फार्मा कंपनी ल्युपिन ने कहा है कि वह अभी भी अमेरिका में अपने कारोबार को लेकर पॉजिटिव है। इसके जनरिक प्रोडक्ट के करीबन 158 अप्लीकेशन अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के पास मंजूरी के लिए पड़ा है। यह जानकारी कंपनी ने अपनी 2019-20 की सालाना रिपोर्ट में दी है।
अमेरिकी बिजनेस में 5 प्रतिशत की वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, ल्युपिन के प्रबंध निदेशक (एमडी) निलेश गुप्ता और सीईओ विनिता गुप्ता ने कहा है कि कंपनी का अमेरिकी बिजनेस पिछले साल स्थिर रहा है। इसमें 5 प्रतिशत की वृद्धि दिखी है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 158 एब्रिविएटेड न्यू ड्रग अप्लीकेशंस (एएनडीए) मंजूरी के लिए अमेरिकी एफडीए के पास पड़े हैं। इससे पता चलता है कि हमारी पाइपलाइन में कितने प्रोडक्ट हैं। कंपनी ने इस साल 21 एएनडीए के अप्लीकेशंस को फाइल किया है। इसमें से 2 को एक्सक्लूसिव फर्स्ट टू फाइल्स के लिए कन्फर्म किया गया है।
अमेरिकी बिजनेस का योगदान 38 प्रतिशत
वे कहते हैं कि हमारा अनुमान है कि हम आगे अपने पहले बड़े इन्हेलेशन प्रोडक्ट को लांच कर सकते हैं। यह एफडीए की मंजूरी के लिए इंतजार में है। 2019-20 में कंपनी के बिजनेस में अमेरिकी बाजार का योगदान 38 प्रतिशत रहा है। यह करीबन 6,000 करोड़ रुपए रहा है। 2018-19 की तुलना में इसमें 3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
घरेलू बिजनेस का योगदान 34 प्रतिशत
ल्यूपिन फार्मा का घरेलू बिजनेस लगातार बढ़ रहा है। कंपनी के टॉपलाइन में देश से 34 प्रतिशत का योगदान है। यह करीबन 15,142 करोड़ रुपए 2019 में रहा है। कुल बिजनेस में यह दूसरा सबसे बड़ा बाजार कंपनी के लिए है। कंपनी के भारतीय बिजनेस में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ल्यूपिन की टॉप प्रायोरिटी 2019-20 में ग्रोथ की रही है। 2018-19 में कंपनी की ग्रोथ अच्छी नहीं रही है।
अगली तिमाहियों में प्रदर्शन सुधरेगा
कंपनी के एमडी ने कहा कि इसके लिए हमने महत्वपूर्ण प्रगति की है। हम अपनी लागत को लेकर भी आशावादी हैं। जैसे ही वैश्विक स्थिति सुधरेगी, हमें विश्वास है कि हमारा प्रदर्शन अगली कुछ तिमाहियों में दिखेगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि वित्तवर्ष 2020 में हम अपनी लागत को लेकर काम करेंगे। ल्यूपिन के ऊपर 31 मार्च 2020 तक कुल 1,511.8 करोड़ रुपए का कर्ज था। उसके एक साल पहले यह 5,243 करोड़ रुपए था।