रिलेशनशिप- कहीं आपको शॉपिंग की लत तो नहीं:दुनिया में 40 करोड़ लोग शिकार, साइकोलॉजिस्ट से जानिए लक्षण और बचाव का तरीका

शॉपिंग कुछ लोगों का पसंदीदा काम होता है। हममें से बहुत से लोग शॉपिंग करने बाजार और मॉल जाते हैं। वहीं, कुछ लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को नई-नई चीजें खरीदने में मजा आता है। हालांकि, इस शॉपिंग की लत हमें नुकसान पहुंचा सकती है। इस लत से फाइनेंशियल नुकसान के साथ कई सारी पर्सनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इंस्‍टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजी, इतोवास लोरैंड यूनिवर्सिटी और नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी की संयुक्त रिसर्च के अनुसार, दुनिया में 5% लोग यानी लगभग 40 करोड़ की आबादी शॉपिंग की लत का शिकार है। कहीं आप भी तो इन 40 करोड़ लोगों में से नहीं हैं? ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि- क्या है शॉपिंग की लत? शॉपिंग की लत एक तरह का बिहेवियरल एडिक्शन है। इसमें व्यक्ति न चाहते हुए भी ऐसी चीजों पर पैसे खर्च करता है, जिसकी जरूरत नहीं होती है। स्ट्रेस और एंग्जाइटी से पीड़ित लोग राहत पाने के लिए ऐसा करते हैं। एडिक्शन के 9 लक्षण मेंटल हेल्थ स्पेशलिस्ट शॉपिंग की लत मापने के लिए बर्गन शॉपिंग एडिक्शन स्केल का इस्तेमाल करते हैं। इसमें 28 सवालों और 9 संकेतों के जरिए शॉपिंग की लत जानने की कोशिश की जाती है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। शॉपिंग न करने से बिगड़ सकता है मूड क्या आपने कभी महसूस किया है कि अगर आप खरीदारी नहीं करते तो आपका मूड खराब हो जाता है। कई बार यह झुंझलाहट और चिड़चिड़ेपन का कारण बन सकता है। शॉपिंग से थोड़ी देर के लिए मूड में सुधार लोग एंग्जाइटी और अकेलेपन को दूर करने के लिए खरीदारी करते हैं। हालांकि, यह राहत अस्थायी होती है और धीरे-धीरे आदत में बदल जाती है। ओवर स्पेंडिंग की वजह से मुसीबत शॉपिंग की लत की वजह से हम पढ़ाई, नौकरी और रोजमर्रा की जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करने लगते हैं। शॉपिंग की लत की वजह से गिल्ट लगातार फिजूलखर्च से कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। इस वजह से अपराधबोध महसूस होता है और अधिक परेशान हो जाते हैं। दिमाग में चलता रहता है शॉपिंग का ख्याल शॉपिंग करने के बाद आप अगली शॉपिंग की प्लानिंग करने लगते हैं। हमेशा इस बारे में सोचते हैं कि अगली बार क्या खरीदना है। खर्च को रोकना मुश्किल शॉपिंग की लत के शिकार लोग खर्च कम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन बार-बार असफल होते हैं। लिमिट बढ़ती जाती है लत के चलते लोग बार-बार खरीदारी करते हैं और पहले से अधिक खर्च करने से ही उन्हें सुख मिलता है। शॉपिंग की लत के कारण शॉपिंग सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि कई लोगों के लिए सुकून पाने का जरिया भी है। आइए ग्राफिक के जरिए समझते हैं कि इस लत के प्रमुख कारण क्या हैं। इंटरनल स्ट्रेस बड़ी वजह शॉपिंग की लत अक्सर स्ट्रेस की वजह से होती है। इस स्ट्रेस के कई कारण हो सकते हैं। इसमें लो सेल्फ एस्टीम, पर्सनल प्रॉब्लम्स, मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। लो सेल्फ-कॉन्फिडेंस जिन लोगों में कॉन्फिडेंस कम होता है, नई चीज खरीदने पर थोड़ी देर के लिए उनका कॉन्फिडेंस बूस्ट होता है। पर्सनैलिटी ट्रेट्स फ्रंटियर्स जर्नल में छपी एक रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों का स्वभाव अस्थिर होता है, जो दूसरों को खुश करना चाहते हैं, वे शॉपिंग की लत का शिकार जल्दी होते हैं। सोशल मीडिया का असर सोशल मीडिया पर दिखने वाले विज्ञापन यकीन दिलाते हैं कि हमें इस चीज की जरूरत है, जबकि ऐसा होता नहीं है। साल 2022 में, फ्रंटियर्स में पब्लिश्ड एक रिसर्च ‘द डार्क साइड ऑफ सोशल मीडिया’ के मुताबिक, सोशल मीडिया के इस्तेमाल से मटेरियलिस्टिक इच्छाएं बढ़ जाती हैं। मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स शॉपिंग की लत एंग्जाइटी, डिप्रेशन या पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जुड़ी हो सकती है। शॉपिंग इन समस्याओं के लक्षणों को दबाने का अस्थायी जरिया बन जाती है। क्या नुकसान पहुंचा सकती है यह आदत? शॉपिंग की आदत लंबे समय तक रहने पर हमें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही कई मेंटल और फिजिकल समस्याएं पैदा कर सकती है। फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स जरूरत से ज्यादा खर्च करने से आर्थिक हालत खराब हो सकती है। धीरे-धीरे आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं और इससे निकलना मुश्किल हो सकता है। रिश्तों में खटास शॉपिंग की लत की वजह से बार-बार होने वाली बहस और आर्थिक समस्याएं रिश्ते में दरार पैदा कर सकती हैं। जिम्मेदारियों की अनदेखी यह आदत आपके काम, पढ़ाई और शौक में बाधा डाल सकती है। आप अपनी प्राथमिकताओं को भूलकर सिर्फ शॉपिंग के बारे में सोचने लगते हैं। कैसे पाएं शॉपिंग की लत से छुटकारा? हम कुछ आदतों को अपनाकर शॉपिंग की लत से छुटकारा पा सकते हैं। आइए इन आदतों को ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए ग्राफिक को विस्तार से समझते हैं खर्च का हिसाब बनाएं महीने की आय और खर्चों का हिसाब रखें। एक निर्धारित राशि ‘फन मनी’ के लिए रखें और उससे ज्यादा खर्च न करें। ‘नो स्पेंडिंग’ चैलेंज लें कुछ दिन के लिए शॉपिंग बंद करें। अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं। नई हॉबी जैसे साइकिलिंग या दूसरी एक्सरसाइज करें। कैश पेमेंट करें, स्मार्टफोन से क्रेडिट कार्ड रिमूव करें। थैंकफुल रहें आपके पास जो चीजें हैं, उनके लिए शुक्रगुजार रहें। इससे नेगेटिव इमोशंस कम करने में मदद मिल सकती है। न्यूजलेटर्स अनसब्सक्राइब करें शॉपिंग मॉल्स के न्यूजलेटर्स को अनसब्सक्राइब करें। इससे खरीदारी के लिए उकसाने वाले विज्ञापन आप तक नहीं पहुंचेंगे। कुछ दिन रूकें शॉपिंग करने की इच्छा हो तो कुछ दिन रूकें। खुद से सवाल करें कि क्या आपको वाकई इसकी जरूरत है? अगर जरूरत होगी तो आप बाद में खरीद सकते हैं।
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