डेटिंग को लेकर हमारे मन में कई सारे ख्याल उमड़-घुमड़ करते रहते हैं। कुछ उम्मीद भरे होते हैं, तो कुछ फिल्मों और कहानियों से जुड़े होते हैं। इन ख्यालों का वास्ता असली दुनिया की सच्चाइयों से कम ही होता है, लेकिन अनजाने में हम इन्हें ही सच मान चुके होते हैं। हम उन बातों पर यकीन करने लगते हैं, जो सुनने में तो अच्छी लगती हैं, लेकिन वास्तविक दुनिया से इनका कोई लेना-देना नहीं होता है। हम अक्सर सुनते हैं, ‘प्यार में सब जायज है’ या ‘सच्चा प्यार तो किस्मत से मिलता है।’ हालांकि, ऐसा कुछ नहीं होता है, बल्कि ये सारी चीजें हमारी इच्छा और चुनाव का परिणाम होती हैं। हम सभी एक खुशहाल और प्यार भरा रिश्ता चाहते हैं, लेकिन अक्सर यह मान लेते हैं कि रिलेशनशिप में सिर्फ प्यार होना ही काफी होता है। जबकि रिश्ते में समझदारी, लगातार खुद को बेहतर बनाने का प्रयास और एक-दूसरे के अटूट साथ की जरूरत होती है। रिश्ते को सिर्फ भावनाओं के सहारे नहीं छोड़ा जा सकता है। ऐसा सोचने का मतलब है कि हम गलतफहमी में जी रहे हैं। ऐसे में आज हम रिलेशनशिप कॉलम में जानेंगे कि- डेटिंग को लेकर हमारे मन में क्या धारणाएं हैं? डेटिंग को लेकर हमारे मन में कई तरह की धारणाएं और गलतफहमियां होती है। इनकी वजह से हमें कई बार अपनी जिंदगी में मेंटली, फिजिकली और फाइनेंशियली नुकसान का सामना करना पड़ता है। आइए इन्हें ग्राफिक के जरिए समझते हैं। धारणा: प्यार ही सब कुछ होता है हमारा मानना होता है कि एक हैप्पी रिलेशनशिप के लिए प्यार ही काफी होता है। जबकि वास्तविक जिंदगी में ऐसा कुछ होता नहीं है। जिंदगी भर साथ जीने के लिए जरूरत और जिम्मेदारी जैसी बुनियादी चीजों का भी ख्याल रखना होता है। जब हम अपनी जरूरतों और उम्मीदों को अनदेखा कर देते हैं, तो प्यार एक बोझ लगने लगता है। धारणा: लोग प्यार के लिए खुद को बदल लेते हैं हमारा मानना होता है कि प्यार में पड़ने के बाद लोग अपनी बुरी आदतें छोड़ देते हैं। लोगों को लगता है रिश्ते की जिम्मेदारी ने उन्हें सुधार दिया है। जबकि ऐसा होता नहीं है। बदलाव भीतर से आता है, बाहरी दबाव से नहीं। जब हम अपने साथी को उनके वर्तमान रूप में स्वीकार नहीं करते, तो तनाव और निराशा बढ़ जाती है। रिश्ते तभी मजबूत होते हैं जब दोनों एक-दूसरे को वैसे ही स्वीकार करें जैसे वे हैं। धारणा: ब्रेकअप अचानक होते हैं ब्रेकअप अक्सर अचानक नहीं होते। ये तब होते हैं जब छोटे-छोटे मुद्दे समय के साथ बढ़ जाते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन 2019 में छपी एक स्टडी के मुताबिक, जब रिश्ते में नकारात्मक संवाद बढ़ता है, तो ब्रेकअप की संभावना बढ़ जाती है। धारणा: हर ब्रेकअप में एक अच्छा और एक बुरा इंसान होता है ब्रेकअप में हमेशा एक अच्छा और एक बुरा व्यक्ति हो, ऐसा जरूरी नहीं है। हमें यह समझना चाहिए कि रिश्ते में हमारी भी भूमिका होती है। जब हम अपने पूर्व साथी को दोषी ठहराते हैं, तो हम अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करते हैं। दूसरों को दोष देने पर हम अपनी गलतियों से सीखने का मौका खो देते हैं। धारणा: जब रोमांच खत्म होने पर रिश्ता खत्म हो जाता है समय के साथ रिश्ते में रोमांटिक स्पार्क खत्म होना सामान्य है। इसका मतलब यह नहीं कि रिश्ता खत्म हो गया है। हम अपने रिश्ते को फिर से नया जीवन दे सकते हैं। पार्टनर के साथ हंसी-मजाक, नए एक्सपीरियंस शेयर करना जैसी चीजें शामिल कर रिश्ते में स्पार्क वापस ला सकते हैं। रिलेशनशिप में इन गलतफहमियों से कैसे बचें? रिलेशनशिप के दौरान ख्याली पुलाव से बचना चाहिए। अपने डेटिंग पार्टनर से इस बारे में बात करें। साथ ही जिंदगी को ख्यालों में जीने के बजाय वास्तविकताओं को समझें। छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखते हुए हम इससे बच सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। सच्चाई का सामना करें रिश्ते की नींव कॉमन लाइफ वैल्यूज, जीवन के लक्ष्यों, आपसी सम्मान पर टिकी होनी चाहिए। सिर्फ ‘केमिस्ट्री’ के आधार पर किसी रिश्ते में जल्दबाजी न करें। डेटिंग पार्टनर से करियर, परिवार और पर्सनल ग्रोथ से जुड़े विषयों पर बात करें। समझने की कोशिश करें कि क्या आप दोनों भविष्य को एक ही नजरिए से देखते हैं। इस बात को भी समझें कि हर रिश्ते में कभी-न-कभी मुश्किलें जरूर आएंगी। जरूरी बात यह है कि आप दोनों उन चुनौतियों से किस तरह निकलते हैं। साथ ही अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दें और मूल्यों और से समझौता न करें। भले ही आपको किसी के प्रति कितना भी मजबूत आकर्षण महसूस हो। सिर्फ साथी के बदलने की उम्मीद न करें, कमियों को स्वीकार करें अगर आप किसी को उसकी कुछेक आदतों की वजह से पसंद करते हैं। इसके बावजूद उनमें कुछ ऐसी आदतें हैं, जो आपको पसंद नहीं हैं और आप इन आदतों के साथ कंप्रोमाइज नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यह न समझें कि सामने वाला प्यार में आपके लिए बदल जाएगा। ऐसे में आपको या तो उन कमियों को स्वीकार करना होगा या फिर आप अलग हो जाएं। शुरुआत में ही यह तय करें कि डेटिंग पार्टनर के साथ आपके विचार और अपेक्षाएं मेल खाते हों। किसी को बदलने की बजाय, उन्हें स्वीकार करना और एक-दूसरे की कमजोरी को समझना बेहतर होगा। खराब हो रहे रिश्ते को संकेतों के जरिए पहचानें छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज न करें। असहमति, कम्युनिकेशन की कमी या साथ रहने पर बोरियत महसूस करना। इस तरह के संकेतों को कभी हल्के में न लें। समय-समय पर रुककर सोचें कि रिश्ता कैसा चल रहा है और क्या कोई ऐसी समस्या हैं जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जब आपको लगे कि सबकुछ ठीक नहीं है, तो अपने डेटिंग पार्टनर के साथ इसके बारे में बात करें। आत्म-मूल्यांकन करें यदि रिश्ता खत्म होता है, तो अपने बारे में ईमानदारी से विचार करें। यह समझने की कोशिश करें कि आपसे क्या गलतियां हुई हैं। भविष्य में इन गलतियों को बचने की कोशिश करें। सोचें कि आप किस तरह के लोगों की ओर आकर्षित होते हैं। अपनी जरूरतों, मूल्यों और बाउंड्री को समझें। इससे आपको अपने लिए एक बेहतर पार्टनर खोजने में मदद मिलेगी। अपने एक्स के बारे में दोस्तों और परिवार के बीच भली-बुरी बातें न बोलें। अपने एक्स को विलेन बनाने के बजाय अपनी गलतियों से सीखें। रोमांच को वापस लाएं समय के साथ हर रिश्ते में स्पार्क कम या खत्म हो सकता है। हालांकि, छोटी-छोटी नई आदतें विकसित करें, जिससे रिश्ते में स्पार्क लाया जा सकता है। रूटीन या डिनर डेट जैसी चीजों के अलावा कुछ नया ट्राई करें। जैसे पार्टनर के साथ मिलकर उनकी पसंद की कुछ नई चीजें सीखें। कुछ नई चीजें ट्राई करें। जैसे, साथ में स्विमिंग सीखना, स्कूबा डाइविंग करना, ट्रेक पर जाना। इससे नई यादें बनेंगी और रिश्ते में स्पार्क भी लौटेगा।