क्षेत्रफल के लिहाज से बिहार देश का 13वां बड़ा राज्य है, लेकिन राजनीति के केंद्र में पहले नंबर पर रहता है। इसको ऐसे भी समझा जा सकता है कि देश की राजनीति में जो बड़े बदलाव आए हैं, वो बिहार की धरती से ही हुए हैं। मसलन, 1975 में आपातकाल के विरोध में जेपी आंदोलन। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल की पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष के रूप में सिफारिशें। यहां तक कि ब्रिटिश राज में नील की खेती करने वाले किसानों के शोषण के खिलाफ भी महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से ही आंदोलन शुरू किया था।
बिहार को राजनीतिक रूप से काफी जागरूक माना जाता है। लेकिन, ये राजनीतिक रूप से सबसे अस्थिर राज्यों में भी रहा है। शायद यही वजह है कि 1961 में श्रीकृष्ण सिंह के निधन के बाद 1990 तक 29 साल में 23 मुख्यमंत्री बदले और 5 बार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा।
पिछले 7 दशक में बिहार ने राजनीति के 8 दौर देखे हैं। यहां कभी कांग्रेस का दबदबा भी देखा गया, तो कभी जनता पार्टी और कभी लालू प्रसाद यहां की राजनीति के पर्याय हो गए। पिछले डेढ़ दशक से नीतीश कुमार का वर्चस्व है। इस स्टोरी में हम 17 ग्राफिक्स के जरिए बिहार की राजनीति के अलग-अलग दौर, पार्टियों के प्रभाव कैसे बढ़े-घटे, कितने सीएम बने, कितनी बार कौन सीएम बना, किस जाति से और किस पार्टी से कितने सीएम बने ये सभी बातें समझने की कोशिश करेंगे…
17 ग्राफिक्स में देखिए बिहार की राजनीति का पूरा इतिहास और अपने जानने वालों को शेयर कर उन्हें भी बताइये…

















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