राहु-केतु के राशि परिवर्तन का राशिफल:18 मई को राहु-केतु बदलेंगे राशि, जानिए आपके लिए राहु-केतु का कैसा असर रहने वाला है

रविवार, 18 मई 2025 को राहु और केतु, जिन्हें छाया ग्रह कहते हैं, राशि बदल रहे हैं। राहु कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, जबकि केतु सिंह राशि में आएगा। ये दोनों ग्रह हमेशा वक्री रहते हैं यानी पीछे की चलते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए सभी 12 राशियों के लिए राहु-केतु का कैसा असर रहने वाला है… राहु एकादश और केतु पंचम भाव में आ जाएगा। इससे राशि पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। बड़ी परेशानी की संभावना नहीं है। वाहन आदि के प्रयोग में सावधानी बरतनी होगी और अज्ञात भय बना रहेगा। राहु विवादों में विजय दिलाएगा और केतु से धन आगमन की संभावनाएं बढ़ाएगा है। राहु दशम और केतु चतुर्थ भाव में रहेगा, जिससे निर्माण कार्य में खर्च की संभावना है। अनचाहे कार्य करने पड़ सकते हैं। किसी निकट संबंधी से विवाद हो सकता है। बिजली से जुड़े उपकरणों से सावधान रहें। व्यापार में धोखा मिल सकता है और विवादित मामलों में पीछे हटना पड़ सकता है। नवम भाव में राहु और तृतीय भाव में केतु होने से निराशा दूर होगी और बिछड़े हुए रिश्तेदारों से मिलने का अवसर मिलेगा। विदेश में रहने वालों को लाभ होगा, आय में सुधार आएगा। ऋण से मुक्ति के तरीके मिलेंगे। घर में सुधार कार्य होंगे और विवादों का समाधान निकलेगा। संपत्ति से लाभ की संभावना है। अष्टम भाव में राहु और द्वितीय में केतु होने से कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। निराशा हावी रहेगी एवं कार्य समय पर पूरे नहीं होंगे। वाहन आदि के प्रयोग में सावधानी रखें एवं विवादों से दूर रहें। घरेलू विवाद हो सकते हैं। जोखिमपूर्ण कार्यों से दूरी बनाए रखें। राशि में केतु का प्रवेश होगा और राहु की सप्तम दृष्टि रहेगी। इस योग से कई प्रकार के कार्य एक साथ करने पड़ सकते हैं। योजनाएं सफल होंगी और घर में कोई मांगलिक आयोजन हो सकता है। जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। संतान से सुख की प्राप्ति होगी। नाक व कान में चोट या रोग की संभावना है। केतु राशि से निकल जाएगा और राहु की दृष्टि भी समाप्त हो जाएगी। समय सर्वथा अनुकूल रहेगा। शत्रु सिर उठाने का प्रयास करेंगे, किंतु उनका दमन होगा। चिंताएं समाप्त होंगी और धार्मिक कार्यों में संलग्न रहेंगे। यात्रा के योग बनेंगे। नए मकान की खरीद संबंधी योजनाएं बन सकती हैं। राहु पंचम और केतु एकादश भाव में होगा। इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। समय अनुकूल रहेगा। कुछ मानसिक तनाव हो सकता है। घुटनों में दर्द एवं अज्ञात भय बना रह सकता है। संतान से सुख की प्राप्ति होगी और जमीन आदि खरीदने का विचार बन सकता है। राहु चतुर्थ और केतु दशम भाव में होगा। आर्थिक रूप से कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं। पाइल्स, घुटनों, जोड़ों एवं क्षय रोग जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। नींद की अधिकता रहेगी। पारिवारिक सहयोग में कमी आ सकती है। संतान परेशान कर सकती है। मनचाहे कार्यों में रुकावटें आ सकती हैं। तृतीय भाव में राहु एवं नवम में केतु के प्रभाव से लाभ की स्थिति बनेगी। साथ ही ये योग कुछ बुरी आदतों की ओर आकर्षित भी कर सकता है। यात्राएं अधिक होंगी एवं पदोन्नति के साथ स्थानांतरण के योग हैं। कार्य विस्तार की इच्छा रहेगी, किंतु अधिक खर्च के कारण बाधा आ सकती है। आस-पास के लोगों से विवाद की संभावना है। द्वितीय भाव में राहु एवं अष्टम में केतु के कारण आय अच्छी बनी रहेगी, लेकिन त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। विवादों में विजय मिलेगी एवं नए कार्य करने के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी में पदोन्नति के योग हैं। खिलाड़ियों को विशेष सफलता मिल सकती है। राहु का प्रवेश राशि में होगा और केतु की सप्तम दृष्टि रहेगी। ये समय स्वयं को पुनः संभालने का है। परेशानियां अवश्य बढ़ेंगी, पर आत्मविश्वास में कमी नहीं आएगी। चिंताओं पर विजय प्राप्त होगी एवं साहस बना रहेगा। रोगों में वृद्धि हो सकती है, कुछ शल्य चिकित्सा की आवश्यकता भी हो सकती है। राहु द्वादश भाव अर्थात् राशि से निकल जाएगा। मानसिक शांति महसूस होगी एवं परिवार में खुशियां प्राप्त होंगी। आर्थिक मामलों में प्रगति होगी और संतान से भी सुख मिलेगा। पिछले कई वर्षों से चली आ रही समस्याएं समाप्त होंगी। नई कार्य योजनाएं बनेंगी।