रिलेशनशिप- कहीं आप भी FOMO का शिकार तो नहीं:82% भारतीय पीड़ित, इंटरनेट से बढ़ा खतरा, एक्सपर्ट से जानिए बचाव के 8 तरीके

क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आपके दोस्त कहीं पार्टी कर रहे हैं और आप पीछे छूट गए हैं? या फिर सोशल मीडिया पर किसी की छुट्टियों की तस्वीरें देखकर सोचते हैं कि आपकी जिंदगी कितनी नीरस है। अगर हां, तो आप FOMO यानी ‘फियर ऑफ मिसिंग आउट’ का शिकार हो सकते हैं। आज के डिजिटल युग में FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट) की समस्या आम हो गई है। यह समस्या न सिर्फ हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती है, बल्कि हमारे रिश्तों और खुशियों को भी प्रभावित करती है। टाटा कम्युनिकेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 82% प्रतिशत भारतीय इंटरनेट से दूर रहने पर FOMO महसूस करते हैं। हममें से कई सारे लोग ऐसा महसूस करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका हमारी मेंटल हेल्थ और हैप्पीनेस पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है। आज हम रिलेशनशिप में FOMO के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि FOMO क्या है? साथ ही जानेंगे कि- FOMO क्या है? आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि लोग मजेदार पार्टी में कर रहे हैं, शानदार छुट्टियां मना रहे हैं और आप कुछ खास नहीं कर रहे हैं। इसी भावना को FOMO कहते हैं। इसमें हम दूसरे लोगों को देखकर परेशान होते हैं और हमें लगता है कि हमारी जिंदगी में कोई खुशी नहीं है। FOMO केवल सोशल मीडिया या इंटरनेट के जरिए नहीं होता है, लेकिन इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग FOMO का शिकार हो रहे हैं। यह तब भी महसूस हो सकता है, जब आपके दोस्त अपनी छुट्टियों के बारे में उत्साहित होकर बात करते हैं। ऐसे में आपको लगता है कि आपके पास इसका एक्सपीरियंस क्यों नहीं है। FOMO के कारण क्या हैं? मनुष्य स्वाभाविक रूप से सामाजिक प्राणी है। इसी वजह हम समूह से बाहर किए जाने के डर में जीते हैं। प्राचीन समय में शिकार जैसी सामूहिक गतिविधियों में शामिल होना इंसानों के लिए जिंदगी और मौत का सवाल था। यही कारण है कि जब हम हमें बाहर रखा जाता है, तो हम बेहद दुखी और परेशान हो जाते हैं। हमारा ब्रेन हमेशा दूसरों से जुड़ने और स्वीकार किए जाने की चाहत में काम करता है। यही FOMO का मुख्य कारण है। आज के दौर में यह भावना और मजबूत हो गई है। सोशल मीडिया ने हमें पूरी दुनिया से जोड़ दिया है। हर वक्त हम फोन पर सोशल मीडिया फीड स्क्रॉल कर सकते हैं और यह देख सकते हैं कि दूसरे लोग क्या कर रहे हैं। हम दूसरों के साथ खुद की तुलना करते रहते हैं और सोचते हैं कि कहीं कोई एक्सपीरियंस हमसे मिस तो नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया के बाद यह डर अधिक बढ़ गया है। जो कुछ हम मिस कर रहे होते हैं, वह जिंदगी से जुड़ी हुई कोई बहुत जरुरी चीज नहीं होती है। इसके बावजूद भी हम परेशान होते हैं। FOMO के दुष्प्रभाव क्या हैं? FOMO मेंटल हेल्थ पर गहरा प्रभाव डालता है। सोशल मीडिया का अधिक उपयोग FOMO और एंग्जाइटी को बढ़ावा दे सकता है। FOMO आत्म-सम्मान को प्रभावित कर सकता है क्योंकि इस स्थिति में हम अपनी तुलना दूसरों से करते हैं। यह हमें महसूस कराता है कि हम अपने साथियों से पीछे हैं। हम सोशल मीडिया पर दूसरों के जीवन को देखकर और भी अकेला और कमतर महसूस करते हैं। FOMO से बचने के उपाय क्या हैं? क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि FOMO और सोशल मीडिया आपकी जिंदगी पर हावी हो गए हैं। इससे बचने के लिए आप अपने इमोशंस को समझें। अपना समय किसी और काम में लगाएं। जैसे किताब पढ़ना, माइंडफुलनेस विकसित करना। आइए ग्राफिक के जरिए FOMO से निपटने के तरीके के बारे में बात करते हैं। निर्णय की एजेंसी अपने पास रखें FOMO और बाहरी दबाव से बचने के लिए कोई फैसला करते समय एजेंसी अपने पास रखें। जब आप दूसरों के प्रभाव में आकर फैसला लेते हैं तो यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है। अपनी आवाज सुनें और वही करें जो आपके लिए सही हो। दूसरों की नजरों में कूल दिखने के लिए कोई कदम न उठाएं। माइंडफुलनेस अपनाएं माइंडफुलनेस (वर्तमान में रहने की कला) से आपको FOMO कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें आप जहां शारीरिक रूप से होते हैं, मानसिक रूप से भी वहीं रहने की कोशिश करते हैं। वॉक के समय पक्षियों की आवाज पर गौर करिए। धूप और हवा को महसूस करिए। सोशल मीडिया चेक करने का मन हो तो रुककर सोचिए कि क्या यह जरुरी है? स्ट्रेस और एंग्जाइटी को नियंत्रित करें FOMO चिंता और तनाव से जुड़ा है। मानसिक शांति के लिए व्यायाम और मेडिटेशन करें। मन में चल रही उथल-पुथल भरी बातों को लिखें। इससे स्ट्रेस कम करने में मदद मिल सकती है। डिजिटल डिटॉक्स करें सोशल मीडिया से अगर तनाव महसूस होता है तो इसका इस्तेमाल सीमित करें। एप्स के नोटिफिकेशन बंद करके रखें। याद रखें, लोगों की जिंदगी वैसी नहीं होती है, जैसी वह सोशल मीडिया पर दिखाते हैं। सेल्फ रिस्पेक्ट बढ़ाएं FOMO का गहरा संबंध सेल्फ-रिस्पेक्ट से भी है। खुद को निगेटिव रूप से आंकने के बजाय पॉजिटव अप्रोच रखें। अपनी स्ट्रेंथ को हाइलाइट करें और नई स्किल्स सीखें। इससे सेल्फ-कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और आप अपने जीवन पर ध्यान देंगे, न कि दूसरों की पोस्ट्स पर। सच्चे संबंधों को बढ़ावा दें रिश्तों को मजबूत करने के लिए दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों से मेल-मुलाकात करते रहें। अपनी तरह के नए लोगों को खोजें, जिनकी हॉबी आपसे मिलती हो। प्रोफेशनल की मदद लें FOMO आपकी जिन्दगी और मानसिक स्थिति पर असर डाल रहा है तो बिना देर किए पेशेवर की मदद लेें। एक्सपर्ट आपको FOMO के कारणों को पहचानने और उसे बदलने में मदद कर सकते हैं।