रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्कूल जाती हैं रोशनी, मेहनत और लगन से 10वीं में 98.75% अंकों के साथ पाईं आठवीं रैंक

अक्सर कहानी और किताबों में कड़ी मेहनत और उसके परिणाम के बारे में पढ़ने- सुनने को मिलता रहता है। लेकिन मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अजनौल गाँव की 15 साल की एक बच्ची से इस बात को साबित कर दिखाया। मध्य प्रदेश बोर्ड द्वारा शनिवार को घोषित 10वीं के परीक्षा परिणाम में रोशनी भदौरिया ने 98.5 प्रतिशत अंक हासिल कर आठवीं रैंक हासिल की है। इस कामयाबी को पाने के लिए रोशनी ने ना सिर्फ मन लगाकर पढ़ाई की, बल्कि स्कूल जाने के लिए रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल भी चलाई।

IAS बनने का हैं सपना

रोशनी बताती है कि उन्हें सरकार की तरफ से एक साइकिल दी गई, जिसका उन्होंने अच्छा इस्तेमाल किया। वह रोज करीब साढ़े चार घंटे पढ़ाई करती है और भविष्य में IAS की तैयारी करना चाहती हूं। रोशनी ने कहा कि उसने कभी भी इतनी अच्छी रैंक पाने की उम्मीद नहीं की थी, लेकिन उन्होंने परीक्षा के लिए लगन से पढ़ाई की थी। साथ ही यह भी कहा कि पिता के लगातार समर्थन के कारण वह अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे पाई।

माता- पिता को हैं बेटी पर नाज

बेटी की इस उपलब्धि पर पेशे से किसान, रोशनी के पिता पुरुषोत्तम भदोरिया ने कहा कि उनकी बेटी ने वास्तव में बहुत मेहनत की है और परिवार में सभी लोगों का नाम रौशन किया है। उनकी मां, सरिता भदोरिया ने कहती है कि वह अपनी बेटी को आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा करते देखना चाहती हैं। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल, एमपी बोर्ड ने शनिवार को कक्षा 10वीं परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए थे।

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Meet Roshani Bhadoriya who rides 24 km cycle to reach her school, with her hard work and dedication, scored eighth rank in MP Board 10th with 98.75% marks