रिलेशनशिप- मदद मांगना कमजोरी नहीं, हिम्मत है:मुश्किल में हों तो बिना संकोच मांगें हेल्प, साइकोलॉजिस्ट से जानें 7 तरीके

हर इंसान की जिंदगी में ऐसे मौके आते हैं, जब उसे किसी की मदद की जरूरत महसूस होती है। चाहे वह किसी मुश्किल हालात का सामना करना हो, काम का बोझ हो या मानसिक तनाव। इंसान एक सामाजिक प्राणी है। समूह में रहते हुए मदद मांगना एक सामान्य इंसानी जरूरत है। हालांकि, हमारे समाज में कई बार इसे कमजोरी से जोड़कर देखा जाता है। अक्सर ही लोग कहते दिखते हैं कि ‘मुझे मदद मांगना नहीं पसंद, भले ही मेरा काम अधूरा रह जाए।’ या ‘मैं क्यों किसी की मदद लूं!’ समाज द्वारा बनाए गए ऐसे टैबू की वजह से लोग मदद मांगने से हिचकिचाते हैं। वहीं कुछ शर्म या अन्य किसी वजह से मदद नहीं मांग पाते हैं। ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि- क्यों नहीं मांग पाते हैं मदद? मदद मांगने में संकोच सबसे बड़ी वजह है। साथ ही यह धारणा भी है कि इससे हमारी क्षमता या आत्मनिर्भरता पर सवाल उठेगा। लोग सोचते हैं कि अगर उन्होंने मदद मांगी तो उनकी इमेज खराब हो जाएगी। खासकर ऑफिस में, जहां परफॉर्मेंस पर सबकी नजर होती है, वहां किसी से मदद मांगना और भी मुश्किल लगता है। मदद मांगने की सोचने पर कई बार ऐसा महसूस होता है कि सामने वाला हमें कमजोर या अयोग्य समझेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह हमारी परवरिश और हमारे आसपास का माहौल होता है। जहां हम पले-बढ़े होते हैं, वहां लोगों में एक-दूसरे की मदद करने की भावना नहीं होती है या ऐसी जगहों पर लोग मदद मांगने को कमजोरी से जोड़कर देखते हैं। यह सोच हमें मदद मांगने से रोकती है। मदद मांगते समय डर और संकोच क्यों लगता है? मदद मांगना हमारी असफलता या कमी को स्वीकार करने जैसा लगता है। खासकर तब, जब बचपन से ही हमें यह सिखाया गया होता है कि मदद मांगना अच्छी आदत नहीं है। ऐसे में मदद मांगने से हिचकिचाहट होती है और यह हमारे भीतर आत्म-संदेह पैदा कर सकती है। कई बार हम सोचते हैं कि ‘अगर मैंने यह प्रोजेक्ट पूरा करने में मदद मांगी, तो बॉस मुझे कमतर समझेंगे?’ या ‘अगर मैंने बच्चों को संभालने में मदद मांगी, तो क्या लोग मुझे खराब मां समझेंगे?’ इसे कैसे दूर करें? कई बार हमें मदद मांगने में संकोच और डर लगता है। हालांकि, छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम इससे निपट सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। सोच बदलें मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि साहस का काम है। यह दिखाता है कि आप समस्या को सुलझाना चाहते हैं और अपने काम के प्रति ईमानदार हैं। सही व्यक्ति चुनें मदद मांगने के लिए सही व्यक्ति का चुनाव करें। ऐसे किसी व्यक्ति से मदद मांगें, जो भरोसेमंद हो और हेल्पफुल हो। मदद मांगते समय विनम्र बने रहें। स्पष्टता रखें मदद मांगते समय अपनी बात स्पष्टतापूर्वक रखें। सामने वाले को बताएं कि आपको किस काम के लिए उसकी मदद चाहिए। क्या मदद मांगने से आत्म-सम्मान को नुकसान पहुंचता है? बिल्कुल नहीं, बल्कि मदद मांगने से आत्म-सम्मान बढ़ सकता है। किसी की हेल्प लेने से यह पता चलता है कि आप अपनी सीमाओं को पहचानते हैं और सुधार के लिए तैयार हैं। मदद मांगने पर लोग अन्य लोगों की तुलना में आपको अधिक समझदार समझते हैं। मदद मांगना कमजोरी नहीं, हिम्मत का काम है किसी से हेल्प लेना बिल्कुल कमजोरी का संकेत नहीं है, बल्कि मदद मांगना हिम्मत का काम है। यह इस बात का संकेत है कि आप अपनी समस्या से भाग नहीं रहे हैं, बल्कि इसे हल करने के लिए सही कदम उठा रहे हैं। यह आपकी समस्या सुलझाने की क्षमता और मानसिक मजबूती को दिखाता है। किससे और कैसे मांगनी चाहिए मदद? मदद मांगने से पहले यह तय करें कि आपकी समस्या को कौन अच्छी तरह समझ सकता है और उसे सुलझा सकता है। ऑफिस में अगर ऑफिस के किसी काम में समस्या होती है तो अपने बॉस से बात करें। समस्या के बारे में उन्हें बताएं और समझाएं कि आपको उनकी मदद चाहिए, जिससे काम बेहतर तरीके से हो सके। घर पर अपने साथी से मदद मांगते समय समस्या को खुलकर बताएं। यह भी बताएं कि आप उनसे क्या उम्मीद करते या करती हैं। जैसे, ‘मुझे लगता है कि मैं घर के काम करते-करते बहुत थक जाती हूं। क्या आप बर्तन साफ करने या खाना पकाने की जिम्मेदारी ले सकते हैं?’ मेंटल हेल्थ के लिए अगर आप मानसिक रूप से परेशान हैं, लंबे समय से अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो दोस्त, परिवार से इस बारे में बात करें। अपनी भावनाओं को खुलकर बताएं और काउंसलर की मदद लें। ऑफिस में कैसे मांगें मदद? ऑफिस में मदद मांगते समय कई लोग समझते हैं कि इससे उनकी कमजोरी सामने आ जाएगी। जबकि मदद मांगने का उद्देश्य काम को बेहतर तरीके से करना होता है। समस्या को खुलकर बताएं ‘मुझे यह प्रोजेक्ट समझने में मुश्किल हो रही है। क्या आप मुझे इसके कुछ जरूरी पॉइंट्स समझा सकते हैं?’ सहज रहें मदद मांगते समय घबराएं नहीं। यह समझें कि आप टीम का हिस्सा हैं और टीम के सभी मेंबर्स का लक्ष्य एक ही है। विनम्र रहें ‘मैं देख रहा हूं कि आप इस टूल का अच्छा इस्तेमाल करते हैं। क्या आप मुझे यह सिखा सकते हैं?’ मदद करने के लिए भी बढ़ाएं हाथ जैसे आप मदद मांगने में झिझकते हैं, वैसे ही कई लोग आपसे मदद मांगने में संकोच करते होंगे। अगर कोई आपसे मदद मांगने में संकोच कर रहा है और आपको इस बारे में पता है तो आगे बढ़कर उसकी मदद करें। कोशिश करें कि आप जरूरतमंद की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहें। हालांकि, इस दौरान इस बात का ख्याल रखें कि आपका नुकसान न हो। मदद मांगना कमजोरी नहीं है। यह दिखाता है कि आप अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए तैयार हैं। अगली बार जब आपको मदद की जरूरत हो, तो बिना झिझक के मदद मांगें क्योंकि मदद मांगना एक कला है, जो हर किसी को सीखनी चाहिए।