क्या आपको कभी अचानक घबराहट और बेचैनी महसूस होती है? क्या आपके मन में कई सारे विचार घूमते रहते हैं और आप चैन की नींद नहीं सो पाते हैं? यह स्थिति आजकल बहुत सामान्य है, जो हमारी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ पर्सनल लाइफ पर भी बुरा असर डालती है। ये एंग्जाइटी के लक्षण हो सकते हैं। अगर आप भी एंग्जाइटी से जूझ रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि सिर्फ दवाएं या थेरेपी ही इसका इलाज नहीं है। इसके इलाज में कुछ प्राकृतिक उपाय भी बहुत प्रभावी हो सकते हैं। एंग्जाइटी के शुरुआती में चरण में इनका इस्तेमाल कर इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि- एंग्जाइटी क्या है? एंग्जाइटी डर या बेचैनी की भावना है, जो आपको किसी परेशानी की वजह से महसूस होती है। यह डर या बेचैनी तब होती है, जब आपको लगता है कि कुछ बुरा होने वाला है या आप किसी बात को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित होते हैं। कभी-कभी किसी बात को लेकर थोड़ी-बहुत चिंता हम सबको होती है। हालांकि जब ये चिंता इतनी बढ़ जाए कि रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होने लगे, तो ये एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के अनुसार, लगभग 31% अमेरिकी जीवन में किसी-न-किसी समय एंग्जाइटी डिसऑर्डर से प्रभावित होते हैं। एंग्जाइटी डिसऑर्डर कई प्रकार के हो सकते हैं। इसमें जनरलाइज्ड एंग्जाइटी डिसऑर्डर(GAD), सोशल एंग्जाइटी, पैनिक डिसऑर्डर और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) शामिल हो सकते हैं। एंग्जाइटी से निजात पाने के नेचुरल तरीके एंग्जाइटी से निजात पाने के कई सारे पारंपरिक और प्राकृतिक तरीके हैं। हालांकि, इसके इलाज में आमतौर पर एंटी-एंग्जाइटी दवाइयों का इस्तेमाल होता है। इन दवाओं को प्रभावी उपाय माना जाता है। हालांकि, इन उपायों के अलावा, कुछ प्राकृतिक उपचार भी हैं, जो एंग्जाइटी को कम करने में मदद कर सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से समझते हैं। कैमोमाइल (बबूने का फूल) टी कैमोमाइल टी एक हर्ब है। इसका उपयोग स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कम करने के लिए किया जाता है। हर रोज कैमोमाइल टी पीने से जनरलाइज्ड एंग्जाइटी (GAD) के लक्षणों से राहत मिल सकती है। हालांकि, अगर आपको इससे एलर्जी हो तो इसकी चाय पीने से परहेज करें। पुदीने की पत्तियां पुदीना एक नेचुरल एंटी-एंग्जाइटी हर्ब है, जो एंग्जाइटी कम करने में मदद करती है। पुदीने का तेल तनाव और चिंता को दूर करने में असरदार है। इसके तेल की खुशबू एंग्जाइटी से राहत दिलाने में मददगार है। लैवेंडर लैवेंडर का इस्तेमाल एंग्जाइटी के इलाज में किया जाता है। इसके तेल की खुशबू सांस के जरिए अंदर लेने से या इसे गर्म पानी में डालकर पीने से एंग्जाइटी से राहत मिल सकती है। अरोमाथेरेपी अरोमाथेरेपी मानसिक तनाव को कम मदद करता है। इसमें विभिन्न प्रकार के तेलों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें नींबू, वेलवेट और लैवेंडर जैसे तेल एंग्जाइटी को कम करने में मदद कर सकते हैं। एंटी-एंग्जाइटी का काम करते हैं संप्लीमेंट्स कई सारे संप्लीमेंट्स एंग्जाइटी कम करने में मददगार हैं। इनके सेवन से भी एंग्जाइटी और स्ट्रेस से राहत मिल सकती है। एंग्जाइटी कम करने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और L-थीनिन एमिनो एसिड का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे ग्राफिक के माध्यम से समझते हैं। आइए ग्राफिक को विस्तार से समझते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड ओमेगा-3 फैटी एसिड मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है। इसके सेवन से एंग्जाइटी के लक्षणों में कमी आ सकती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए फ्लैक्स सीड्स, चिया सीड्स और फिश ऑयल बेहतरीन सोर्स हैं। मेडिकल स्टोर्स पर ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट्स उपलब्ध होते हैं। इन्हें आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर खरीद सकते हैं। विटामिन B12 और B6 विटामिन B12 और B6 दोनों ही एंग्जाइटी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। आमतौर पर जो लोग एंग्जाइटी से पीड़ित होते हैं, उनके शरीर में अक्सर B12 की कमी होती है। विली ऑनलाइन लाइब्रेरी पर पब्लिश्ड एक शोध के मुताबिक, विटामिन B6 लेने से एंग्जाइटी के स्तर को कम किया जा सकता है। मैग्नीशियम मैग्नीशियम एक ऐसा खनिज है, जो मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के लिए फायदेमंद है। यदि आप प्राकृतिक रूप से मैग्नीशियम से भरपूर डाइट लेते हैं, तो एंग्जाइटी के लक्षणों से राहत मिल सकती है। इसके लिए आप अपनी थाली में ढेर सारी हरी सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। L-थीनिन L-थीनिन एक अमीनो एसिड है। यह ग्रीन टी में पाया जाता है और स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कम करने में मदद कर सकता है। L-थीनिन के सेवन से मानसिक शांति मिलती है और चिंता के लक्षणों में कमी आती है। इन एक्टिविटीज के जरिए मिल सकती है एंग्जाइटी से राहत कुछ एक्सरसाइज और एक्टिविटीज को अपनाकर हम एंग्जाइटी के स्तर को कम कर सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के माध्यम से समझते हैं। एक्सरसाइज आपने सुना होगा कि एक्सरसाइज फिजिकल हेल्थ के साथ मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। एक्सरसाइज का एक सेशन भी आपके एंग्जाइटी के लक्षणों को कुछ समय के लिए कम कर सकता है। अगर आप रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं, तो एंग्जाइटी और तनाव से राहत मिल सकती है। एक्यूपंक्चर एक्यूपंक्चर एक प्राचीन चीनी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें शरीर के विशेष बिंदुओं पर पतली सुइयां चुभाई जाती हैं। यह तकनीक चिंता के लक्षणों को कम करने में प्रभावी साबित हो सकती है। मेडिटेशन मेडिटेशन से एंग्जाइटी के लक्षण कम करने में मदद मिलती है। यह आपके मन को शांति और एकाग्रता की ओर मोड़ता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है। यदि आप किसी मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं, तो ध्यान एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। जर्नलिंग कभी-कभी हम अपनी भावनाओं को किसी से शेयर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में जर्नलिंग यानी अपने विचारों को डायरी में लिखना एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है। सकारात्मक भावनाओं को कागज पर लिखने से मानसिक शांति मिलती है और एंग्जाइटी का स्तर कम होता है।