लश्कर-ए-तैयबा और जमात का आतंकवादी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह मारा गया है। सैफुल्लाह को पाकिस्तान के सिंध में मतली फलकारा चौक के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। सैफुल्लाह नेपाल में लश्कर के मॉड्यूल पर काम कर रहा था। वह नेपाल में विनोद कुमार के नाम से काम करता था। उसने नेपाली महिला नगमा बानू से शादी की थी। सैफुल्लाह भारत में आतंकियों की घुसपैठ और आर्थिक मदद जुटाने जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सैफुल्लाह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का सहयोगी था। सैफुल्लाह 2006 में नागपुर के RSS मुख्यालय पर हुए हमले में शामिल था। इसके अलावा रामपुर स्थित CRPF कैंप पर हुए आतंकी हमले और 2005 IISC बेंगलुरु पर हमले की साजिश में भी इसका हाथ था। लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी अबू कताल मार्च में मारा गया था इससे पहले लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल 15 मार्च की रात पाकिस्तान में मारा गया था। पंजाब राज्य में अनजान हमलावरों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। अबू कताल 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी था। कताल LeT का अहम सदस्य था और जम्मू-कश्मीर में कई हमलों की साजिश रचने के लिए जाना जाता था। पिछले साल 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिवखोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हमले में भी कताल का हाथ था। इसमें 10 लोगों की जान गई थी। कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती को भी अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी थी मुफ्ती शाह मीर को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 14 मार्च को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। मुफ्ती मीर ने ईरान से कुलभूषण जाधव को अगवा करने में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद की थी। नमाज के बाद वह मस्जिद से बाहर निकल रहा था। तभी बाइक सवार हमलावरों ने घात लगाकर उस पर हमला कर दिया और कई गोली मारी। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक गोली लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। ह्यूमन ट्रैफिकिंग (मानव तस्करी) और हथियारों की तस्करी में शामिल मुफ्ती मीर इस्लामिक कट्टरपंथी पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का मेंबर था। खबर लगातार अपडेट हो रही है…