वक्फ कानून का विरोध, मुर्शिदाबाद में दो की हत्या:भीड़ ने पिता-बेटे को पीट-पीटकर मार डाला; अबतक 118 गिरफ्तार, इंटरनेट बंद

वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शनिवार को फिर हिंसा भड़क गई। हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर पिता-बेटे की हत्या कर दी। इनकी पहचान हरगोविंद दास और चंदन दास के रूप में हई है। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। वहीं, गोली लगने से एक अन्य घायल हो गया। हिंसा जिले के समसेरगंज ब्लॉक के धुलियान में हुई। ADG (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया- घटना का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है। गोली पुलिस की ओर से नहीं चली है, BSF की ओर से हो सकता है। ये शुरुआती जानकारी है। घायल खतरे से बाहर है। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से कहा- वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। कानून केंद्र ने बनाया है, इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र से मांगा जाना चाहिए। मेरी अपील है कि शांत रहें। सबकी जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं। इससे पहले 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद समेत चार जिलों में हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम भी फेंके गए। इस दौरान 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बीते दिन भी तीन लोगों की मौत की खबर भी आई, लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी थी। मामले में अब तक 118 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। वक्फ कानून पर मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन से जुड़ी 8 तस्वीरें… ​​​​​​राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शाह से बातचीत की
पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर राज्य के गर्वनर सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की। इसके अलावा बोस ने राज्य सरकार को मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना जिलों के संवेदनशील इलाकों में उपद्रव के लिए जिम्मेदार उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए। राजभवन के जारी वीडियो में बोस ने कह- सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित नहीं किया जा सकता है और विरोध के नाम पर लोगों के जीवन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। उन उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो सोचते हैं कि वे कानून को अपने हाथ में ले सकते हैं। शुभेंदु अधिकारी बोले- कट्टरपंथी खुलेआम हिंसा कर रहे
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बंगाल में अराजकता और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा, “कुछ कट्टरपंथी समूह संविधान और कानून का विरोध कर खुलेआम हिंसा कर रहे हैं। आम लोग असुरक्षित हैं।” मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ऐलान, 87 दिन चलेगा प्रदर्शन
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 07 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे। जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी। AIMPLB बोली- शाह बानो मामले जैसा जन आंदोलन बनाया जाएगा
AIMPLB ने इसे शाह बानो मामले (1985) की तरह व्यापक जन आंदोलन बनाने की बात कही है, जो शहरों से लेकर गांवों तक फैलेगा। AIMPLB की महिला विंग अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को जागरूक करेगी। बोर्ड ने समुदाय से संयम बरतने और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बचने की अपील की गई है। सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाया
AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने वीडियो मैसेज जारी किया है। वीडियो में मुजद्दिदी ने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने वीडियो में कहा- यह अभियान वक्फ संपत्तियों की रक्षा और विधेयक को निरस्त करने की मांग को लेकर चलाया जा रहा है। AIMPLB का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की प्रकृति और स्वायत्तता को नुकसान पहुंचाएगा, जिसे वे इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के खिलाफ मानते हैं। बोर्ड के मुताबिक आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक विधेयक पूरी तरह निरस्त नहीं हो जाता। इसे ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान का नाम दिया गया है, क्योंकि बोर्ड इसे संवैधानिक अधिकारों से जोड़ता है। सुप्रीम कोर्ट में 17 याचिकाएं दाखिल, 10 लिस्ट हुईं
सुप्रीम कोर्ट में नए वक्फ कानून की संवैधानिकता को चुनौती देना वाली 17 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इनमें से 10 याचिकाएं सुनवाई के लिए लिस्ट की गई हैं। CJI संजीव खन्ना वाली 3 सदस्यीय बेंच 16 अप्रैल को इनपर सुनवाई करेगी। याचिका दाखिल करने वालों में पॉलिटिकल पार्टी, नेता, सांसद, निजी और संगठन (NGO) शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी थी जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 9 अप्रैल को हंगामा हुआ था। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों ने सदन में बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की। इस दौरान NC और भाजपा विधायकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इससे पहले 7 और 8 अप्रैल को भी 5 अप्रैल को राष्ट्रपति ने कानून को मंजूरी दी, गजट नोटिफिकेशन जारी वक्फ संशोधन बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को 5 अप्रैल की देर रात मंजूरी दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी। बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था- कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। बिल को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, 95 ने विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 2 अप्रैल की आधी रात पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था। ———————————————-
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