क्या आपके साथ ऐसा हुआ है कि आप किसी से पहली बार मिले और वो आपको अपनी जिंदगी की बहुत सारी अंदर की बातें बताने लगे? जैसे, अपनी परेशानियां, अपने पुराने रिश्ते या कुछ ऐसी बातें, जो आमतौर पर लोग पहली मुलाकात में नहीं करते हैं। मान लीजिए, आप किसी के साथ पहली डेट पर गए हैं और वो आपके सामने अपनी सारी निजी जिंदगी खोलकर रख देता है। इसे ही फ्लडलाइटिंग कहते हैं। यह चलन Gen-Z युवाओं में खूब देखा जा रहा है। यानी ऐसे लोग जिनका जन्म 1996 के बाद और 2012 के पहले हुआ है। क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान पहली ही मुलाकात में इतनी निजी बातें क्यों बताता है? इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं? आज हम रिलेशनशिप कॉलम में जानेंगे कि- फ्लडलाइटिंग के नुकसान क्या हैं? फ्लडलाइटिंग की आदत से रिलेशनशिप को ही नहीं, खुद को भी नुकसान पहुंच सकता है। इससे आप सामने वाले व्यक्ति को इमोशनल बोझ की तरह लग सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। असुरक्षा और अविश्वास: जब कोई इंसान पहली मुलाकात में ही अपनी अंदर की बातें बहुत जल्दी-जल्दी बताने लगता है, तो सामने वाले को थोड़ा अजीब लग सकता है। दूसरे इंसान को लगता है कि अभी तो ठीक से जान-पहचान भी नहीं हुई और इतनी गहरी बातें! इससे रिश्ते में भरोसा नहीं जमता है, बल्कि ऐसा लग सकता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है। सामने वाले पर भावनात्मक बोझ: फ्लडलाइटिंग से सामने वाले पर भावनाओं का बोझ पड़ सकता है। यह भी हो सकता है कि इतनी सारी बातें सुनने के लिए वो अभी तैयार नहीं हों। ऐसा भी हो सकता है कि रिश्ता बराबर का न लगे। सुनने वाले को लगे की दूसरा व्यक्ति अपनी सारी परेशानी पर उस डाल रहा हो। गलतफहमी पैदा हो सकती है: फ्लडलाइटिंग गलतफहमी को जन्म दे सकती है। जब कोई व्यक्ति बहुत जल्दी अपनी निजी जानकारी साझा करता है, तो दूसरे व्यक्ति को यह गलत तरीके से समझ में आ सकता है। इससे रिश्ते में गलतफहमी पैदा हो सकती है। सीमाओं का उल्लंघन: फ्लडलाइटिंग रिश्ते में सीमाओं का उल्लंघन कर सकती है। इससे दूसरे व्यक्ति को लग सकता है कि उनकी सीमाओं का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
इससे रिश्ते में नाराजगी और भरोसे की कमी पैदा हो सकती है। जल्दी कनेक्शन बनाने की कोशिश: फ्लडलाइटिंग से ऐसा लग सकता है कि बहुत जल्दी दोस्ती या प्यार हो गया है, पर यह सच नहीं होता और बाद में यह गलतफहमी टूट सकती है। जब कोई अपनी अंदर की बातें तुरंत बताने लगता है, तो दूसरे को लगता है कि शायद उनका गहरा रिश्ता बन गया है, जबकि असल में ऐसा नहीं होता है। लोग फ्लडलाइटिंग की आदत क्यों अपनाते हैं? फ्लडलाइंटिग की समस्या नए उम्र के लोगों में अधिक देखी जा रही है। खासतौर से Gen-Z पीढ़ी के युवाओं में। इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। अकेलेपन का डर की वजह से: कुछ लोग अकेलेपन के डर से फ्लडलाइटिंग करते हैं। वे जल्दी से भावनात्मक जुड़ाव बनाना चाहते हैं ताकि वे अकेले न हों। जल्दी विश्वास जताने का दिखावा करने के लिए: कुछ लोग जल्दी विश्वास जताना चाहते हैं और भावनात्मक जुड़ाव बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि अपनी निजी जानकारी साझा करने से वे दूसरे व्यक्ति के करीब आ जाएंगे। ध्यान आकर्षित करने के लिए: कुछ लोग ध्यान आकर्षित करने के लिए फ्लडलाइटिंग करते हैं। वे चाहते हैं कि दूसरे लोग उनकी समस्याओं के बारे में जानें और उन्हें सहानुभूति दें। भावनात्मक सहारा: कुछ लोग भावनात्मक सहारा पाने के लिए फ्लडलाइटिंग करते हैं। वे चाहते हैं कि दूसरे लोग उनकी भावनात्मक समस्याओं को सुनें और उन्हें सहारा दें। सहानुभूति पाने के लिए: कुछ लोग सहानुभूति पाने के लिए विक्टिम कार्ड खेलते हैं। वे अपनी समस्याओं को इस तरह से पेश करते हैं कि दूसरे लोग उनके लिए दुख महसूस करें। इमोशनली कंट्रोल करने के लिए: कुछ लोग भावनात्मक नियंत्रण हासिल करने के लिए फ्लडलाइटिंग करते हैं। वे अपनी निजी जानकारी साझा करके दूसरे व्यक्ति को भावनात्मक रूप से कमजोर बनाना चाहते हैं। ट्रॉमा डंपिंग: कुछ लोग अपने ट्रॉमा को दूसरे व्यक्ति पर डंप करते हैं। वे अपनी भावनात्मक समस्याओं को साझा करके दूसरे व्यक्ति को भावनात्मक रूप से थका देते हैं। फ्लडलाइटिंग से कैसे बचा जा सकता है? फ्लडलाइटिंग आप करते हों या सामने वाला दोनों के लिए यह नुकसानदायक है। हालांकि, दोनों लोगों के लिए इससे बचने के तरीके हैं। आइए ग्राफिक्स के जरिए इसे समझते हैं। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। धीरे-धीरे आगे बढ़ें: रिश्ते में सब कुछ एक साथ साझा न करें। चीजों को स्वाभाविक रूप से बढ़ने दें। असली कनेक्शन समय के साथ बनता है। बाउंड्री तय करें: अगर कोई आपसे बहुत जल्दी निजी बातें साझा कर रहा है, तो अपनी सीमाएं स्पष्ट करें। शुरुआत में ही बता दें कि आप किस तरह की बातें साझा करने में सहज हैं। उनकी भावनाओं को समझें: उनकी भावनाओं को सुनें, लेकिन खुद को उनसे प्रभावित न हों। उनकी बात को महत्व देना जरूरी है, लेकिन अपनी भावनाओं का भी ध्यान रखें। इरादे समझने की कोशिश करें: समझने की कोशिश करें कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं। क्या वे सिर्फ ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं या जल्दी रिश्ता बनाना चाहते हैं? सामने वाले के पैटर्न को समझें: अगर ऐसा बार-बार हो रहा है, तो उन्हें अपनी भावनाओं पर ध्यान देने के लिए कहें। उन्हें किसी दोस्त से बात करने या अपनी भावनाओं को डायरी में लिखने के लिए कहें। अपनी सुरक्षा जरूरी: शुरुआत में ही उनकी सारी निजी बातें जानने की जरूरत नहीं है। अपनी भावनात्मक सुरक्षा को पहले रखें।
इससे रिश्ते में नाराजगी और भरोसे की कमी पैदा हो सकती है। जल्दी कनेक्शन बनाने की कोशिश: फ्लडलाइटिंग से ऐसा लग सकता है कि बहुत जल्दी दोस्ती या प्यार हो गया है, पर यह सच नहीं होता और बाद में यह गलतफहमी टूट सकती है। जब कोई अपनी अंदर की बातें तुरंत बताने लगता है, तो दूसरे को लगता है कि शायद उनका गहरा रिश्ता बन गया है, जबकि असल में ऐसा नहीं होता है। लोग फ्लडलाइटिंग की आदत क्यों अपनाते हैं? फ्लडलाइंटिग की समस्या नए उम्र के लोगों में अधिक देखी जा रही है। खासतौर से Gen-Z पीढ़ी के युवाओं में। इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। अकेलेपन का डर की वजह से: कुछ लोग अकेलेपन के डर से फ्लडलाइटिंग करते हैं। वे जल्दी से भावनात्मक जुड़ाव बनाना चाहते हैं ताकि वे अकेले न हों। जल्दी विश्वास जताने का दिखावा करने के लिए: कुछ लोग जल्दी विश्वास जताना चाहते हैं और भावनात्मक जुड़ाव बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि अपनी निजी जानकारी साझा करने से वे दूसरे व्यक्ति के करीब आ जाएंगे। ध्यान आकर्षित करने के लिए: कुछ लोग ध्यान आकर्षित करने के लिए फ्लडलाइटिंग करते हैं। वे चाहते हैं कि दूसरे लोग उनकी समस्याओं के बारे में जानें और उन्हें सहानुभूति दें। भावनात्मक सहारा: कुछ लोग भावनात्मक सहारा पाने के लिए फ्लडलाइटिंग करते हैं। वे चाहते हैं कि दूसरे लोग उनकी भावनात्मक समस्याओं को सुनें और उन्हें सहारा दें। सहानुभूति पाने के लिए: कुछ लोग सहानुभूति पाने के लिए विक्टिम कार्ड खेलते हैं। वे अपनी समस्याओं को इस तरह से पेश करते हैं कि दूसरे लोग उनके लिए दुख महसूस करें। इमोशनली कंट्रोल करने के लिए: कुछ लोग भावनात्मक नियंत्रण हासिल करने के लिए फ्लडलाइटिंग करते हैं। वे अपनी निजी जानकारी साझा करके दूसरे व्यक्ति को भावनात्मक रूप से कमजोर बनाना चाहते हैं। ट्रॉमा डंपिंग: कुछ लोग अपने ट्रॉमा को दूसरे व्यक्ति पर डंप करते हैं। वे अपनी भावनात्मक समस्याओं को साझा करके दूसरे व्यक्ति को भावनात्मक रूप से थका देते हैं। फ्लडलाइटिंग से कैसे बचा जा सकता है? फ्लडलाइटिंग आप करते हों या सामने वाला दोनों के लिए यह नुकसानदायक है। हालांकि, दोनों लोगों के लिए इससे बचने के तरीके हैं। आइए ग्राफिक्स के जरिए इसे समझते हैं। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। धीरे-धीरे आगे बढ़ें: रिश्ते में सब कुछ एक साथ साझा न करें। चीजों को स्वाभाविक रूप से बढ़ने दें। असली कनेक्शन समय के साथ बनता है। बाउंड्री तय करें: अगर कोई आपसे बहुत जल्दी निजी बातें साझा कर रहा है, तो अपनी सीमाएं स्पष्ट करें। शुरुआत में ही बता दें कि आप किस तरह की बातें साझा करने में सहज हैं। उनकी भावनाओं को समझें: उनकी भावनाओं को सुनें, लेकिन खुद को उनसे प्रभावित न हों। उनकी बात को महत्व देना जरूरी है, लेकिन अपनी भावनाओं का भी ध्यान रखें। इरादे समझने की कोशिश करें: समझने की कोशिश करें कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं। क्या वे सिर्फ ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं या जल्दी रिश्ता बनाना चाहते हैं? सामने वाले के पैटर्न को समझें: अगर ऐसा बार-बार हो रहा है, तो उन्हें अपनी भावनाओं पर ध्यान देने के लिए कहें। उन्हें किसी दोस्त से बात करने या अपनी भावनाओं को डायरी में लिखने के लिए कहें। अपनी सुरक्षा जरूरी: शुरुआत में ही उनकी सारी निजी बातें जानने की जरूरत नहीं है। अपनी भावनात्मक सुरक्षा को पहले रखें।