रिलेशनशिप- क्या आप जरूरत से ज्यादा सोचते हैं:ओवरथिंकिंग से बढ़ता बीमारियों का रिस्क, साइकोलॉजिस्ट के 11 टिप्स

इंसान की सोचने-समझने की क्षमता अन्य प्राणियों से कई गुना अधिक होती है। यही उसे अन्य जीव-जन्तुओं और पशु-पक्षियों से अलग बनाती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा सोचना किसी को भी बीमार बना सकता है। अंग्रेजी में इसे ओवरथिंकिंग (Overthinking) कहते हैं। बहुत से लोग ओवरथिंकिंग से ग्रस्त होने के बाद भी स्वीकार नहीं करते कि उन्हें यह समस्या है। बहुत ज्यादा सोचना एक ऐसी आदत है, जिसे छोड़ना मुश्किल हो सकता है। वास्तव में लोग जितना ज्यादा समय किसी चीज के बारे में सोचने में बिताते हैं, उतना ही कम समय और एनर्जी उनके पास बचती है। ओवरथिंकिंग व्यक्ति की मेंटल हेल्थ के साथ फिजिकल हेल्थ पर भी बुरा असर डालती है। तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम ओवरथिंकिंग के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- ओवरथिंकिंग क्या है? किसी विषय या परिस्थिति के बारे में बहुत ज्यादा सोचने और लंबे समय तक उसके बारे में एनालिसिस करने को ‘ओवरथिंकिंग’ कहते हैं। यह कब आदत बन जाती है, लोगों को इसका पता ही नहीं चलता। बहुत ज्यादा सोचने से मन में दुविधा, भ्रम और कुछ भी करने से पहले डर पैदा होने लगता है। ओवरथिंकिंग की वजह से स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। समय रहते इस स्थिति से उबरना बेहद जरूरी है। ओवरथिंकिंग की वजह क्या है? ओवरथिंकिंग में किसी घटना या व्यक्ति को लेकर दिमाग में बहुत ज्यादा विचार आने लगते हैं। ये विचार ज्यादातर नकारात्मक होते हैं। ओवरथिंकिंग का एक बड़ा कारण तनाव भी है। जब कोई व्यक्ति किसी तनावपूर्ण घटना से गुजरता है तो वह लगातार उसके बारे में सोचता रहता है। इससे धीरे-धीरे ओवरथिंकिंग उस पर हावी होने लगती है। व्यक्ति अपने विचारों में ही लगातार उलझा रहता है, जिससे उबर पाना उसके लिए कठिन हो जाता है। इसके अलावा ओवरथिंकिंग के कई और कारण हैं। इन्हें नीचे ग्राफिक देखें। ओवरथिंकिंग को कैसे पहचानें अगर आप किसी खास परिस्थिति के बारे में लगातार सोच रहे हैं तो ये ओवरथिंकिंग का मुख्य लक्षण है। इसके अलावा भी कुछ चीजें हैं, जो ओवरथिंकिंग का संकेत देती हैं। नीचे पॉइंटर्स में इस बारे में देखिए। ओवरथिंकिंग का हेल्थ पर प्रभाव ओवरथिंकिंग कई फिजिकल और मेंटल बीमारियों का कारण बन सकती है। कई बार इसका रिश्तों पर भी बुरा असर पड़ता है। ओवरथिंकिंग खुद को सबसे बुरा मान लेने की भावना को जन्म दे सकती है। ये कई अन्य तरीकों से हमारी सेहत को प्रभावित करती है। नीचे दिए ग्राफिक में इसे देखिए। ओवरथिंकिंग पर लगाम लगाना जरूरी किसी विषय के बारे में बहुत ज्यादा सोचना खतरनाक है। इस पर जल्द-से-जल्द काबू पाना जरूरी है। इसके लिए फिजिकल एक्टिविटी या मेडिटेशन कर सकते हैं। इसके अलावा विचारों को लिखकर और अपनी सफलताओं पर ध्यान केंद्रित करके ओवरथिंकिंग को कम कर सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक में ओवरथिंकिंग से उबरने के कुछ और तरीके देखिए। आइए ऊपर ग्राफिक में दिए गए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं। नियमित मेडिटेशन करें डॉ. अदिति सक्सेना बताती हैं कि मेडिटेशन ओवरथिंकिंग को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए मेडिटेशन के समय अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। इसके नियमित 10 मिनट के अभ्यास से अधिक सोचने पर काबू पाया जा सकता है। नकारात्मक विचारों को पहचानें ओवरथिंकिंग दिमाग में नकारात्मक विचारों का जन्म देती है। इससे बचने के लिए ऐसे विचारों को नोटिस करना जरूरी है। इसकी पहचान करके इसे एक डायरी में नोट करें और तुरंत एक्शन लें। इस दौरान अपनी पसंदीदा एक्टिविटी करें। खुद को रिलैक्स रखने के लिए कोई म्यूजिक सुन सकते हैं, फिल्में देख सकते हैं। ओवरथिंकिंग के समय अकेले रहने से बचें ओवरथिंकिंग के दौरान अकेले रहने से बचना चाहिए। ये खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इस दौरान दिमाग में खुद को नुकसान पहुंचाने या आत्महत्या जैसे विचार आते हैं। इस स्थिति में अपने दोस्तों या फैमिली के साथ रहना जरूरी है। अगर किसी बात को लेकर ज्यादा चिंतित हैं तो उस पर अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करें। वर्तमान में रहें और खुद को प्रिऑरिटी दें ओवरथिंकिंग से बचने के लिए वर्तमान में रहना बेहद जरूरी है। हर दिन एक निश्चित समय के लिए अपने स्क्रीन टाइम को कम करें और उस समय को किसी एक एक्टिविटी पर खर्च करें। अपने पसंदीदा खाने-पीने की चीजों का आनंद लें या बाहर कहीं टहलने जाएं। ये सोचें कि आपका स्वास्थ्य आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है। इससे ओवरथिंकिंग से उबरने में मदद मिल सकती है। अपने डर को स्वीकार करें अगर आप किसी विषय को लेकर ओवरथिंकिंग कर रहे हैं, जिससे डर पैदा हो रहा है तो उस डर को स्वीकार करके उसका सामना करें। इस बात को स्वीकार करें कि कुछ चीजें हमेशा कंट्रोल से बाहर होती हैं। उनके बारे अत्यधिक सोचना व्यर्थ है। प्रोफेशनल्स की मदद लें अगर आप ज्यादा सोचने की आदत से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो साइकोलॉजिस्ट की मदद ले सकते हैं। वे आपको कुछ ऐसे स्किल सिखा सकते हैं, जो ओवरथिंकिंग से बचने में आपकी मदद करेंगे। इसके अलावा कुछ थेरेपी भी होती हैं, जो इससे उबरने में मददगार साबित हो सकती हैं।