वर्ल्ड अपडेट्स:आतंकी तहव्वुर राणा की अर्जी फिर खारिज, अमेरिकी कोर्ट में प्रत्यर्पण रोकने की मांग की थी

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। अब उसे भारत लाए जाने का रास्ता साफ होते जा रहा है। तहव्वुर ने अपनी याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए कहा था कि अगर भारत डिपोर्ट किया गया तो मुझे प्रताड़ित किया जा सकता है। तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। फिलहाल वह लॉस एंजिल्स के एक हिरासत केंद्र में बंद हैं। 64 साल का तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उस पर पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली की मदद करने का आरोप है। हेडली 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। तहव्वुर हुसैन पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया। यहां से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… बांग्लादेश में कोर्ट ने शेख हसीना समर्थक 70 वकीलों को जेल भेजा बांग्लादेश की एक अदालत ने शेख हसीना समर्थक 70 वकीलों को जेल भेज दिया है। इन वकीलों के खिलाफ पिछले साल हुए हिंसक छात्र आंदोलन के दौरान मारपीट व हत्या की कोशिश के मामले दर्ज थे। इस आंदोलन के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। ढाका मेट्रोपोलिटन सेशन जज मोहम्मद जाकिर हुसैन ने वकीलों को जमानत देने से इन्कार करते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया। 9 महिला वकीलों और ढाका बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अबू सैयद सागर को जमानत मिल गई है। जिम्बाब्वे ने अमेरिकी सामानों पर लगने वाले सभी टैरिफ हटाए, राष्ट्रपति बोले- ट्रम्प से बेहतर संबंध चाहता हूं जिम्बाब्वे ने अमेरिकी सामानों पर लगने वाले सभी सामानों पर टैरिफ हटा दिया है। राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा ने कहा कि वे ऐसा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2 अप्रैल को एकसाथ 60 देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने जिम्बाब्वे पर 18% का टैरिफ लगाया था। फ्रांस में प्रतिबंध के बाद ली पेन ने दिखाई ताकत, पेरिस में कहा- हार नहीं मानूंगी फ्रांस में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित की गईं दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन ने रविवार को पेरिस में एक बड़ी रैली का आयोजन किया। इसमें हजारों लोग शामिल हुए। ली पेन ने कहा कि अदालत के फैसले ने उनका सम्मान कुचला है। वह इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगी। मरीन ली पेन फ्रांस को राष्ट्रपति मैक्रों का मुखर विरोधी माना जाता है। फ्रांस में पेन की पहचान एक कट्टर राष्ट्रवादी और प्रवासी विरोधी की है। अपने आक्रामक भाषणों से पेन ने युवाओं के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है। फ्रांस में 2027 में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं। ली पेन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद से फ्रांस का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है।​​​​​​​ वेटिकन में लोगों से मिले पोप फ्रांसिस, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के दो हफ्ते बाद पहली बार सबके सामने आए पोप फ्रांसिस अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पहली बार रविवार को वेटिकन में सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के दो हफ्ते बाद वे पहली बार लोगों के सामने आए थे। 88 साल के पोप व्हीलचेयर में बैठे थे और सांस लेने में मदद के लिए उनकी नाक में एक ट्यूब लगा हुआ था। वेटिकन के सेंट पीटर्स स्क्वायर में उन्होंने लोगों की ओर हाथ हिलाकर अभिवादन किया और कहा ‘सभी को रविवार की शुभकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद। पोप की आवाज अभी भी कमजोर थी लेकिन पहले से बेहतर थी। पोप को फरवरी में निमोनिया हो गया था, जिसके बाद उन्हें पांच हफ्तों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। 14 फरवरी को उन्हें रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती किया गया था। शुरू में उन्हें गंभीर सांस की समस्या थी, लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें फेफड़ों में संक्रमण हो गया है, जो दोनों फेफड़ों में निमोनिया में बदल गया। डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी के दौरान उनकी हालत काफी नाजुक हो गई थी और वे मृत्यु के करीब पहुंच गए थे। 23 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली और वे वेटिकन स्थित अपने आवास में आराम करने के लिए लौटे। डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें पूरी तरह ठीक होने में कम से कम दो महीने लग सकते हैं। ट्रम्प बोले- मैं चाहता हूं रूस-यूक्रेन रुकें, उनका एक-दूसरे पर बमबारी करना मुझे अच्छा नहीं लगता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि रूस के साथ शांति वार्ता चल रही है और अमेरिका चाहता है कि युद्ध रुके, क्योंकि इससे हर हफ्ते हजारों लोगों की जान जा रही है। एयर फोर्स वन विमान में सफर के दौरान ट्रम्प ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा, ‘हम रूस से बात कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि वे रुकें। मुझे ये अच्छा नहीं लगता कि वे लगातार बमबारी करते रहें और हर हफ्ते हजारों युवा मारे जाएं।’ ट्रम्प की यह टिप्पणी उस समय आई है जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि रूस ने ब्लैक सी से मिसाइलें दागी हैं। उन्होंने पोस्ट में युद्धविराम की अपील करते हुए कहा कि अगर युद्धविराम होता है, तो वह पूर्ण और बिना किसी शर्त के होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने अमेरिका के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। लेकिन पुतिन मना कर रहे हैं। हम अमेरिका की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, जो अब तक नहीं आई है। हम यूरोप और दुनियाभर के सभी उन देशों से भी प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हैं जो वास्तव में शांति चाहते हैं।