गुड़गांव में जहां एक तरफ तेजी से कोरोना महामारी के केस बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा 9वीं से 12वीं तक स्कूल खोलने के लिए तैयारी की जा रही है। बुधवार को प्रदेश के शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों के लिए एसओपी जारी की है। आगामी 21 सितंबर से नॉन कंटेंटमेंट जोन में रहने वाले 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट स्वेच्छा से अपने अध्यापकों के परामर्श लेने के लिए स्कूलों में आ सकेंगे।
इसके लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में एसओपी जारी कर दी गई है। सीएमओ डा. विरेन्द्र यादव का कहना है कि संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों के कान्टेक्ट की संख्या बढ़ चुकी है, जिससे लगातार नए केसों की संख्या भी बढ़ रही है। बुधवार को 3839 लोगों के सेम्पल लिए गए, जबकि 3250 लोगों के सेम्पल की रिपोर्ट का इंतजार है। सीएमओ ने माना कि अभी रोजाना पॉजिटिव मिलने वाले केसों का आंकड़ा 500 के पार हो सकता है।
गुड़गांव में बुधवार को 24 घंटे में रिकॉर्ड 421 नए केस मिले और 204 पेशेंट ठीक होकर घर लौट गए। लेकिन गुड़गांव में लगातार घटे रिकवरी रेट से चिंता बढ़ रही है। बुधवार को 50 फीसदी पेशेंट भी ठीक नहीं हो पाए। ऐसे में एक्टिव केस का आंकड़ा बढ़कर 2654 हो गया। जबकि दो पेशेंट की उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही गुड़गांव में 153 पेशेंट की मौत हो चुकी है। जबकि एक्टिव केस में से 213 पेशेंट अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट हैं।
इसके अलावा 2403 पेशेंट होम आइसोलेट किए गए हैं। गुड़गांव नगर निगम क्षेत्र में अब तक 13 हजार से अधिक पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। जबकि पटौदी, सोहना व फर्रुखनगर ब्लॉक में अब तक 2731 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। वहीं बुधवार को नगर निगम के जोन-1 में 85, जोन-2 में 93, जोन-3 में 86 व जोन-4 में 94 पॉजिटिव केस मिले हैं।
स्कूल खोलने से पहले स्कूलों में अपनाई जाने वाली अनिवार्य सावधानियों के बारे में शिक्षकों को अब जानकारी दी जा रही है
21 सितंबर से छात्रों के स्वेच्छा स्कूल आने को लेकर बुधवार को शिक्षा निदेशालय ने गाइडलाइन जारी की है। दरअसल, नॉन कंटेंटमेंट जोन में रहने वाले 9वीं से 12वीं के छात्र स्वेच्छा से अपने अध्यापकों के परामर्श लेने के लिए स्कूलों में आ सकेंगे। जिसके तहत उन्हें अभिभावकों से लिखित अनुमति लेकर स्कूल आना होगा।
स्कूल खोलने से पहले स्कूलों में अपनाई जाने वाली अनिवार्य सावधानियों के बारे में शिक्षकों को अब जानकारी दी जा रही है। जिसमें कहा गया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत दंडनीय अपराध होगी। ऐसे में शिक्षकों को खास ध्यान रखना होगा। स्कूल के अंदर छात्र, अध्यापक और अन्य कर्मी संपूर्ण जागरूकता सतर्कता से रहेंगे।
अध्यापकों से मिलने वाले छात्रों को अध्यापक एक-एक करके समय देंगे
जिला शिक्षा अधिकारी इंदू बोकन ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) के तहत राज्य के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 21 सितंबर से प्रभावी ढंग से लागू होगा। इसका समुचित प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है। छात्रों को इसकी सूचना पहले ही दी जा रही है। अध्यापकों से मिलने वाले छात्रों को अध्यापक एक-एक करके समय देंगे। स्कूल में छात्र संख्या पर भी ध्यान देना होगा, ज्यादा छात्रों को स्कूल में जमा नहीं होने दिया जाएगा। कोविड-19 के मद्देनजर सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए शिक्षकों को आरोग्य सेतु मोबाइल एप इंस्टॉल करना होगा।