कैब सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी ओला कैब्स को अब रिफंड प्रोसेस में कंज्यूमर को बैंक अकाउंट या कूपन में से किसी एक को चुनने के लिए ऑप्शन देना होगा। अभी कोई भी कस्टमर ओला ऐप पर रिफंड के लिए शिकायत करता है, तो कंपनी रिफंड के तौर पर उसे कूपन दे देती है, जिसका उपयोग वह केवल ओला ऐप पर अगले राइड के लिए कर सकता है। रविवार (13 अक्टूबर) को सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने कंपनी को यह आदेश जारी किया। रेगुलेटर ने कहा, ‘कंज्यूमर चाहे डायरेक्ट बैंक खाते में रिफंड की मांग करें या कूपन के रूप में ओला कैब्स को उसी रूप में रिफंड देना होगा।’ आदेश की मुख्य बातें… इस साल 9 अक्टूबर तक कंपनी के खिलाफ 2000 से ज्यादा शिकायत इस साल 9 अक्टूबर तक ओला के खिलाफ नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर (NCH) पर 2,061 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें ज्यादातर शिकायतें बुकिंग के समय से ज्यादा किराया और कस्टमर्स को राशि रिफंड न करने की थी। पिछले सप्ताह CCPA ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था पिछले सप्ताह, CCPA ने कंज्यूमर राइट्स के कथित उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापन और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के लिए ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लिस्टेड कंपनी के खिलाफ NCH पर 10,000 से ज्यादा कंप्लेंट्स दर्ज हो गई थीं। ओला पैसे कैसे कमाती है? ओला सिर्फ कैब बुकिंग सर्विस देती है। कंपनी के पास अपनी कोई कार नहीं है। इसके बावजूद कंपनी पैसे कैसे कमाती है? ओला का काम है, अपने ऐप के जरिए कस्टमर और ड्राइवर्स को जोड़ना। ऐप पर हुई बुकिंग में से ओला कुछ परसेंट का कमीशन लेती है। इसी से कंपनी की कमाई होती है। ओला भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूनाइटेड किंगडम में भी सर्विस देती है। ऑस्ट्रेलिया के 7 शहरों में ओला मौजूद है। कंपनी का दावा है कि ऑस्ट्रेलिया में ओला ऐप पर 41 हजार ड्राइवर मौजूद हैं। कंपनी ने 2019 में यूनाइटेड किंगडम में ऑटो रिक्शा लॉन्च किया।