रिलेशनशिप- क्या आपका पार्टनर इमोशनली अनएवेलेबल है:इन 6 संकेतों से पहचानें, इसका समाधान क्या है, बता रहे हैं साइकोलॉजिस्ट

हर कोई अपने रिलेशनशिप को लेकर काफी सजग रहता है। खासकर जब आप किसी ऐसे शख्स को डेट कर रही हों, जो कभी हां, कभी ना वाला खेल खेल रहा हो। कभी वो इतना प्यार जताता है कि लगता है दुनिया जन्नत बन गई हो। वहीं अगले दिन ही इतना ठंडा रुख दिखाता है कि जैसे उसके दिल में बर्फ में जम गई हो। ऐसे में हर कोई सोचता है ‘क्या वो सच में मुझसे प्यार करता है?’ ‘क्या उसे मेरी परवाह है?’ आप हमेशा इन सवालों में उलझी होती होंगी। कई बार आपको डर लगता होगा, ‘कहीं मैं झूठे सपने तो नहीं देख रही?’ ऐसे कई सारे सवाल आपके दिमाग में घूमते रहते होंगे। कई सारे लोग डेटिंग के दौरान, रिलेशनशिप में अपने को पार्टनर के ऐसे बिहेवियर से परेशान होते हैं। उनके लिए यह समझना काफी मुश्किल हो जाता है कि उनका पार्टनर उनमें रुचि रखता है या नहीं। ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि- भावनात्मक रूप से मौजूद होना क्या है? भावनात्मक मौजूदगी का मतलब है, किसी के साथ दिल से जुड़ना और उसकी भावनाओं को समझना। जब हम किसी के साथ दिल से जुड़ते हैं, तो उसकी खुशी और दुख को ही नहीं, बल्कि उसकी चुप्पियों को भी महसूस करते हैं। भावनात्मक रूप से मौजूद होने का मतलब किसी की भावनाओं को समझना और उनका सम्मान करना है। भावनात्मक गैरमौजूदगी के लक्षण जब कोई रिश्ता भावनात्मक रूप से अधूरा या गैरमौजूद होता है, तो यह हम दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए, यह जानना जरूरी है कि इसके क्या संकेत हैं, ताकि हम अपने रिश्ते को बेहतर बना सकें। आइए इन संकेतों को ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए इन ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। सतही बातचीत: बातचीत गहरी नहीं होती, सिर्फ ऊपरी विषयों तक सीमित रहती है। जैसे आपका पार्टनर काम, फिल्मों, करियर के बारे में तो खुलकर बात करता है, लेकिन प्यार और इमोशन जैसे मुद्दों पर बात करने से बचता है। भ्रमित करने वाला व्यवहार: आपके पार्टनर का ध्यान बहुत भ्रमित करने वाला होता है। जैसे कभी-कभी वह आपके साथ ढेर सारा प्यार जताएगा। वहीं किसी और दिन बिल्कुल बेरुखा व्यवहार करता है। ऐसे में आप हमेशा असमंजस में रहती हैं और अलग-थलग और उलझन में महसूस करती हैं। वादा करने से बचता है: रिश्ते को नाम देने से बचता है, लॉन्ग टर्म की प्लानिंग से कतराता है। ‘मैं सीरियस रिलेशनशिप के लिए तैयार नहीं हूं’ या ‘चलो देखते हैं कि यह रिश्ता कहां जाता है’ जैसे वाक्यों का इस्तेमाल करता है। संवेदनशीलता की कमी: आपका पार्टनर आपके साथ मौजूद होता है, लेकिन फिर भी आपको उसके इमोशनल सपोर्ट की कमी खलती है। साथ ही जब आप अपने इमोशंस को उसके साथ शेयर करती हैं, तो बातचीत से बचता है। कई बार वह ऐसे विषय को बदल देता है, जिससे आपको महसूस होता है कि दोनों के बीच कोई दीवार खड़ी है। ध्यान भटकाने की कोशिश: जब बातें गंभीर होने लगती हैं, तो वह बातों को वापस मजाक में बदल सकता है। साथ ही गंभीर बातों से बचने के लिए वह फिजिकल अफेक्शन का इस्तेमाल कर सकता है। ऐसा करने से भले ही आप कुछ पल के लिए उसे करीब महसूस करती हैं, लेकिन इससे आपका इमोशनल कनेक्शन गहरा नहीं होता है। इमोशनल सपोर्ट की कमी: आपका पार्टनर अपनी भावनाओं महसूस करने में संघर्ष कर सकता है। साथ ही वह आपकी भावनाओं से निपटने में भी कठिनाई महसूस कर सकता है। जब आपको इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है तो आपसे दूर हो सकता है। वह इमोशंस को मुसीबत की तरह देख सकता है। क्या इमोशनली अनएवेलेबल व्यक्ति करता है आपसे प्यार? जब कोई व्यक्ति आपसे प्यार करता है तो आपसे इमोशनली जुड़ाव महसूस करता है। उसके रहते हुए आप अकेला नहीं महसूस करेंगी। वहीं, अगर आपका पार्टनर इमोशनली अनएवेलेबल है तो भले ही आपको गिफ्ट दे, ‘ल यू’ जैसे वाक्य बोले, लेकिन अपना वक्त नहीं देगा, इमोशनली सपोर्ट नहीं करेगा। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। आपके लिए समय नहीं निकालता है: अगर आपका पार्टनर हमेशा अपनी व्यस्तताओं का हवाला देता है। आपके लिए समय नहीं निकालता है। छोटी-छोटी बातें भी भूल जाता है: अगर आपका पार्टनर आपकी कही हुई छोटी-छोटी बातें भी भूल जाता है, तो यह दर्शाता है कि वह आपकी बातों को महत्व नहीं देता है। कभी भी आपकी तारीफ नहीं करता है: अगर आपका पार्टनर कभी भी आपकी तारीफ नहीं करता है, तो वह इस रिश्ते को सीरियसली नहीं लेता है। फैमिली और फ्रेंड्स से नहीं मिलाना चाहता है: आपका पार्टनर आपको अपने परिवार और दोस्तों से नहीं मिलाना चाहता है, जिससे पता चलता है कि वह रिश्ते को लेकर गंभीर नहीं है। गलतियां स्वीकार करने से बचता है: आपका पार्टनर अपनी गलतियां स्वीकार नहीं करता है। वह जिम्मेदारी लेने से बचता है और रिश्ते को लेकर गंभीर नहीं है। दोनों के भविष्य को लेकर कोई प्लानिंग नहीं करता है: आपका पार्टनर आपके साथ अपने भविष्य को लेकर कोई योजना नहीं बनाता है। इसका मतलब है कि वह आपके साथ लॉन्ग टर्म रिश्ते को लेकर गंभीर नहीं है। इस रिलेशनशिप पर रिएक्ट कैसे करें? साइकोलॉजिस्ट डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं कि भावनात्मक रूप से गैरमौजूद पुरुष के साथ रहना मुश्किल है। इससे आप हमेशा परेशान रहेगा और खालीपन महसूस कर सकता है। ऐसे में खुद से सवाल करें कि क्या आप उसके द्वारा दिए जा रहे प्यार से संतुष्ट हैं। क्या आप भावनात्मक रूप से सीमित रिश्ता चाहती हैं? आपका जवाब होगा- बिल्कुल नहीं। ऐसे में इस रिश्ते को खत्म करना आपके मेंटल, फिजिकल और इमोशनल हेल्थ के लिए बेहतर है। खुद को तैयार करें: अपनी भावनाओं को स्वीकार करें और रिश्ते से अलग होने के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करें। स्पष्ट रूप से संवाद करें: अपने पार्टनर से अपनी भावनाओं और निर्णयों के बारे में स्पष्ट रूप से बात करें। उन्हें बताएं कि आप रिश्ता क्यों खत्म करना चाहते हैं। सीमाएं निर्धारित करें: रिश्ता खत्म करने के बाद, अपने पार्टनर के साथ संपर्क सीमित करें। खुद की देखभाल करें: अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं। उन एक्टिविटीज में शामिल हों, जो आपको खुशी देती हैं। खुद पर ध्यान दें: रिश्ते से बाहर निकलने के बाद, खुद के मेंटल, इमोशनल और फिजिकल हेल्थ पर ध्यान दें। किसी विश्वसनीय व्यक्ति से बात करें: किसी दोस्त, परिवार के सदस्य या थेरेपिस्ट से बात करें। अपनी भावनाओं को लिखें: अपनी भावनाओं को लिखने से आपको उन्हें समझने और उनसे निपटने में मदद मिल सकती है।