अक्सर ऐसा होता है कि जब कोई हम पर गुस्सा करता है, तो हम भी बदले में उस पर गुस्सा करने लगते हैं। जबकि हम ऐसा करना नहीं चाहते हैं। गुस्से में रिएक्ट करना तो सबके लिए बहुत आसान होता है, लेकिन गुस्सा आने पर खुद को संभालना बहुत जरूरी है। जब कोई दूसरा व्यक्ति हम पर गुस्सा करता है, तो यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह उनकी भावना है, हमारी नहीं। हमें उनकी भावनाओं को व्यक्तिगत रूप से नहीं लेना चाहिए। इसके बजाय, हमें दूसरे व्यक्ति के गुस्से को इग्नोर करना चाहिए और शांत रहने की कोशिश करनी चाहिए। आइए आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि- कोई बेवजह गुस्सा करे तो खुद को कैसे रखें शांत? जब कोई बेवजह गुस्सा करता है तो जवाब में हमें भी जोर से गुस्सा आता है। ऐसे में खुद को शांत रखना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, कुछ आसान तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर हम खुद को शांत रख सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। सांसों पर ध्यान दें: जब कोई हम पर गुस्से में चिल्लाता है तो हमारे दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं। इससे हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। ऐसे में समय में हमें अपनी आंखे बंद करके सांसो पर ध्यान केंद्रित करते हुए लंबी सांस लेनी चाहिए। इससे दिमाग को शांति मिलती है। ठंडा पानी पिएं: गुस्से या तनाव के समय कई बार शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में ठंडा पानी पीने आराम मिलता है। पानी मेंटल ब्रेक देने का काम करता है। इसके बाद आप बेहतर तरीके से सोच सकते हैं। जगह बदल दें: कभी-कभी गुस्से की स्थिति में, अगर आप वहीं रहते हैं, तो आप भी रिएक्ट कर सकते हैं। इससे स्थिति और खराब हो सकती है। ऐसे में हमें उस जगह से हट जाना चाहिए। ऐसा करने से हम ठंडे दिमाग से घटना के बारे में सोच सकते हैं और कोई निर्णय ले सकते हैं। उनकी भावनाओं पर ध्यान न दें: सामने वाला व्यक्ति गुस्सा है या वह कैसा महसूस कर रहा है। इस बारे में आप कुछ नहीं कर सकते हैं। हर किसी का रिएक्ट करने का अपना तरीका होता है। ऐसे में सिर्फ अपने आप पर ध्यान दें, दूसरों पर नहीं। उनकी हरकतों को दिल पर न लें: जब कोई गुस्सा होता है, तो हमें लगता है कि सामने वाला हम पर गुस्सा निकाल रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है। उनका गुस्सा उनकी अपनी परेशानियों, तनाव या दबाव के कारण हो सकता है। यह समझें कि उनका गुस्सा आपकी वजह से नहीं है, इससे आपको शांति मिलेगी। खुद को दोष न दें: अगर कोई गलत व्यवहार करता है, तो खुद को दोषी न ठहराएं। हर कोई अपनी हरकतों के लिए जिम्मेदार है। इसकी वजह आप नहीं हैं। उनकी जिम्मेदारी उन्हें लेने दें: दूसरे लोग कैसा व्यवहार करते हैं, यह उनकी जिम्मेदारी है। आपको उन्हें शांत करने की जरूरत नहीं है। आप अपने व्यवहार को नियंत्रित कर सकते हैं, दूसरों के व्यवहार को नहीं। ऐसे में अपने व्यवहार पर ध्यान दें और दूसरों के बारे में न सोचें। उनके अच्छे पहलू को याद रखें: जब कोई गुस्सा होता है, तो हम सिर्फ उनकी बुराइयां देखते हैं। इस बात को याद रखें, उनमें अच्छाइयां भी हैं। इससे आप स्थिति को सकारात्मक रूप से देख पाएंगे। अपनी कमजोरी को याद रखें: जब कोई गुस्से में हो, तो याद रखें कि आप भी कमजोर हो सकते हैं। उनकी स्थिति को समझने की कोशिश करें। ऐसे में शांति से इससे निपटने के रास्ते के बारे में सोच पाएंगे। लोगों को क्यों आता है गुस्सा? किसी को भी गुस्सा आने की कई सारी वजहें हो सकती हैं। गुस्से की वजह तनाव, निराशा, अन्याय या उकसावे जैसे बाहरी कारण भी हो सकते हैं। कई बार हम अपनी क्षमता से कम हासिल कर पाते हैं। ऐसे में यह भी गुस्से की वजह हो सकती है। भारतीय फिल्म अभिनेता और लेखक मानव कौल कहते हैं कि अपनी क्षमता से कम जीना किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं है। जब कोई अपनी क्षमता से कम हासिल करता है तो वह निराश हो सकता है। यह उस अपार संभावना और प्रतिभा का दुरुपयोग है, जो हर इंसान के भीतर मौजूद है। यह एक अधूरा जीवन जीने जैसा है, जहां व्यक्ति हमेशा यह सोचता रहता है कि वह और बेहतर कर सकता था। यह न केवल उस व्यक्ति के साथ अन्याय है, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी क्षति है। समाज उसके ऐसे कई योगदान से वंचित रह जाता है, जो वह व्यक्ति समाज को दे सकता था। इसलिए, अपनी क्षमताओं को पहचानना, उन्हें विकसित करना और उनका उपयोग करके अपने जीवन को सार्थक बनाना बहुत महत्वपूर्ण है।