रिलेशनशिप- जॉइंट फैमिली में रहने के फायदे ज्यादा या नुकसान:बच्चों की परवरिश में बुजुर्ग कितने अहम, जानें साइकोलॉजिस्ट की राय

आज से कुछ साल पहले तक बहुत से लोग संयुक्त परिवारों में रहते थे। लेकिन बीते कुछ वर्षों से इसमें काफी बदलाव देखने को मिला है। लोग न्यूक्लियर फैमिली यानी सिर्फ अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहना पसंद करने लगे हैं। इसके पीछे अपने कुछ कारण भी हो सकते हैं। हालांकि जॉइंट फैमिली में रहने के अपने कुछ फायदे हैं, जो न्यूक्लियर फैमिली में चाहकर भी नहीं मिल सकते हैं। जॉइंट फैमिली में कई पीढ़ियां एक साथ रहती हैं। हमेशा हंसी-मजाक होता रहता है। सभी एक साथ बैठकर खाने का आनंद लेते हैं और हमेशा एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहते हैं। इसके अलावा बच्चे न केवल माता-पिता बल्कि दादा-दादी, चाचा-चाची और चचेरे भाई-बहनों के प्यार के साथ बड़े होते हैं। संयुक्त परिवार एक सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है। परिवार के किसी भी सदस्य के जीवन में आने वाली कोई समस्या पूरे परिवार की समस्या होती है। सभी एक साथ मिलकर उसका सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। हालांकि एक पुरानी कहावत है कि ‘अगर घर में चार बर्तन हैं तो आवाजें आती ही हैं।’ इसका मतलब है कि परिवार के सदस्यों के बीच कभी-कभार छोटी-छोटी बातों पर मतभेद भी हो सकते हैं। ऐसे में जॉइंट फैमिली के अपने कुछ फायदे और नुकसान दोनों हैं। तो आज रिलेशनशिप कॉलम में बात जॉइंट फैमिली की। साथ ही जानेंगे कि- जॉइंट फैमिली क्या है? जॉइंट फैमिली का मतलब एक ऐसे परिवार से है, जहां एक ही घर में दो-तीन पीढ़ी के लोग आपसी प्रेम के साथ रहते हैं। एक ही रसोई में सभी का खाना बनता है। आमतौर पर परिवार का सबसे बड़ा सदस्य ही परिवार का मुखिया होता है। निर्णय लेने की जिम्मेदारी उसी पर होती है। हालांकि परिवार के अन्य सदस्य सुझाव दे सकते हैं। परिवार चलाने के लिए सभी सदस्यों से आर्थिक योगदान की उम्मीद की जाती है और सभी को घर के कामों में हाथ बंटाना पड़ता है। इसे ही जॉइंट फैमिली कहते हैं। जॉइंट फैमिली में मिलता इमोशनल और फाइनेंशियल सपोर्ट जहां आजकल न्यूक्लियर फैमिली का ट्रेंड बहुत तेजी से बढ़ रहा है। लोग अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर अलग रहना पसंद कर रहे हैं। ऐसे में जॉइंट फैमिली का महत्व समझना जरूरी है। इसमें लोगों को इमोशनल और फाइनेंशियल सपोर्ट मिलता है। अगर पेरेंट्स वर्किंग होते हैं तो उन्हें ये टेंशन नहीं रहती कि उनके बच्चों की देखभाल कौन करेगा क्योंकि घर के सारे सदस्य जिम्मेदारी से बच्चे की केयर करते हैं। एक बड़ा परिवार एक बड़ी टीम के रूप में काम करता है। इससे कोई भी काम बिना किसी समस्या के आसानी से हो जाता है। खासकर तब, जब खाना पकाने या सफाई जैसे घरेलू काम करने की बात आती है। इससे परिवार का कोई भी सदस्य काम को लेकर तनाव नहीं महसूस करता है। वहीं परिवार के सभी कमाने वाले सदस्य घर के खर्चों को मिलकर पूरा करते हैं। इससे किसी एक पर बोझ नहीं पड़ता है। इसके अलावा जॉइंट फैमिली में रहने के और भी कुछ फायदे हैं, इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- जॉइंट फैमिली में रहना इसलिए नुकसानदायक जहां जॉइंट फैमिली में रहने के अपने कुछ फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। जॉइंट फैमिली में कई लोगों के बीच होने से प्राइवेसी की कमी एक समस्या बन सकती है। वहीं अगर परिवार के किसी एक सदस्य को ज्यादा आर्थिक बोझ दिया जाता है तो इससे कलह हो सकती है। जॉइंट फैमिली में परिवार का मुखिया ही यह तय करता है कि पैसे कहां और कैसे खर्च किए जाएंगे।कभी-कभी उसके द्वारा लिए गए निर्णय कुछ सदस्यों को पसंद नहीं आते। इससे असहमति और बहस हो सकती है। कई बार जो लोग परिवार के अन्य सदस्यों से ज्यादा कमाते हैं, वे सभी पर हावी होने की कोशिश करते हैं। इससे परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव हो सकता है। इसके साथ ही परिवार की औरतों पर काम का बोझ ज्यादा रहता है, जो विवाद की वजह बन सकता है। इसके अलावा जॉइंट फैमिली में रहने के कुछ और संभावित नुकसान हैं, इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- बच्चों की परवरिश पर जॉइंट फैमिली का प्रभाव जॉइंट फैमिली में पलने से बच्चों में आपसी सहयोग, सम्मान और सेवा की भावना विकसित होती है। उन्हें परिवार के अन्य बच्चों के साथ खेलने का मौका मिलता है, जिससे वे फिजिकली और मेंटली फिट रहते हैं। जॉइंट फैमिली बच्चों की परवरिश में काफी मददगार साबित होती है। जैसेकि-