रिलेशनशिप- 70% महिलाओं के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस बड़ी चुनौती:करियर ग्रोथ और सेहत पर बुरा असर, साइकोलॉजिस्ट बता रही बैलेंस के 8 टिप्स

एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी हीरो वायर्ड (Hero Vired) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जो बताती है कि भारत में 70% महिलाओं के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस उनकी प्रोफेशनल ग्रोथ की राह में बड़ी चुनौती है। 2 लाख महिलाओं के सर्वे से मिली जानकारी के आधार पर इस रिपोर्ट में बताया है कि वर्क-लाइफ को बैलेंस करने में महिलाओं को किन चुनौतियां का सामना करना पड़ता है। एक वर्किंग वुमन, जो घर और ऑफिस दोनों के कामों को मैनेज कर रही है, उसके लिए हर दिन नई चुनौती होती है। ऐसे में कई बार घर के साथ-साथ ऑफिस पर ध्यान देना भी मुश्किल हो जाता है। दोनों में बैलेंस न कर पाने के कारण परेशानियां भी बढ़ती हैं। समाज में कई बार महिलाओं को ‘टेकन फॉर ग्रांटेड’ ले लिया जाता है। यानी महिलाओं की भाग-भागकर सब काम करने की आदत घर में सबको सामान्य लगती है। उन्हें लगता है कि महिला ये सबकुछ आसानी से कर सकती है। पति के सामान का ध्यान रखना, बच्चों को संभालना, उनका टिफिन तैयार करना, उन्हें पढ़ाना, उनकी जरूरतों को पूरा करना, उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना और न जाने क्या-क्या। लेकिन एक महिला दरअसल अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा दे रही होती है। यह उसकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए कुछ महिलाओं को स्ट्रेस, एगंजाइटी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। तो आज ‘रिलेशनशिप’ कॉलम में बात करेंगे वर्क-लाइफ बैलेंस की। एक महिला के लिए कितना मुश्किल होता है घर और ऑफिस, दोनों कामों को बैलेंस कर पाना। साथ ही जानेंगे कि- क्या होता है वर्क-लाइफ बैलेंस? वर्क-लाइफ बैलेंस का मतलब है, अपने काम और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बनाए रखना। इसका मकसद है कि काम के बाद भी आप अपनी पर्सनल लाइफ के लिए कैसे समय निकाल पाते हैं। कैसे आप अपने परिवार, दोस्तों और खुद को भी उतना ही समय दे पाते हैं। कामकाजी महिला के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस की चुनौतियां वर्किंग वुमन अपने आपको मल्टी-टास्कर मानती हैं और इसी कोशिश में लगी रहती हैं कि वे घर की जिम्मेदारियां और ऑफिस के काम, दोनों को अकेले संभाल सकती हैं। महिलाएं हर काम में अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हैं। लेकिन ये कर पाना आसान नहीं है। हर जगह खुद को साबित करने के लिए महिलाएं कई बार अपनी हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को भी इग्नोर कर देती हैं। वर्क-लाइफ बैलेंस कितना जरूरी वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना न केवल हमारे स्वास्थ्य और रिश्तों के लिए जरूरी है, बल्कि यह आपके काम की प्रोडक्टिविटी के लिए भी उतना ही महत्व रखता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि सारे काम की जिम्मेदारी खुद न लेकर, इसे बांट लें। साथ ही अपनी प्राथमिकताएं तय करें। सबसे पहले दिन की सही प्लानिंग जरूरी आपके लिए यह ध्यान देना बहुत जरूरी है कि आप अपने पूरे दिन की सही प्लानिंग करें। इसके लिए टाइम मैनेजमेंट जरूरी है। टाइम मैनेजमेंट की पहली शर्त यही है कि आपको वक्त बर्बाद करने के बजाय इस पर फोकस करना चाहिए कि आप कहां और कितना समय दें। खाने-पीने से लेकर बच्चों के रुटीन और ऑफिस पहुंचकर वहां के कामों को पूरा करने का प्लान पहले ही बना लें। पति और बच्चों को भी सौंपें घर की जिम्मेदारी याद रखें, आप भी इंसान हैं, जिसे थकान होती है। जिसे आराम की जरूरत होती है। इसलिए सारे कामों का बोझ अपने सिर पर न लाद लें। पति और बच्चों को भी घर के कामों की जिम्मेदारी सौंपें। उन्हें बताएं कि आप अकेले सबकुछ नहीं संभाल सकतीं और आपको मदद की जरूरत है। उन्हें जिम्मेदारी का एहसास कराएं। प्राथमिकता और जरूरतों को तय करें घर और ऑफिस में बैलेंस बनाना आसान नहीं है, लेकिन अगर आप अपनी प्राथमिकताएं तय करेंगी तो यह आसान हो सकता है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो जरूरी है, उसे आप प्राथमिकता न दें और गैर-जरूरी चीजों पर बेवजह समय गवां दें। जैसेकि अगर ऑफिस में कुछ नए प्रोजेक्ट दिए गए हैं और घर पर सबकुछ ठीक है तो ऐसे में ऑफिस को प्राथमिकता दें। लेकिन अगर घर पर आपकी जरूरत ज्यादा है तो ऑफिस से थोड़े दिन की छुट्टी लेकर पहले घर के काम करें। सेहत को न करें नजरअंदाज घर-परिवार और ऑफिस के चक्कर में कई बार महिलाएं खुद को पूरी तरह से भूल जाती हैं। न खाने-पीने की चिंता रहती है और न ही स्वास्थ्य पर ध्यान देती हैं। लेकिन सेहत का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। आपका शेड्यूल कितना भी व्यस्त क्यों न हो, अपनी सेहत के लिए थोड़ा वक्त जरूर निकालें। खुद के लिए कुछ समय निकालें यह बहुत जरूरी है कि आप अपने लिए समय निकालें। भले ही आधा या एक घंटे का समय, लेकिन यह वक्त सिर्फ आपका हो। उस वक्त किसी के बारे में नहीं, बल्कि खुद के बारे में सोचें। जो अच्छा लगता है, वो करें। यह आपको खुशी देगा। ऑफिस के काम को घर न लाएं यह भी सुखी जीवन जीने का मूल मंत्र है कि घर के काम को कभी भी ऑफिस में न ले जाएं, प्रोफेशनल की तरह बर्ताव करें और ऑफिस के काम को भी कभी घर पर न लेकर जाएं। ऑफिस का सारा काम वहीं खत्म करके आएं।