52 साल की लाइबी ओइनम को पिछले महीने सोशल मीडिया पर उस वक्त सराहना मिली जब इस महिला ने रात में 140 किलोमीटर का सफर तय करके एक कोरोना से रिकवर हुई महिला को उसके घर पहुंचाया।
इंफाल में राजकीय जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में एक महिला काइलाज चल रहा था। वह महिला जबकोरोना से रिकवर हुईं तोउसने एंबुलेंस से घर जाने से मना कर दिया।जब इस बारे में लाइबी को पता चला तो उसने इस महिला को अपने ऑटो से घर पहुंचाने का फैसला किया।
लाइबी ने इस महिला को इंफाल से कमजोंग जिले ले जाने के लिए रात में ही 8 घंटे का सफर तय किया। उनके इस काम के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने लाइबी को 1,10,000 रुपये का इनाम दिया।लाइबी इंफाल के पेंगई बाजार में अपनी मां और दो बेटों के साथ रहती हैं। अपने परिवार में वे अकेले कमाने वाली हैं।
लाइबी को कहा असली हीरो
लोगों ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से लाइबी के इस काम की तारीफ करते हुए उन्हें असली हीरो कहा है। लाइबी एक स्ट्रीट वेंडर हैं जो ड्राय फिश बेचने का काम भी करती हैं।
वे कहती हैं मैंने सड़क किनारे दो लोगों को इस बारे में बात करते हुए सुना। वेऑटो ड्राइवर न मिलने से परेशान थे। मैंने सोचा अगर इस महिला की जगह मैं हॉस्पिटल से ठीक हो कर आती और कोई मुझे नहीं छोड़ता तो मैं कितनी परेशान होती। इसी विचार के साथ मैंने इस महिला की मदद करने का फैसला किया।
मेरे जीवन का सबसे मुश्किल सफर था
लाइबी कहती हैं जब मैंने उन लोगों को बताया कि मैं खुद ऑटो चलाकर आपको घर पहुंचा दूंगी तोउन्हें मुझे पर विश्वास नहीं हुआ। फिर मैंने उन्हें बताया कि ये मेरा ऑटो है और इसे मैं लंबे समय से चला रही हूं। तब कहीं जाकर उन्हें यकीन हुआ। जल्दी ही वे ऑटो ड्राइवर की ड्रेस यानी पैंट और शर्ट पहनकर आ गईं।
लाइबी कहती हैं ये मेरे जीवन का सबसे मुश्किल सफर था। मेरे ऑटो की हेड लाइट भी ठीक से काम नहीं कर रही थी। खराब रास्ते पर रात के अंधेरे में ऑटो चलाना मेरे लिए बिल्कुल आसान नहीं था।
मेहनत और आत्मविश्वास ने प्रभावित किया
लाइबी ऑटो चलाने का काम कई सालों से कर रही हैं। उन्हें इंफाल की सड़कों पर लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हुए देखा जा सकता है। 2013 में एक डॉक्यमेंट्री फिल्म मेकर मीना लोंगजम की नजर लाइबी पर पड़ी। लाइबी की मेहनत और आत्मविश्वास ने मीना को प्रभावित किया।
2015 में उसने लाइबी पर एकडॉक्यूमेंट्री फिल्म “लाइबी-ऑटो ड्राइवर (2015)” बनाई। इस फिल्म को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। लाइबी को आज भी वे दिन याद हैं जब उन्हें ऑटो चलाते हुए देखकर लोग हंसते थे। वे कहती हैं लोग मेरी ऑटो के पास आकर जब ड्राइवर के तौर पर मुझे देखते तो बैठने से मना कर देते थे। लेकिन अब मुझे इन सब बातों की आदत हो गई है।