जो लोग सिर्फ अपने काम पर ध्यान देते हैं, वे हमेशा सुखी रहते हैं और जीवन में सफल भी होते हैं। जबकि वो लोग जो दूसरों के काम पर ध्यान देते हैं, वे हमेशा दुखी रहते हैं। अपना काम ईमानदारी से करेंगे तो धीरे-धीरे सभी परेशानियां भी खत्म हो ही जाती हैं। थकान से कैसे बचें और लक्ष्य कैसे हासिल कर सकते हैं, ये एक लोक कथा से समझ सकते हैं, जानिए ये कथा…
प्रचलित लोक कथा के अनुसार किसी गांव में एक गरीब किसान था। वह कड़ी मेहनत करता, लेकिन उसके जीवन से गरीबी खत्म ही नहीं हो रही थी। दुखी व्यक्ति ने एक संत को अपनी समस्याएं समझा दीं। संत ने कहा कि मैं तुम्हें सभी समस्याओं का हल तुम्हारे घर आकर बताउंगा।
अगले दिन संत किसान के घर पहुंचे। उस समय किसान घर पर नहीं था। किसान की पत्नी ने संत का स्वागत किया। कुछ ही देर में किसान भी वहां आ गया।
किसान के साथ ही उसका पालतू कुत्ता भी था। कुत्ता बहुत थका हुआ था। संत ने किसान से पूछा कि क्या तुम्हारा खेत यहां से बहुत दूर है?
किसान ने कहा कि नहीं, खेत तो पास ही में है। इसके बाद संत ने कहा कि मैं ये देखकर हैरान हूं कि तुम और तुम्हारा कुत्ता दोनों साथ-साथ आए, लेकिन तुम्हारे चेहरे पर बिल्कुल भी थकान नहीं है, जबकि तुम्हारा कुत्ता बुरी तरह थका हुआ है।
किसान ने संत से कहा कि गुरुजी मेरा कुत्ता रास्ते में दूसरे कुत्तों पर भौंक रहा था। बार-बार दौड़कर उनकी ओर जा रहा था। दूसरे कुत्तों से लड़ाई कर रहा था। किसी तरह इसे खींचकर घर लेकर आया हूं। मैं तो सीधे अपने रास्ते आया, लेकिन कुत्ता इधर-उधर भांगने की वजह से ज्यादा थक गया है।
संत ने कहा कि भाई ऐसी स्थिति हमारे साथ भी होती है। हम दूसरों की ओर ध्यान देते हैं। अपने काम को छोड़कर दूसरों के काम को देखते हैं। उनकी गलतियां खोजते हैं। हम एक लक्ष्य बनाकर काम नहीं करते, बार-बार अलग-अलग चीजों के लिए हमारा मन भटकता है। इसी वजह से हम कोई बड़ा काम नहीं कर पाते हैं। जीवन में सफलता और सुख चाहते हैं तो दूसरों की चीजों को देखकर परेशान नहीं होना चाहिए। बस अपना काम ईमानदारी करें। गलत चीजों के पीछे नहीं भागना चाहिए।
अगर इन बातों का ध्यान रखेंगे तो हम भी अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। दूसरों पर ध्यान नहीं देंगे तो हमें अतिरिक्त परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।