रेस्टोरेंट अब फूड बिल में अनिवार्य सर्विस चार्ज नहीं लगा सकते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (28 मार्च) को सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) के 2022 में जारी गाइडलाइन यानी दिशा-निर्देशों को बरकरार रखा है। इस दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि होटल और रेस्टोरेंट को फूड बिल में ऑटोमेटिक या डिफॉल्ट सर्विस चार्ज नहीं जोड़ना चाहिए। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने दिशानिर्देश को चुनौती देने वाले रेस्टोरेंट एसोसिएशन पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। दिशा-निर्देशों पर 20 जुलाई 2022 को हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी यह आदेश नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) की याचिकाओं पर पारित किया गया था। इन दिशा-निर्देशों पर 20 जुलाई 2022 को हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। CCPA ने अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस और कंज्यूमर राइट्स के वायलेशन यानी उल्लंघन को रोकने के उद्देश्य से दिशानिर्देश जारी किए थे। गाइडलाइन्स में यह बदलाव किए गए हैं – ऐसा कोई कानून नहीं, जो रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज लगाने से रोकता हो: NRAI NRAI की याचिका में कहा गया है कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज लगाने से रोकता हो। तथा मौजूदा कानून में ऐसा कोई संशोधन नहीं किया गया है जो सर्विस चार्ज लगाना अवैध ठहराए। याचिकाकर्ता-एसोसिएशन ने तर्क दिया कि दिशा-निर्देश मनमाने, अस्थिर हैं और उन्हें रद्द किया जाना चाहिए। NRAI का प्रतिनिधित्व एडवोकेट ललित भसीन, नीना गुप्ता, अनन्या मारवाह, देवव्रत तिवारी और भसीन एंड कंपनी के अजय प्रताप सिंह ने किया। FHRAI का प्रतिनिधित्व एडवोकेट समीर पारेख, सुमित गोयल, सोनल गुप्ता, स्वाति भारद्वाज और अभिषेक ठकराल ने किया। वहीं यूनियन ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल संदीप महापात्रा और आशीष दीक्षित के साथ एडवोकेट अभिनव बंसल, विक्रमादित्य सिंह त्रिभुवन, शुभम शर्मा, अमित गुप्ता इशान मल्होत्रा, चंदन, दीपक तंवर और शिवम तिवारी ने किया।