इन दिनों अगर आप लोन लेने का प्लान बना रहे हैं और चाहते हैं कि आपकी लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट न हो, तो इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। किसी भी बैंक में लोन के लिए आवेदन करने से पहले रीपेमेंट कैपेसिटी और फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो सहित इन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको लोन लेने में परेशानी का सामना न करना पड़े।
अपने सिबिल स्कोर का ध्यान रखें
लोन लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर का अच्छा होना बहुत जरूरी होता है। इससे ही व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री का पता चलता है। पर्सनल लोन के मामले में बैंक आवेदक का सिविल स्कोर जरूर देखते हैं। क्रेडिट स्कोर कई खास क्रेडिट प्रोफाइलिंग कंपनियों की तरफ से तय किया जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि आपने पहले लोन लिया है या क्रेडिट कार्ड आदि का इस्तेमाल किस प्रकार किया है। किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर रीपेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट इस्तेमाल का अनुपात, मौजूदा लोन और बिलों के समय पर पेमेंट से पता चलता है।यह स्कोर 300-900 की रेंज में होता है, लेकिन 700 या उससे ज्यादा के स्कोर को कर्जदाता अच्छा मानते हैं।
रीपेमेंट कैपेसिटी
लोन की अवधि और रकम चुनने से पहले ठीक से विचार करना चाहिए। कभी भी जरूरत से ज्यादा पैसा नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा लोन की किस्तें अपनी क्षमता को देखकर ही तय करना चाहिए। लोन को जितना जल्दी हो सके निपटाने की कोशिश करनी चाहिए।
ज्यादा हाई FOIR से होगी दिक्कत
फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो (FOIR) से पता चलता है कि आपकी पहले से जा रही ईएमआई, घर का किराया, बीमा पॉलिसी और अन्य भुगतान मौजूदा आय का कितना फीसदी है। अगर लोन दाता को आपके ये सभी खर्च आपकी सैलरी के 50% तक लगते हैं तो वह आपकी लोन एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर सकते है। इसीलिए यह ध्यान भी रखें की लोन की रकम इससे ज्यादा न हो।
गारंटी ली है तो रखें ध्यान
अगर आप किसी के साथ मिलकर या किसी के लोन की गारंटी ली है तो यह भी आपको उसे चुकाने के लिए जिम्मेदार बनाते हैं। इस मामले में अगर ईएमआई का भुगतान नहीं किया जाता है तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वहीं, यह आपको लोन लेने के लिए अपात्र बना देगा। इस मामले में आपकी होम लोन की एप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकती है।
संबंधित बैंक से लें लोन
अगर आप लोन लेने का सोच रहे हैं तो उसी बैंक से लोन लें जहां आपका अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट या क्रेडिट कार्ड सेवा आप वहां से ले रहे हों। क्योंकि बैंक अपने रेगुलर कस्टमर्स को आसानी से और उचित ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराते हैं।