फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को निवेश के लिए सबसे सुरक्षित और लोकप्रिय साधन माना गया है। लेकिन बैंक फिलहाल फिक्स्ड डिपॉजिट पर कम ब्याज ऑफर कर रहे हैं इस कारण लोग कॉरपोरेट या कंपनी एफडी की और रुख कर रहे हैं। ऐसे निवेशक जो ज्यादा रिटर्न के लिए रिस्क ले सकते हैं उनके लिए कंपनी एफडी बचत अच्छा विकल्प है। आप FD के जरिए रेगुलर इनकम का इंतजाम भी कर सकते हैं इसे FD लैडरिंग टेक्नीक कहते हैं। हम आपको आज इसके बारे में बता रहे हैं।
बैंक/कॉरपोरेट एफडी लैडरिंग टेक्नीक
बैंक FD लैडरिंग एक तरह की टेक्नीक होती है, जिसमें एक साथ FD न करके उसे अलग-अलग अवधि के लिए कई FD में निवेश किया जाता है। इसके लिए आपको छोटे-छोटे निवेश के लिए एक लम्प-सम अमाउंट तय करनी होती है। इसके बाद इन्हें अलग-अलग अवधि के लिए निवेश कर दिया जाता है।
उदाहरण से समझें
मान लीजिए, आप किसी बैंक या कॉरपोरेट FD में कुल 7 लाख रुपए जमा कराना चाहते हैं। ऐसे में, 7 लाख रुपए के केवल एक ही FD की जगह आप इसे छोटे-छोटे FD में बांट लें और इसे अलग-अलग मैच्योरिटी के लिए निवेश कर दें। अगर आप इसे 1-1 लाख रुपए के 7 FD में बांटते हैं और हर एफडी को 1, 2, 3, 4, 5, 6, और 7 साल के लिए निवेश करते हैं तो हर साल आपकी एक एफडी मैच्योर होगी। इस तरह आपके पास पर्याप्त लिक्विडिटी उपलब्ध रहेगी। वाहन अगर FD मैच्योर होने के बाद आपको पैसों की जरूरत नहीं है तो इसे एक बार फिर से निवेश कर सकते हैं।
इससे नहीं होगी आपके पास लिक्विडिटी की कमी
लैडरिंग टेक्नीक से आप अलग-अलग मैच्योरिटी के लिए निवेश करेंगे इससे FD की एक चेन बन जाएगी। जिससे आपको सही रिटर्न भी मिलता रहेगा और आप अपने लिक्विडिटी की जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। आप यह लैडरिंग अपने सुविधा और भविष्य में संभावी जरूरतों के आधार पर डिजाइन कर सकते हैं।
कॉरपोरेट एफडी में ले सकते हैं सिस्टेमैटिक डिपॉजिट प्लान
AAA रेटेड कॉरपोरेट FD पर बैंकों FD से करीब 1 से 2 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलता है। इनमें से कुछ एफडी पर सिस्टेमैटिक डिपॉजिट प्लान(SDP) की भी सुविधा मिलती है। इसके तहत आपको हर महीने एक छोटी रकम डिपॉजिट करने की सुविधा मिलती हैं। मैच्योरिटी के बाद आप अपने पैसे को एक ही बार या अलग-अलग किस्तों में भी निकाल सकते हैं। लेकिन, आपको कॉरपोरेट एफडी में निवेश करने से पहले जोखिम के बारे में भी सोचना चाहिए। हालांकि, AAA कंपनी FD की सुविधा देती हैं लेकिन इनमें आपकी पूंजी की सुरक्षा को लेकर कोई गारंटी नहीं होती है।
क्या होती है कॉरपोरेट FD?
दरअसल कंपनियां अपनी जरूरतों के लिए पूंजी जुटाने का काम करती हैं। कंपनियां एक निश्चित अवधि के लिए निवेशक से यह पूंजी लेती हैं जिसे कॉरपोरेट FD कहते हैं। इसके लिए वह निवेश्क से विज्ञापन के जरिए निवेश करने के लिए कहती हैं। आमतौर पर निवेशक को आकर्षित करने के लिए इस एफडी पर कंपनियां बैंक और अन्य फाइनेंस कंपनियों से ज्यादा ब्याज देती हैं। क्योंकि, इन कंपनियों के पास कंपनी कानून तहत के डिपॉजिट लेने का अधिकार होता है। चूंकि कंपनियों के कॉरपोरेट एफडी पर ब्याज दर अधिक होता है इसलिए इसमें निवेश करना बेहतर होता है।