आज के दौर में रिश्तों और समाज को समझने के लिए कई सारे नए टर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं में से एक है- ‘बीटा मेल।’ इससे पहले हम इंटरनेट, सोशल मीडिया और फिल्मों के जरिए ‘अल्फा मेल’ के बारे में बहुत कुछ सुन चुके हैं। कुछ समय पहले आई रणबीर कपूर अभिनीत फिल्म ‘एनिमल’ में ‘रणविजय सिंह’ के कैरेक्टर को अल्फा मेल के रूप में दिखाया गया है। इस फिल्म के बाद से बड़ी संख्या में टीन एजर्स और यंग एडल्ट्स खुद को अल्फा मेल के रूप में प्रोजेक्ट करने लगे। जबकि साल 2009 में आई रणबीर कपूर की ही फिल्म ‘वेक अप सिड’ में ‘सिद्धार्थ मेहरा’ का किरदार एक ‘बीटा मेल’ था। वह थोड़ा बुद्धू जरूर था, लेकिन उसका दिल सही जगह था। वह प्यार करना, ख्याल करना, दूसरों की परवाह करना और खुश रहना जानता था। जेन-Z पीढ़ी अल्फा मेल के बारे में खूब चर्चा करती है। हर लड़का अल्फा मेल होना चाहता है। सिनेमा ने लड़कियों को सिखाया है कि अल्फा मेल ही तुम्हारे सपनों का राजकुमार है। लेकिन क्या सचमुच ऐसा है? चलिए आज रिलेशनशिप में बीटा मेल के बारे में बात करते हैं और जानते हैं कि– बीटा मेल क्या होता है? बीटा मेल शब्द आमतौर पर ऐसे पुरुषों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो शांत स्वभाव के, धैर्यवान, देखभाल करने वाले और संवेदनशील होते हैं। बीटा मेल सामंजस्य बनाकर चलने वाले, मददगार और इमोशनली इंटेलीजेंट होते हैं। हालांकि उनका एक कैरेक्टरस्टिक यह भी होता है कि वे किसी सिचुएशन में तुरंत एक्शन लेने में कमजोर होते हैं। ऐसा लोग मानते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि यह सच हो। सच्चाई यह है कि हर व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों में अलग-अलग तरीके से काम करता है। और किसी को सिर्फ बीटा और अल्फा मेल का लेबल देना सही नजरिया नहीं है। कोई व्यक्ति अगर शांत रहता या कम बोलता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसमें नेतृत्व या ताकत की कमी है। इसके विपरीत, कोई व्यक्ति जोर से बोलता है तो इसका यह मतलब भी नहीं कि उसमें लीडरशिप क्वालिटी है। बीटा मेल में कौन सी खूबियां हो सकती हैं? बीटा मेल का इमोशनल इंटेलीजेंस उनकी सबसे बड़ी खूबियों में से एक है। इसके साथ ही उनमें सामने वाले को सुनने का, दूसरे की अहमियत समझने का हुनर होता है। जहां अल्फा मेल सिर्फ जीतने पर ध्यान देते हैं, वहीं बीटा मेल संतुलित नजरिया रखते हैं। बीटा मेल व्यक्तिगत विकास और सामूहिक सफलता, दोनों को महत्व देते हैं। वे संघर्ष के बजाय समाधान पर फोकस करते हैं और कठिन परिस्थितियों में भी शांति बनाए रखते हैं। बीटा मेल का दबाव में स्थिर रहना उन्हें अलग बनाता है। आइए ग्राफिक के जरिए बीटा मेल की विशेषताओं को समझते हैं। अल्फा मेल से किन मामलों में बेहतर होते हैं बीटा मेल? बीटा मेल कई मामलों में अल्फा मेल से बेहतर साबित हो सकते हैं। बीटा मेल सुनने और समझने, टीम वर्क, सामंजस्य, इमोशनल समझ और कठिन परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखने के मामले में अल्फा मेल से बेहतर हो सकते हैं। जहां अल्फा मेल आक्रामकता और प्रतिस्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं बीटा मेल सामंजस्य और सहयोग के जरिए बेहतर परिणाम लाने में विश्वास रखते हैं। अल्फा मेल के विपरीत, बीटा मेल दीर्घकालिक रिश्तों में बेहतर होते हैं। वे सिर्फ अपने लक्ष्यों पर नहीं, बल्कि रिश्ते की भलाई पर भी ध्यान देते हैं। बीटा मेल को डेट करने के फायदे ‘बीटा मेल’ जैसे स्वभाव के व्यक्ति को डेट करने के कई सारे फायदे हैं। उनमें बेहतर इमोशनल इंटेलीजेंस होता है। ऐसे में वे रिश्ते में पार्टनर की भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। हेल्पफुल होते हैं और समानता और संतुलन में विश्वास रखते हैं। भावनात्मक समझ होती है बीटा मेल अपनी भावनाओं और अपने साथी की भावनाओं से जुड़ाव रखते हैं। जिन पुरुषों में भावनात्मक बुद्धिमत्ता अधिक होती है, वे आमतौर पर ऐसे रिश्तों में सहज होते हैं, जो समान और संतुलित हों। उन्हें अपने साथी पर हावी होने या उन्हें नियंत्रित करने की जरूरत महसूस नहीं होती। सपोर्टिव होते हैं उनका सपोर्टिव स्वभाव उन्हें अधिक भरोसेमंद, विचारशील और अपने साथी को महत्वपूर्ण महसूस कराने वाला बनाता है। वे चाहते हैं कि उनका पार्टनर हमेशा प्यार महसूस करे। हेल्पफुल होते हैं बीटा मेल रिश्ते में साझेदारी को प्रोत्साहित करते हैं, जहां दोनों पक्ष सुने जाते हैं और फैसले आपसी सहमति से लिए जाते हैं। किसी भी समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करने में भरोसा रखते हैं।