रिलेशनशिप- क्या आपका दिमाग हर वक्त थका रहता है:मेडिटेशन से होगा फायदा, साइकोलॉजिस्ट से जानें आदत में शामिल करने के 8 तरीके

आजकल की भागदौड़ भरी जिन्दगी में मानसिक थकान एक आम समस्या बन गई है। खासकर तब, जब हमें खुद का ख्याल रखने के साथ-साथ घर-परिवार और दोस्तों का भी ख्याल रखना पड़ता है। साथ ही अपनी पेशेवर जिंदगी का भी ख्याल रखना होता है। हमें हर रिश्ते में अपना समय देना पड़ता है। चाहे वह पार्टनर के साथ हो या परिवार और दोस्तों के साथ। हर रिश्ते में इमोशनल कनेक्शन की जरूरत होती है, जो हमारे मानसिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है। काम का दबाव, रोजमर्रा की भागदौड़ और रिश्तों की जिम्मेदारियां। ये सभी मिलकर हमें मानसिक रूप से थका सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मानसिक थकान से निपटने का भी एक सरल तरीका हो सकता है? यह तरीका मेडिटेशन है, जिससे न केवल हमें मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह हमारे रिश्तों में भी सुधार ला सकता है। इससे तनाव कम हो सकता है और साथ ही एनर्जी हासिल करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि- मेडिटेशन के फायदे क्या हैं? मेडिटेशन को हिंदी में ‘ध्यान’ कहते हैं। यह एक प्राचीन तरीका है, जो मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। यह न केवल हमारी मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा है, बल्कि फिजिकल हेल्थ को सुधारने और उसे बेहतर बनाने में मददगार है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। मूड में सुधार मेडिटेशन मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है। हर रोज मेडिटेशन करने से हमें शांति का अनुभव होता है और हम पहले से अधिक खुशी महसूस करते हैं। यह सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हॉर्मोन के स्तर को भी बढ़ाता है, जो मूड को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फोकस करने में मदद आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और तेजी से भागती दुनिया में, फोकस करना और एकाग्र होकर कोई काम करना मुश्किल है। ऐसे में मेडिटेशन आपको अपने विचारों को नियंत्रित करने और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। इससे आप वर्तमान में रहकर अपने काम पर फोकस कर पाते हैं। मेमोरी में वृद्धि ध्यान करने से हमारी याददाश्त और सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है। यह हमारे दिमाग के उन हिस्सों को मजबूत बनाता है, जो नई चीजें सीखने और उन्हें याद रखने में मदद करते हैं। चिंता से राहत आज के समय में एंग्जाइटी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में मेडिटेशन चिंता को कम करने और मन को शांत रखने का एक आसान और असरदार तरीका है। मेडिटेशन हमें इमोशंस को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है। इससे एंग्जाइटी कम होती है और हम शांति महसूस करते हैं। माइंडफुलनेस और इमोशनल रेगुलेशन माइंडफुलनेस का मतलब है कि आप सिर्फ वर्तमान में रहें, न कि बीते हुए कल में या आने वाले कल में। जैसे, जब आप खाना खा रहे हैं, तो सिर्फ खाने पर ध्यान दें, न कि किसी और बात पर। ऐसे में आप अपने इमोशंस को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं। मेडिटेशन को आदत में कैसे शामिल करें? मेडिटेशन के फायदों को पूरी तरह से पाने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसे अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाए। हर रोज इसका अभ्यास किया जाए। अगर आप नियमित रूप से इसका अभ्यास करते हैं, तो इसके कई सारे फायदे हो सकते हैं। इसे दिनचर्या का हिस्सा कैसे बनाया जाए, इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। छोटी शुरुआत करें किसी भी चीज की शुरुआत छोटी ही होती है। ऐसे में शुरुआती दिनों में सिर्फ पांच मिनट भी मेडिटेशन को देना पर्याप्त हो सकता है। कुछ समय बाद आप खुद इसे इंजॉय करने लग जाएंगे। इसके बाद धीरे-धीरे आप समय बढ़ा सकते हैं। अपने लिए समय निकालें ध्यान करने के लिए ऐसा समय चुनें, जब आप आराम से बैठ सकें और कोई आपको परेशान न करे। कोई काम बीच में बाधा न डाले। इसके साथ ही हर रोज एक ही समय पर ध्यान करें। ऐसे में कुछ समय बाद खुद ही आपको उस समय मेडिटेशन करने की आदत लग जाएगी। शांत जगह चुनें एक ऐसी जगह चुनें जहां शोरगुल न हो। जगह प्रकृति के करीब हो तो और बेहतर। हालांकि, मेडिटेशन के लिए आप कोई भी जगह चुन सकते हैं। जैसे, घर की छत, आंगन, ऑफिस स्पेस, पार्क या कोई और जगह। माहौल तैयार करें आप चाहें, तो रोशनी कम करके, मेडिटेशन में मदद करने वाले म्यूजिक चलाकर और सुगंधित मोमबत्ती जलाकर अपने ध्यान के लिए माहौल तैयार कर सकते हैं। ऐसे में जब भी आप इस तरह का माहौल तैयार करेंगे, आपका मन मेडिटेशन के लिए खुद को तैयार कर लेगा। लक्ष्य तय करें ध्यान शुरू करने से पहले, यह तय करें कि आप मेडिटेशन क्यों करना चाहते हैं। क्या आप स्ट्रेस से राहत पाने के लिए कर रहे हैं या फोकस बेहतर करना चाहते हैं? या दिनभर के कामकाज के बाद थोड़ी सी शांति चाहते हैं? एक लक्ष्य तय करने से मेडिटेशन करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे निरंतरता भी बनी रहेगी। अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें ध्यान शुरू करने से पहले, एक शांत जगह चुनें। मेडिटेशन के दौरान सांस पर ध्यान केंद्रित करें, धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। यदि आपका मन भटकता है, तो अपना ध्यान वापस अपनी सांस पर लाएं। शुरुआत में, आप 5-10 मिनट तक ध्यान कर सकते हैं और धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं। अभ्यास पर विचार करें जब आपका ध्यान पूरा हो जाए, तो रुकें और सोचें कि आपको कैसा लगा। आपने क्या सीखा? अगर आपका मन करे, तो आप अपनी बातों को एक डायरी में भी लिख सकते हैं। इससे आपको अगली बार बेहतर तरीके से मेडिटेशन करने में मदद मिलेगी। धैर्य रखें हमारे मस्तिष्क को किसी भी आदत को अपनाने में समय लगता है। इसलिए ध्यान करते समय धैर्य रखना जरूरी है। अगर आपका मन भटकता है या किसी दिन आप ध्यान नहीं कर पाते हैं, तो निराश न हों। बस कोशिश करते रहें। अगर किसी दिन आप ध्यान नहीं कर पाते हैं, तो अगले दिन फिर से कोशिश करें।