इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब लिवरपूल ने 30 साल बाद इंग्लिश फुटबॉल (प्रीमियर) लीग की ट्रॉफी उठाई है। टीम ने 26 जून को ही पॉइंट्स के आधार पर खिताब पक्का कर लिया था, लेकिन बुधवार को चेल्सी को हराने के बाद अब ट्रॉफी भी मिल गई है। लिवरपूल ने टूर्नामेंट के अपने 37वें मुकाबले में चेल्सी को 5-3 से शिकस्त दी।
मैच के बाद खिलाड़ियों ने खाली स्टेडियम में ही जश्न मनाया। कोरोना के कारण टूर्नामेंट बगैर दर्शकों के ही खेला जा रहा है। इसी दौरान खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में सोशल डिस्टेंसिंग का नियम भी भूल गए और सभी ने मिलकर जश्न मनाया। इससे पहले पिछले महीने खिताब जीतने के बाद फैंस भी बगैर सोशल डिस्टेंसिंग के जश्न मनाते देखे गए थे।
तीन बार लीग का नाम बदला गया
इंग्लिश फुटबॉल लीग की शुरुआत 1888 में हुई थी। इसके बाद 1892 में नाम बदलकर फुटबॉल लीग फर्स्ट डिविजन कर दिया गया। इस दौरान लिवरपूल 18 बार खिताब जीत चुका था। इसके बाद 1992 में फिर नाम बदलकर इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) किया गया।
लिवरपूल ने पिछला खिताब 1990 में जीता था
1990 के बाद पहली बार लिवरपूल को यह खिताब मिला। खास बात ये है कि यह उपलब्धि उसे तब मिली जब टीम खिताबी मुकाबले के लिए मैदान पर भी नहीं उतरी। कोरोना संकट के कारण लिवरपूल के फैंस खुलकर जीत का जश्न नहीं मना पाए।
ईपीएल खिताब के मामले में लिवरपूल (19) दूसरे नंबर पर
132 साल के इतिहास में मैनचेस्टर यूनाइटेड (20) के बाद लिवरपूल (19) के पास ही सबसे ज्यादा लीग खिताब हैं। लिवरपूल ने 26 जून को टूर्नामेंट में 7 मैच बाकी रहते हुए चैम्पियन बन गई थी। ऐसा ईपीएल के इतिहास में एक रिकॉर्ड है। मैनचेस्टर यूनाइटेड ने 2000-01 में और मैनचेस्टर सिटी ने 2017-18 में 5-5 मैच बाकी रहते ही टाइटल अपने नाम कर लिया था।