लेबनान के प्रधानमंत्री समेत पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दिया, ब्लास्ट के बाद से ही लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे

लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए विस्फोट के एक हफ्ते (4 अगस्त) के बाद प्रधानमंत्री समेत पूरी सरकार ने सोमवार रात इस्तीफा दे दिया। पीएम हसन दियाब ने सोमवार शाम देश के नाम संबोधन में खुद इसकी घोषणा की। धमाके के बाद से ही देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी था। लोग सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। सोमवार शाम लोगों ने पीएम आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया। इससे पहले चार मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं।

सोमवार को न्याय मंत्री मैरी क्लाउड नजम और वित्त मंत्री गाजी वजनी ने इस्तीफा दिया। वहीं, रविवार को पर्यावरण मंत्री दामियनोस कत्तर और सूचना मंत्री मनल अब्दल समद ने सरकार से इस्तीफा दिया था। लोगों का आरोप है कि देश में जारी आर्थिक संकट से निपटने में विफल रहने के साथ ही सरकार विस्फोट के बाद भी गंभीर नहीं है।

करीब 10 हजार लोगों ने प्रदर्शन किया

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए लोगों ने रविवार को बेरुत में संसद के पास सड़क को बंद कर दिया था। यहां शहीद चौक पर लगभग 10 हजार लोग जमा हुए थे। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच युद्ध जैसी स्थिति हो गई। लोगों ने पुलिसकर्मियों पर जमकर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।

प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।

प्रदर्शन में 170 लोग घायल

कुछ प्रदर्शनकारियों ने मंत्रालयों और सरकारी बैंकों में भी तोड़-फोड़ की। रेड क्रॉस ने कहा कि इस दौरान एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 170 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा- हमने इन नेताओं को लोगों की मदद करने के लिए बहुत सारे मौके दिए, लेकिन वे हमेशा फेल हुए। हम चाहते हैं सरकार इस्तीफा दे। खासतौर पर हिजबुल्लाह, क्योंकि यह एक मिलिशिया है और सिर्फ अपने हथियारों से लोगों को डराता है।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने मंत्रालयों और सरकारी बैंकों पर भी धावा बोला।

पूरी सरकार इस्तीफा दे

लोग पूरी सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। देश के शीर्ष क्रिश्चियन मारोनाइट पादरी पैट्रिआर्क बेचर बूतरोस अल-राय ने कहा था कि कैबिनेट को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वे शासन करने के तरीके को नहीं बदल सकते। एक सांसद या मंत्री का इस्तीफा पर्याप्त नहीं है। पूरी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। वे देश को उबारने में असमर्थ हैं।

रविवार को बेरुत में शहीद चौक पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके।

सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन बंद

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 200 हो गई है। दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं। उनमें से कई विदेशी कर्मचारी हैं, जबकि घायलों की संख्या 7,000 से ज्यादा हो गई है। इस बीच सेना ने धमाकों का केंद्र बने बंदरगाह पर अपने खोज, बचाव अभियान को बंद कर दिया है।

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लेबनान की राजधानी बेरुत में रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। इस दौरान एक पुलिसकर्मी की भी जान चली गई।