भारतीय निवेशकों ने प्रॉपर्टी और गोल्ड से रिटर्न के मुकाबले इक्विटी में निवेश कर ज्यादा कमाई की है। पिछले 1 साल से 25 साल के बीच किसी भी 5 साल की अवधि में इक्विटी में निवेश ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली की स्टडी के अनुसार 5 साल , 10 साल , 15 साल , 20 साल और 25 साल की अवधि में भारतीय इक्विटी (BSE सेंसेक्स) से मिलने वाला रिटर्न रियल एस्टेट, गोल्ड, 10 साल की ट्रेजरी और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसे अन्य एसेट क्लास से बेहतर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इक्विटी ने 25 साल के पीरियड में 15% कंपाउंडेड एनुअल प्री-टैक्स रिटर्न (CAGR) दिया है। वहीं, गोल्ड ने 11.1%, बैंक FD ने 7.3% और देश के सात बड़े शहरों में प्रॉपर्टी या रियल एस्टेट ने 7% का रिटर्न दिया है। मॉर्गन स्टेनली के रिपोर्ट की फाइंडिंग्स: भारतीयों का इक्विटी में निवेश 3%, जल्द 10% होगा मॉर्गन स्टेनली के इकोनॉमिस्ट रिदम देसाई ने रिपोर्ट में कहा, ‘हमारा मानना है कि भारतीय परिवार अब भी इक्विटी में कम निवेश कर रहे हैं। आने वाले साल में इक्विटी में उनका निवेश बढ़कर 10% का आंकड़ा पार कर सकता है, जो फिलहाल केवल 3% ही है।’ 10 साल में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 8% बढ़ी रिपोर्ट के मुताबिक बीते 10 साल में भारतीय शेयरों में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 8% बढ़कर 23.4% तक पहुंच गई है। 2013 में यह हिस्सेदारी 15.7% और 2018 में 20% थी। इस ट्रेंड के मुताबिक, हाल के वर्षों में शेयर बाजार में कॉमन इंडियन की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।