रिलेशनशिप- रणवीर-दीपिका बेटी का नाम ‘दुआ’ रखने पर हुए ट्रोल:ट्रोलिंग का मेंटल हेल्थ पर बुरा असर, साइकोलॉजिस्ट के 9 टिप्स

बॉलीवुड के पावर कपल रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण 8 सितंबर, 2024 को माता-पिता बने थे। कपल ने दिवाली के मौके पर एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया कि उन्होंने अपनी लाडली बेटी का नाम ‘दुआ पादुकोण सिंह’ रखा है। इसके बाद रणवीर-दीपिका के दोस्तों और फैंस ने उन पर जमकर प्यार बरसाया और ढेरों शुभकामनाएं दीं। हालांकि कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर नाराजगी जताते हुए उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। ट्रोलर्स ने लिखा कि ‘दुआ’ एक मुस्लिम नाम है और ये एक हिंदू कपल के बच्चे के लिए अनुचित है। हालांकि रणवीर और दीपिका की तरफ से इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऐसा पहली बार नहीं है कि जब मशहूर हस्तियों को अपने बच्चों के नाम को लेकर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले सैफ-करीना से लेकर आलिया-रणबीर और प्रियंका-निक तक कई सेलिब्रिटीज के साथ ऐसा हाे चुका है। ट्रोलिंग आम आदमी से लेकर मशहूर सेलिब्रिटीज तक किसी को भी परेशान कर सकती है। इसका हमारी मेंटल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए आज रिलेशनशिप कॉलम में हम ऑनलाइन ट्रोलिंग से निपटने के तरीकों के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि इसका हमारी मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है। ट्रोलिंग क्या है? जब कोई अनजान व्यक्ति किसी की सोशल मीडिया पोस्ट पर निगेटिव, पर्सनल या भड़काऊ कमेंट करता है तो इसे ट्रोलिंग कहते हैं। Z जनरेशन की भाषा में ऐसे लोगों को ट्रोलर्स कहा जाता है। इनकी कोई खास पहचान नहीं होती। ये किसी को भी अपना निशाना बना सकते हैं। इनका उद्देश्य लोगों को भावनात्मक रूप से ठेस पहुंचाना होता है। नीचे ग्राफिक में देखें ट्रोलर्स लोगों को कैसे परेशान करते हैं। ट्रोलिंग से मेंटल हेल्थ होती प्रभावित ऑनलाइन ट्रोलिंग किसी के लिए भी परेशान करने वाली हो सकती है। इसमें आमतौर पर ट्रोलर्स ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जो सामाजिक रूप से किसी को कहना अपमानजनक हो सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति के मन को ठेस पहुंच सकती है और वह तनाव में आ सकता है। लंबे समय तक तनाव रहने से व्यक्ति की मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है। इससे वह सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले डर महसूस कर सकता है। इसके अलावा कई और हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए। ऑनलाइन ट्रोलिंग से बचने के लिए क्या करें डॉ. अदिति सक्सेना बताती हैं कि अगर आप ट्रोलिंग से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले ट्रोलर्स को इग्नोर करने की आदत डालें। उनके कमेंट्स को न पढ़ें और हमेशा पॉजिटिव एटीट्यूड रखें। इसके अलावा भी कुछ चीजें है, जिन्हें अपनाकर ट्रोलिंग से बचा जा सकता है। इसके बारे में जानने के लिए नीचे ग्राफिक देखें। आइए ऊपर ग्राफिक में दिए गए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं। ट्रोलर्स को इग्नोर करना ट्रोलर्स चाहते हैं कि आप उनके कमेंट्स पर प्रतिक्रिया दें। कई बार वे अपनी सोशल मीडिया रीच बढ़ाने के लिए भी ऐसा करते हैं। यानी कि आप उनके कमेंट पर जितना रिएक्ट करेंगे, वे उतने ही मजबूत होते जाएंगे। इसलिए उन्हें इग्नोर करना ही बेहतर है। जवाब न मिलने से अंत में वे खुद थक–हारकर भाग जाएंगे। संयम बनाए रखना ट्रोलिंग के समय संयम बनाए रखना चाहिए और फिजूल की बहस में पड़ने से बचना चाहिए। ये सिर्फ ट्रोलर्स के मनोबल को बढ़ावा देता है। इसके लिए संयमित रहना बेहद जरूरी है। सेल्फ-केयर पर ध्यान ट्रोलिंग से निपटने के दौरान अपना ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। इस दौरान अकेले रहने से बचें क्योंकि इससे आपके दिमाग में तरह–तरह के निगेटिव विचार आ सकते हैं। इस बीच अपने शौक को पूरा करें, वर्कआउट करें, दोस्तों या प्रियजनों के साथ समय बिताएं। इससे ट्रोलिंग से निपटने में मदद मिलती है। दोस्तों व प्रियजनों की सहायता लें अगर आपको सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल किया जा रहा है तो अपने दोस्तों व फैमिली के सदस्यों को इस बारे में बताएं। हो सकता है कि वह इसमें आपकी कुछ मदद करें। इससे आप भी अच्छा फील करेंगे। इसके अलावा काउंसलर या साइकोलॉजिस्ट से भी मदद ले सकते हैं। कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से दूर रहें ट्रोलर्स के व्यवहार को कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। लेकिन हम सोशल मीडिया से कुछ समय के लिए दूरी बनाकर खुद को इस मुश्किल समय से बाहर निकाल सकते हैं। सोशल मीडिया से लॉग ऑफ करना मुश्किल काम है। लेकिन अगर आप अधिक परेशान हैं तो यह एक अच्छा आइडिया हो सकता है। चिंता न करें, आपको पूरी तरह से इससे बाहर जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आप नीचे दी गई चीजों को ट्राई कर सकते हैं। हमेशा अपने पास सबूत रखें अगर कोई ट्रोलर आपको ज्यादा परेशान कर रहा है तो उसके कमेंट या चैट का स्क्रीनशॉट जरूर लें। ताकि आपके पास ओरिजिनल मैसेज का रिकॉर्ड हो। यह तब आपके काम आएगा, जब आप सोशल मीडिया पर रिपोर्ट करेंगे या कोई और एक्शन लेंगे। इस स्थिति में ये सबूत के तौर पर काम आएगा। ट्रोलर्स के खिलाफ एक्शन भी ले सकते हैं ऑनलाइन ट्रोलिंग से वाकई बहुत दुख होता है। ऐसे में जब पानी सिर के ऊपर जाने लगे तो एक्शन लेना जरूरी होता है। इसके लिए आप सबूत के साथ स्थानीय साइबर क्राइम थाने या 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं।