1. मिथ – जींस को फ्रीज़ करने से उसमें मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं।
फैक्ट : जींस को फ्रीज़ करने से बैक्टीरिया नहीं मरते हैं। वह इसलिए कि फ्रीज़र का तापमान (0 डिग्री) इतना भी कम नहीं होता है कि ये बैक्टीरिया को मार दे। बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए कम से कम -80 डिग्री तक का तापमान चाहिए।
2. मिथ – हाथ से बर्तन धोने से पानी बचेगा।
फैक्ट : हो सकता है डिशवॉशर में बर्तन धोना इकोफ्रेंडली न लगे पर सच तो यह है कि हाथ से बर्तन धोने में पानी बहुत ज्यादा बर्बाद हो जाता है। एक साधारण फुल साइज डिशवॉशर बर्तन धोने के लिए केवल पांच गैलन पानी लेता है।
3. मिथ : ज्यादा डिटर्जेंट का इस्तेमाल यानी ज्यादा साफ होंगे कपड़े।
फैक्ट : आमतौर पर मशीन में कपड़े धोते हैं तो थोड़ा ज्यादा डिटर्जेंट लिया जाता है। सही तरीका यह है कि आप जितना डिटर्जेंट इस्तेमाल करते हैं उसका आधा कर देना चाहिए। अगर लगे कि कपड़े ठीक से साफ नहीं हो रहे हैं तो ही डिटर्जेंट की मात्रा बढ़ानी चाहिए। आपके कपड़े साफ ही धुलेंगे।
4. मिथ : विनेगर सब साफ़ कर सकता है।
फैक्ट : दरअसल विनेगर एक एसिड है जिसका मतलब है, वो घर में मौजूद हर सतह के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। मल्टीपर्पज क्लीनर की तरह इसका इस्तेमाल करना ठीक है, लेकिन पोरस सरफेस, टेक डिवाइस के लिए ये बिल्कुल ठीक नहीं है। यदि ग्रेनाइट और मार्बल को विनेगर से साफ करते हैं तो कुछ ही समय में उनकी फिनिश खराब हो जाएगी। स्टोन को साफ करने का सबसे अच्छा तरीका है- गुनगुना पानी और साबुन से उसे धोना।
5. मिथ – फर्नीचर को नया बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है पॉलिश।
फैक्ट : लकड़ी के फर्नीचर के ज्यादातर पीसेस को पॉलिश की जरूरत ही नहीं होती। उन्हें तो केवल नमी से बचाने की जरूरत होती है। यदि आप फर्नीचर पर बार-बार पॉलिश करवाते हैं, तो उस पर एक चिपचिपी लेयर जम जाएगी जो फिनिश को खराब कर देगी।