले- कांग्रेस भारत को तोड़ने वालों के साथ
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, आज एक तस्वीर सामने आई है जो दिल को दुखाती है। बेलगावी में कांग्रेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भारत का जो मैप लगाया है, उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अक्साई चिन नहीं है। वे पहले भी ऐसी हरकतें कर चुके हैं। अब यह साफ हो गया है कि जो ताकतें भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, उनके साथ कांग्रेस का संबंध अब स्पष्ट हो गया है। खड़गे बोले- नेहरू-गांधी और अंबेडकर की लड़ाई लड़ते रहेंगे
खड़गे ने कहा- नेहरू-गांधी विचारधारा और बाबासाहेब अंबेडकर के सम्मान के लिए कांग्रेस अंतिम सांस तक लड़ेगी। 2025 संगठन को मजबूत करने का वर्ष होगा, पार्टी में रिक्त पदों को भरा जाएगा। उदयपुर घोषणा को पूरी तरह लागू किया जाएगा। चुनाव जीतने के लिए आवश्यक कौशल से पार्टी को लैस करेंगे, वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध लोगों को खोजेंगे जो संविधान और भारत के विचार की रक्षा करेंगे। सोनिया बोलीं- सरकार से महात्मा गांधी की विरासत को खतरा
सोनिया गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि देश की सत्ता में बैठे लोगों से महात्मा गांधी की विरासत को खतरा है। महात्मा गांधी वह व्यक्ति थे, जिन्होंने उस समय के सभी बड़े नेताओं को तैयार किया और उनका मार्गदर्शन किया। इन संगठनों ने कभी भी हमारी आजादी के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने महात्मा गांधी का विरोध किया और उनके खिलाफ माहौल बनाया, जिसके कारण उनकी हत्या हुई। वे बापू के हत्यारे का महिमामंडन करते हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी CWC की बैठक में नहीं पहुंच सकीं। उन्होंने पत्र के माध्यम से अपनी बात कही। कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन
बेलगावी में 26 दिसंबर से कांग्रेस का दो दिन चलने वाला अधिवेशन शुरू हो रहा है। ये अधिवेशन 1924 में हुए कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। 26 और 27 दिसंबर 1924 को बेलगावी में ही कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन हुआ था। यह पहला और आखिरी अधिवेशन था जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी। इसी अधिवेशन में उन्हें पार्टी अध्यक्ष भी चुना गया था। अधिवेशन में क्या-क्या होगा… 26 दिसंबर: पहला दिन 27 दिसंबर: दूसरा दिन 1924 के बेलगावी अधिवेशन में दिग्गजों का हुआ था जमावड़ा
इंडियन नेशनल कांग्रेस के उस सेशन में ऐसी कई हस्तियां साथ आईं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई को गति दी। इनमें महात्मा गांधी, मोतीलाल और जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, राजगोपालचारी, डा. एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू, चित्तरंजनदास, पंडित मदन मोहन मालवीय, सैफुद्दीन किचलु, अबुल कलाम आजाद, राजेन्द्र प्रसाद, वल्लभभाई पटेल शामिल थे। अधिवेशन में हुए खर्च से नाराज हुए थे महात्मा गांधी
गांधी जी कांग्रेस अधिवेशन से छह दिन पहले बेलगावी पहुंच गए थे। वे चाहते थे कि आजादी की मांग करने वाले ‘स्वराज’ गुट और अंग्रेजी शासन के तहत यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष वाले ‘नो-चेंज’ गुट के बीच एकता लाई जा सके। गांधी जी के लिए खेमाजीराव गोडसे नाम के कार्यकर्ता ने 350 रुपए खर्च करके बांस और घास की छोटी सी कुटिया बनाई। इसे लेकर गांधी जी ने आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि उनके जैसे साधारण इंसान के लिए इतने रुपए खर्च करना सही नहीं है। इसके अलावा इस अधिवेशन के लिए विशाल शामियाना तैयार किया गया था। यह शामियाना सर्कस के तंबू जितना बड़ा था और इसे 5000 रुपए में किराए पर लिया गया था। साथ ही आग से बचाव के लिए 500 रुपए का बीमा भी किया गया था। गांधी जी ने इसके सजावट पर खर्च की गई रकम पर भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने यह अनुरोध भी किया कि प्रतिनिधि शुल्क को 10 रुपए से घटाकर 1 रुपए कर दिया जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इन सबके बावजूद, बेलगावी अधिवेशन से कांग्रेस को 773 रुपए का लाभ हुआ। इसमें से 745 रुपए पी.यू.सी.सी. बैंक में जमा किए गए, 25 रुपए खर्चों के लिए सचिव के पास रखे गए, और 1 रुपया कोषाध्यक्ष एन.वी. हेरेकर के पास छोटे-मोटे खर्चों के लिए रखा गया। स्वतंत्रता संग्राम का अहम केंद्र था बेलगावी
देश के स्वतंत्रता संग्राम में बेलगावी महत्वपूर्ण केंद्र था। लोकमान्य तिलक ने 1916 में बेलगांव से ही अपना ‘होम रूल लीग‘ आंदोलन शुरू किया था। 1924 में बेलगावी के तिलकवाड़ी इलाके में विजयनगर नामक स्थान पर अधिवेशन हुआ था। अब कांग्रेस अधिवेशन के स्थल को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बना दिया गया है। वहां एक कुआं बनाया गया था, जो आज भी अधिवेशन की गवाही के तौर पर मौजूद है।
BJP के IT सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर गलत नक्शे की तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि कांग्रेस ने अपने सभी होर्डिंग्स पर भारत का बिगड़ा हुआ नक्शा लगाया है, साथ ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सहित अन्य की तस्वीरें भी लगाई हैं, जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। भाजपा सांसद बोले- कांग्रेस भारत को तोड़ने वालों के साथ
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, आज एक तस्वीर सामने आई है जो दिल को दुखाती है। बेलगावी में कांग्रेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भारत का जो मैप लगाया है, उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अक्साई चिन नहीं है। वे पहले भी ऐसी हरकतें कर चुके हैं। अब यह साफ हो गया है कि जो ताकतें भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, उनके साथ कांग्रेस का संबंध अब स्पष्ट हो गया है। खड़गे बोले- नेहरू-गांधी और अंबेडकर की लड़ाई लड़ते रहेंगे
खड़गे ने कहा- नेहरू-गांधी विचारधारा और बाबासाहेब अंबेडकर के सम्मान के लिए कांग्रेस अंतिम सांस तक लड़ेगी। 2025 संगठन को मजबूत करने का वर्ष होगा, पार्टी में रिक्त पदों को भरा जाएगा। उदयपुर घोषणा को पूरी तरह लागू किया जाएगा। चुनाव जीतने के लिए आवश्यक कौशल से पार्टी को लैस करेंगे, वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध लोगों को खोजेंगे जो संविधान और भारत के विचार की रक्षा करेंगे। सोनिया बोलीं- सरकार से महात्मा गांधी की विरासत को खतरा
सोनिया गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि देश की सत्ता में बैठे लोगों से महात्मा गांधी की विरासत को खतरा है। महात्मा गांधी वह व्यक्ति थे, जिन्होंने उस समय के सभी बड़े नेताओं को तैयार किया और उनका मार्गदर्शन किया। इन संगठनों ने कभी भी हमारी आजादी के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने महात्मा गांधी का विरोध किया और उनके खिलाफ माहौल बनाया, जिसके कारण उनकी हत्या हुई। वे बापू के हत्यारे का महिमामंडन करते हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी CWC की बैठक में नहीं पहुंच सकीं। उन्होंने पत्र के माध्यम से अपनी बात कही। कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन
बेलगावी में 26 दिसंबर से कांग्रेस का दो दिन चलने वाला अधिवेशन शुरू हो रहा है। ये अधिवेशन 1924 में हुए कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। 26 और 27 दिसंबर 1924 को बेलगावी में ही कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन हुआ था। यह पहला और आखिरी अधिवेशन था जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी। इसी अधिवेशन में उन्हें पार्टी अध्यक्ष भी चुना गया था। अधिवेशन में क्या-क्या होगा… 26 दिसंबर: पहला दिन 27 दिसंबर: दूसरा दिन 1924 के बेलगावी अधिवेशन में दिग्गजों का हुआ था जमावड़ा
इंडियन नेशनल कांग्रेस के उस सेशन में ऐसी कई हस्तियां साथ आईं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई को गति दी। इनमें महात्मा गांधी, मोतीलाल और जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, राजगोपालचारी, डा. एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू, चित्तरंजनदास, पंडित मदन मोहन मालवीय, सैफुद्दीन किचलु, अबुल कलाम आजाद, राजेन्द्र प्रसाद, वल्लभभाई पटेल शामिल थे। अधिवेशन में हुए खर्च से नाराज हुए थे महात्मा गांधी
गांधी जी कांग्रेस अधिवेशन से छह दिन पहले बेलगावी पहुंच गए थे। वे चाहते थे कि आजादी की मांग करने वाले ‘स्वराज’ गुट और अंग्रेजी शासन के तहत यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष वाले ‘नो-चेंज’ गुट के बीच एकता लाई जा सके। गांधी जी के लिए खेमाजीराव गोडसे नाम के कार्यकर्ता ने 350 रुपए खर्च करके बांस और घास की छोटी सी कुटिया बनाई। इसे लेकर गांधी जी ने आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि उनके जैसे साधारण इंसान के लिए इतने रुपए खर्च करना सही नहीं है। इसके अलावा इस अधिवेशन के लिए विशाल शामियाना तैयार किया गया था। यह शामियाना सर्कस के तंबू जितना बड़ा था और इसे 5000 रुपए में किराए पर लिया गया था। साथ ही आग से बचाव के लिए 500 रुपए का बीमा भी किया गया था। गांधी जी ने इसके सजावट पर खर्च की गई रकम पर भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने यह अनुरोध भी किया कि प्रतिनिधि शुल्क को 10 रुपए से घटाकर 1 रुपए कर दिया जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इन सबके बावजूद, बेलगावी अधिवेशन से कांग्रेस को 773 रुपए का लाभ हुआ। इसमें से 745 रुपए पी.यू.सी.सी. बैंक में जमा किए गए, 25 रुपए खर्चों के लिए सचिव के पास रखे गए, और 1 रुपया कोषाध्यक्ष एन.वी. हेरेकर के पास छोटे-मोटे खर्चों के लिए रखा गया। स्वतंत्रता संग्राम का अहम केंद्र था बेलगावी
देश के स्वतंत्रता संग्राम में बेलगावी महत्वपूर्ण केंद्र था। लोकमान्य तिलक ने 1916 में बेलगांव से ही अपना ‘होम रूल लीग‘ आंदोलन शुरू किया था। 1924 में बेलगावी के तिलकवाड़ी इलाके में विजयनगर नामक स्थान पर अधिवेशन हुआ था। अब कांग्रेस अधिवेशन के स्थल को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बना दिया गया है। वहां एक कुआं बनाया गया था, जो आज भी अधिवेशन की गवाही के तौर पर मौजूद है।